अमरावती: दृढ़ इच्छाशक्ति और मनोबल किसी भी इंसान का जीवन को बदल देते हैं. ऐसे समय में शारीरिक अक्षमता भी आपके काम में आड़े नहीं आती. आंध्र प्रदेश के एक ऐसे ही दिव्यांग व्यक्ति हैं, जिन्होंने जीवन की चुनौतियों को परास्त कर इतिहास रच दिया. हम एचएसबीसी बैंक में कार्यरत एचजे नवीन कुमार के बारे में बात कर रहे हैं. ये फिलहाल इस बैंक बैंगलोर शाखा में अपनी सेवा दे रहे हैं. इन्होंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की है. हालांकि, नवीन शुरू से दिव्यांग नहीं थे.
साल 2016 में एक सड़क दुर्घटना में नवीन ने अपना बायां पैर खो दिया था. सड़क हादसे के बाद वे करीब 2 महीने तक अस्पताल के बिस्तर पड़ ही रहे. जब नवीन ठीक हो गए तो उन्होंने अपनी अक्षमता को अभिशाप मानने के बजाय अपने लिए एक कठीन लक्ष्य निर्धारित कर लिया.
उन्हें पता चला कि, हीरो होंडा कंपनी ने बाइक राइडिंग अभियान आयोजित किया है. उन्होंने इसमें हिस्सा लेने की ठानी. इस बाइक राइडिंग में शामिल 20 राइडर्स में से नवीन कुमार अकेल व्यक्ति थे जो दिव्यांग थे. उन्होंने छह दिनों तक बाइक राइडिंग करत हुए 2 हजार 361 किलोमीटर की यात्रा तय की. वे बाइक यात्रा करते हुए भारत और चीन की सीमा पर स्थित उमलिंगला जैसे दुर्गम इलाके में पहुंच गए, जो दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है. इसके साथ ही इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड ने उन्हें वहां पहुंचने वाले पहले दिव्यांग व्यक्ति के तौर पर मान्यता दी.
बता दें कि, उमलिंगला में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम है और सांस लेने में तकलीफ होती है. यहां का तापमान भी बेहद कम हो जो हर दिन नई चुनौतियों को भी जन्म देती है. नवीन ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लिए एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. नवीन कुमार ने बताया कि, उनका अगला लक्ष्य कश्मीर से कन्याकुमारी तक बाइक राइड करना है. राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेल चुके नवीन 2026 में होने वाले एशियाई चैंपियनशिप के लिए भारतीय एथलेटिक अकादमी में ट्रैनिंग ले रहे हैं.
ये भी पढ़ें: भारतीय रेलवे ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया, जानें क्या है वजह