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RJD ने अपने 7 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा, कहा- झारखंड के अधूरे सपने को पार्टी करेगी पूरा

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Published : Nov 19, 2019, 10:37 PM IST

महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही आरजेडी पार्टी ने आधिकारिक रूप से अपने 7 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह मौजूद रहे. पार्टी महासचिव ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिस झारखंड का सपना देखा था, वह आज भी अधूरा है. इस अधूरे सपने को राजद पूरा करेगा.

राष्ट्रीय जनता दल पार्टी

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने 7 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. आरजेडी ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के अथक प्रयासों के बाद ही झारखंड बिहार से अलग हुआ. ऐसे में झारखंड जिस सपनों को साकार करने के लिए अलग किया गया है, वह सपना अब तक अधूरा है.

देखें पूरी खबर


पार्टी महासचिव भोला यादव ने संयुक्त रूप से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की, जिनमें हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह, चतरा से सत्यानंद भोक्ता, छतरपुर से विजय कुमार राम, कोडरमा से सुभाष यादव, बरकट्ठा से खालिद खलील, देवघर से सुरेश पासवान और गोड्डा से संजय प्रसाद यादव शामिल हैं.

ये भी पढ़ें-मतदान के लिए कलाकारों में भी उत्साह, कविता के जरिए कर रहे वोट देने की अपील


वहीं, मौके पर मौजूद आरजेडी के महासचिव भोला यादव ने कहा कि झारखंड आंदोलन की कहानी दिशोम गुरू शिबू सोरेन का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. क्योंकि झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने काफी संघर्ष किया था और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने झारखंड अलग करने के फैसले को स्वीकार किया था. 19 साल हो गए झारखंड अलग है, लेकिन झारखंड के आदिवासियों की मूलभूत अधिकार अब तक वंचित है, ऐसे में झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा ही झारखंड का विकास कर सकता है. इसलिए महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन पूरा करेंगे और हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने 7 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. आरजेडी ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के अथक प्रयासों के बाद ही झारखंड बिहार से अलग हुआ. ऐसे में झारखंड जिस सपनों को साकार करने के लिए अलग किया गया है, वह सपना अब तक अधूरा है.

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पार्टी महासचिव भोला यादव ने संयुक्त रूप से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की, जिनमें हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह, चतरा से सत्यानंद भोक्ता, छतरपुर से विजय कुमार राम, कोडरमा से सुभाष यादव, बरकट्ठा से खालिद खलील, देवघर से सुरेश पासवान और गोड्डा से संजय प्रसाद यादव शामिल हैं.

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वहीं, मौके पर मौजूद आरजेडी के महासचिव भोला यादव ने कहा कि झारखंड आंदोलन की कहानी दिशोम गुरू शिबू सोरेन का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. क्योंकि झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने काफी संघर्ष किया था और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने झारखंड अलग करने के फैसले को स्वीकार किया था. 19 साल हो गए झारखंड अलग है, लेकिन झारखंड के आदिवासियों की मूलभूत अधिकार अब तक वंचित है, ऐसे में झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा ही झारखंड का विकास कर सकता है. इसलिए महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन पूरा करेंगे और हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.

Intro:महागठबंधन महागठबंधन के साथ होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने आधिकारिक रूप से अपने 7 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। राष्ट्रीय जनता दल ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि झारखंड अलग लालू प्रसाद यादव के अथक प्रयासों के बाद की गई है ऐसे में झारखंड जिस सपनों को साकार करने के लिए अलग किया गया है वह सपना अब तक अधूरा है।


राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव
विधायक भोला यादव ने संयुक्त रूप से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा किया है

हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह,
चतरा से सत्यानंद भोक्ता,
छतरपुर से विजय कुमार राम,
कोडरमा से सुभाष यादव,
बरकट्ठा से खालिद खलील,
देवघर से सुरेश पासवान,
गोड्डा से संजय प्रसाद यादव,


Body:वही मौके पर मौजूद राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने कहा कि झारखंड आंदोलन की कहानी डिशूम गुरुजी शिबू सोरेन का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर डिशूम गुरु जी शिबू सोरेन ने काफी संघर्ष किया था और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने झारखंड अलग करने के फैसले को स्वीकार किया था 19 साल हो गए झारखंड अलग है लेकिन झारखंड के आदिवासियों की मूलभूत अधिकार अब तक वंचित है ऐसे में झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा ही झारखंड का विकास कर सकता है इसलिए महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन को माना गया है और महागठबंधन हासिल करेगी और हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे

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