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सदन में दिनभर होता रहा हंगामा, जमकर हुई टीका-टिप्पणी, कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां

झारखंड विधानसभा की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा हुआ. हेमंत सरकार ने प्रथम अनुपूरक बजट भाजपा की गैर मौजूदगी में ध्वनि मत से पारित किया. लैंड म्यूटेशन बिल के खिलाफ भाजपा के विधायक वेल में आ गए और कैबिनेट से मिली मंजूरी को निरस्त करने की मांग करने लगे.

Ruckus in monsoon session of Jharkhand Legislative Assembly
झारखंड विधानसभा
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Published : Sep 21, 2020, 9:10 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 10:50 PM IST

रांची: हेमंत सरकार का प्रथम अनुपूरक बजट मुख्य विपक्षी दल भाजपा की गैर मौजूदगी में ध्वनि मत से पारित हो गया. अनुपूरक बजट पर भाकपा माले विधायक विनोद सिंह के कटौती प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन जब सरकार का जवाब पेश करने के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव खड़े हुए तो भाजपा ने वॉकआउट कर दिया. इससे पहले दिनभर सदन में हंगामा होता रहा.

विधानसभा में हंगामा

लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर वेल में बीजेपी विधायक

झारखंड विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल के खिलाफ भाजपा के विधायक वेल में आ गए और कैबिनेट से मिली मंजूरी को निरस्त करने की मांग करने लगे. विपक्ष ने सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज और उनकी मांगों को भी अनसुना करने का आरोप लगाया. स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष भी रखा. उन्होंने कहा कि बिल की खामियों को देखते हुए ही इसे सदन पटल पर नहीं रखा गया. उन्होंने माना कि गलती से यह बिल कैबिनेट से पास हो गया था.

सहायक पुलिसकर्मियों पर मंत्री ने रखा पक्ष

सहायक पुलिसकर्मियों के मसले पर आलमगीर आलम ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की ओर से निकाली गई अधिसूचना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार उनके हित में सोच रही है, जहां तक लाठीचार्ज का मामला है तो यह सब उनके आंदोलन के गलत तरीके की वजह से हुआ और कहीं ना कहीं इस मसले को हवा दी जा रही है. इस बीच मुख्यमंत्री ने भी पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से मंत्री को भी वार्ता के लिए भेजा गया था, लेकिन बात बनते बनते बिगड़ती रही, इस सब के पीछे साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि जिले के एसएसपी भी संक्रमित हो गए हैं जो बार-बार सहायक पुलिसकर्मियों से बातचीत के लिए उनके संपर्क में आ रहे थे, लेकिन भाजपा विधायक बार-बार वेल में आकर हंगामा करते रहे इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रही.

इसे भी पढे़ं:- सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन में फूट, 3 जिलों के सहायक पुलिसकर्मी घर रवाना

सीपी सिंह ने क्या कहा

सहायक पुलिसकर्मियों को भाजपा विधायकों के तरफ से भड़काने के मसले पर सीपी सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव 5 साल के लिए होता है और जनता ने लाठी चलाने के लिए मैंडेट नहीं दिया है. इस पर सत्ता पक्ष के कई विधायक खड़े हो गये और पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय पारा शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की याद दिलाने लगे. हंगामा बढ़ा तो सीपी सिंह ने कहा कि अगर उन्हें बोलने से रोका जाएगा तो वह भी किसी को बोलने नहीं देंगे. हालांकि इस बात को प्रोसिडिंग से हटा दिया गया.

सुदेश महतो ने क्या कहा

आजसू विधायक सुदेश महतो ने सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री से उनके सेवा विस्तार की मांग की. उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की भी मांग की, साथ ही झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल पर आए सरकार के पक्ष को अस्पष्ट करार दिया.

बंधु तिर्की ने उठाया सरना धर्म कोड का मामला

विपक्ष के हंगामे के बीच शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक बंधु तिर्की ने सरना धर्म कोड पर प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने का आग्रह किया. इस बीच झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल को निरस्त करने की मांग के साथ भाजपा विधायक वेल में हंगामा करते रहे. कई बार विधायकों ने वेल में आकर तालियां भी बजाई. हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 20 मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

रांची: हेमंत सरकार का प्रथम अनुपूरक बजट मुख्य विपक्षी दल भाजपा की गैर मौजूदगी में ध्वनि मत से पारित हो गया. अनुपूरक बजट पर भाकपा माले विधायक विनोद सिंह के कटौती प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन जब सरकार का जवाब पेश करने के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव खड़े हुए तो भाजपा ने वॉकआउट कर दिया. इससे पहले दिनभर सदन में हंगामा होता रहा.

विधानसभा में हंगामा

लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर वेल में बीजेपी विधायक

झारखंड विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल के खिलाफ भाजपा के विधायक वेल में आ गए और कैबिनेट से मिली मंजूरी को निरस्त करने की मांग करने लगे. विपक्ष ने सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज और उनकी मांगों को भी अनसुना करने का आरोप लगाया. स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष भी रखा. उन्होंने कहा कि बिल की खामियों को देखते हुए ही इसे सदन पटल पर नहीं रखा गया. उन्होंने माना कि गलती से यह बिल कैबिनेट से पास हो गया था.

सहायक पुलिसकर्मियों पर मंत्री ने रखा पक्ष

सहायक पुलिसकर्मियों के मसले पर आलमगीर आलम ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की ओर से निकाली गई अधिसूचना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार उनके हित में सोच रही है, जहां तक लाठीचार्ज का मामला है तो यह सब उनके आंदोलन के गलत तरीके की वजह से हुआ और कहीं ना कहीं इस मसले को हवा दी जा रही है. इस बीच मुख्यमंत्री ने भी पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से मंत्री को भी वार्ता के लिए भेजा गया था, लेकिन बात बनते बनते बिगड़ती रही, इस सब के पीछे साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि जिले के एसएसपी भी संक्रमित हो गए हैं जो बार-बार सहायक पुलिसकर्मियों से बातचीत के लिए उनके संपर्क में आ रहे थे, लेकिन भाजपा विधायक बार-बार वेल में आकर हंगामा करते रहे इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रही.

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सीपी सिंह ने क्या कहा

सहायक पुलिसकर्मियों को भाजपा विधायकों के तरफ से भड़काने के मसले पर सीपी सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव 5 साल के लिए होता है और जनता ने लाठी चलाने के लिए मैंडेट नहीं दिया है. इस पर सत्ता पक्ष के कई विधायक खड़े हो गये और पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय पारा शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की याद दिलाने लगे. हंगामा बढ़ा तो सीपी सिंह ने कहा कि अगर उन्हें बोलने से रोका जाएगा तो वह भी किसी को बोलने नहीं देंगे. हालांकि इस बात को प्रोसिडिंग से हटा दिया गया.

सुदेश महतो ने क्या कहा

आजसू विधायक सुदेश महतो ने सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री से उनके सेवा विस्तार की मांग की. उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की भी मांग की, साथ ही झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल पर आए सरकार के पक्ष को अस्पष्ट करार दिया.

बंधु तिर्की ने उठाया सरना धर्म कोड का मामला

विपक्ष के हंगामे के बीच शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक बंधु तिर्की ने सरना धर्म कोड पर प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने का आग्रह किया. इस बीच झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल को निरस्त करने की मांग के साथ भाजपा विधायक वेल में हंगामा करते रहे. कई बार विधायकों ने वेल में आकर तालियां भी बजाई. हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 20 मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

Last Updated : Sep 21, 2020, 10:50 PM IST
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