खूंटीः अवैध पत्थर खनन और परिवहन के खिलाफ गश्ती करने निकली वन विभाग की टीम को खूंटी प्रखंड के केंदुआ टोली के पास स्थानीय ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची और वन विभाग के कर्मियों को ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराकर खूंटी ले गई.
मुरही में कार्रवाई करने गई थी टीम
वन विभाग के पदाधिकारी के अनुसार वन विभाग की टीम बुधवार को अहले सुबह मुरही वन क्षेत्र में गश्ती कर रही थी. इस दौरान वन विभाग की टीम को देखकर कुछ लोगों ट्रैक्टरों से पत्थर अनलोड कर ट्रैक्टर लेकर भागने लगे. वन विभाग की टीम ने पीछा कर एक ट्रैक्टर को पकड़ लिया और उसे जब्त कर खूंटी ले गए. हालांकि जिस निजी गाड़ी से वन विभाग की टीम पहुंची थी वह वहीं रह गई.
ट्रैक्टर छोड़ने की मांग को लेकर बनाया बंधक
दोबारा जब वन विभाग की टीम अपनी निजी गाड़ी लेने गांव पहुंची तो केंदुआ टोली के ग्रामीण जुट गए और जब्त ट्रैक्टर को छोड़ने की मांग करने लगे. इस दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को बंधक बना लिया. साथ ही कुछ ग्रामीणों ने वन कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी की. मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के चंगुल से वन कर्मियों को मुक्त कराकर खूंटी ले गई.
वन विभाग के कार्यालय का भी घेराव किया
इधर, घटना के दो घंटे बाद भारी संख्या में ग्रामीणों ने खूंटी वन विभाग के कार्यालय पहुंचकर कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान ग्रामीण जब्त ट्रैक्टर को छोड़ने की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के कर्मी खाली ट्रैक्टर जब्त कर ले आए हैं. ट्रैक्टर पर कुछ लोड नहीं है.
जल-जंगल-जमीन हमारा हक
ग्रामीणों का कहना है कि जल-जंगल-जमीन हमारा है और हम अपनी जमीन पर काम करते हैं. इससे हमारा रोजगार चलता है. इसे रोकने का अधिकार किसी को नहीं है. वहीं सूचना पर पहुंचे झामुमो नेता चार्ल्स पाहन ने ग्रामीणों के समर्थन में कहा कि जल-जंगल-जमीन ग्रामीणों की संपत्ति है और उसपर उन्हें काम करने देना चाहिए. झामुमो नेता ने कहा कि वन विभाग की टीम खाली ट्रैक्टर को पकड़ कर ले गई है. उन्होंने कहा कि अपनी जमीन पर काम करने वाले ग्रामीणों को परेशान नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वन विभाग की कार्रवाई से लोगों में दहशत बढ़ता है. जिसके कारण वो लोग इधर-उधर भागते हैं. यदि ऐसे में कोई जनहानि होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की जमीन को चिन्हित कर उन्हें लाइसेंस मुहैया कराया जाए, ताकि वे बिना डर के काम कर सकें.
वन विभाग पर परेशान करने का आरोप
वहीं कुछ ग्रामीणों ने कहा कि जमीन हमारी है. इसलिए हम अपनी जमीन पर काम करते हैं. इसके बावजूद हमारी जमीन पर बनी खदान पर डर-डर के काम करना पड़ रहा है. यही कारण है कि गाड़ी पकड़ने के कारण वन विभाग के कर्मी को रोक दिया था. वहीं कुछ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई से उनका रोजी-रोटी छीन रही है. यहां पर बने खदान पर वर्षों से काम करते आ रहे हैं. जिससे उनका परिवार चलता है.
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वन कर्मी ने दी जानकारी
वहीं इस संबंध में वनकर्मी प्रवीण सिंह ने कहा कि डीएफओ के निर्देश पर एक टीम बनाई गई है. उनके निर्देशानुसार अवैध पत्थर के खनन एवं परिवहन रोकने की सूचना पर गठित टीम एक सप्ताह से क्षेत्र में छापेमारी कर रही है. अब तक ट्रैक्टर समेत पत्थर तोड़ने वाले कई औजार जब्त किए जा चुके हैं.
वन कर्मी प्रवीण सिंह ने बताया कि बुधवार की सुबह टीम गश्ती करने गई थी. इसी दौरान पत्थर से लदा एक ट्रैक्टर को पकड़ने के लिए टीम आगे बढ़ी, लेकिन ट्रैक्टर से पत्थर को अनलोड कर शख्स ट्रैक्टर लेकर भागने लगा. टीम ने केंदुवा टोली के पास से ट्रैक्टर को जब्त कर लिया और वन विभाग के सुपुर्द कर दिया. उसके बाद अपनी निजी गाड़ी को लेने के लिए वापस गए तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और घंटों बंधक बनाकर रखा. साथ ही ग्रामीणों ने धक्का-मुक्की भी की.
सरकारी कार्य में बाधा डालने की कोशिश
उन्होंने बताया कि इसमें अमर मुंडा सहित कई अन्य लोग भी शामिल थे. फॉरेस्टर ने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि डीएफओ के निर्देश पर क्षेत्र में कार्रवाई करने गए थे. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में विमल गंझू, अमर मुंडा और एतवा मुंडा समेत कई लोगों को चिन्हित किया गया है, जो क्षेत्र में अवैध खनन कर रहे हैं.
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