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रिम्स अधीक्षक ने अपनी मां का किया देह दान, मेडिकल स्टूडेंट्स को दी जाएगी मानव शरीर की शिक्षा

रिम्स के अधीक्षक की मां का देहांत हो गया. उन्होंने अपनी मां के शरीर को रिम्स के एनाटॉमी विभाग में दान किया. ताकि रिम्स में पढ़ने वाले बच्चे शरीर का अध्ययन कर मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर सके. रिम्स अधीक्षक के इस कदम का सभी डॉक्टर भी तारीफ कर रहे हैं.

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देह दान
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Published : Feb 12, 2021, 8:31 PM IST

रांची: रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने अपनी मां की मृत्यु के बाद उनके शरीर का दान रिम्स के एनाटॉमी विभाग में किया, ताकि रिम्स में पढ़ने वाले बच्चे शरीर का अध्ययन कर मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर सके. डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि यह निर्णय लेना कठिन था, लेकिन समाज में अच्छे डॉक्टर बन सकें इसके लिए पूरे परिवार की सहमति से अपनी मां का देह दान रिम्स के एनाटॉमी विभाग में किया.

देखें पूरी खबर


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रिम्स अधीक्षक ने बताया कि देह दान करने की इच्छा उनके पिता की ही थी और उनके पिता भी एक डॉक्टर थे, लेकिन उनके मौत के बाद उस वक्त उनका देहदान करना संभव नहीं हो पाया, इसीलिए उन्होंने समाज में एक संदेश देने के लिए अपनी मां की मौत के बाद देहदान किया है. वहीं डॉक्टर विवेक कश्यप ने कहा कि डॉक्टरों के ओर से देह दान करने से यह संदेश भी जाएगा, कि लोग मरणोउपरांत अस्पताल में देहदान दान करें, ताकि अस्पताल के प्रशिक्षु डॉक्टर और छात्र मेडिकल की जानकारी प्राप्त कर सकें.

डॉक्टरों ने की विवेक कश्यप की सराहना
रिम्स में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिनी रानी अखोरी ने बताया कि डॉ विवेक कश्यप के इस कदम की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है, क्योंकि अमूमन मृतक के परिजन शव का अपनी-अपनी सभ्यता के हिसाब से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, जिससे शरीर जल जाता है और वह किसी काम के नहीं आता है, लेकिन डॉ विवेक कश्यप के इस कदम से रिम्स के सैकड़ों विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे.

रांची: रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने अपनी मां की मृत्यु के बाद उनके शरीर का दान रिम्स के एनाटॉमी विभाग में किया, ताकि रिम्स में पढ़ने वाले बच्चे शरीर का अध्ययन कर मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर सके. डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि यह निर्णय लेना कठिन था, लेकिन समाज में अच्छे डॉक्टर बन सकें इसके लिए पूरे परिवार की सहमति से अपनी मां का देह दान रिम्स के एनाटॉमी विभाग में किया.

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रिम्स अधीक्षक ने बताया कि देह दान करने की इच्छा उनके पिता की ही थी और उनके पिता भी एक डॉक्टर थे, लेकिन उनके मौत के बाद उस वक्त उनका देहदान करना संभव नहीं हो पाया, इसीलिए उन्होंने समाज में एक संदेश देने के लिए अपनी मां की मौत के बाद देहदान किया है. वहीं डॉक्टर विवेक कश्यप ने कहा कि डॉक्टरों के ओर से देह दान करने से यह संदेश भी जाएगा, कि लोग मरणोउपरांत अस्पताल में देहदान दान करें, ताकि अस्पताल के प्रशिक्षु डॉक्टर और छात्र मेडिकल की जानकारी प्राप्त कर सकें.

डॉक्टरों ने की विवेक कश्यप की सराहना
रिम्स में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिनी रानी अखोरी ने बताया कि डॉ विवेक कश्यप के इस कदम की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है, क्योंकि अमूमन मृतक के परिजन शव का अपनी-अपनी सभ्यता के हिसाब से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, जिससे शरीर जल जाता है और वह किसी काम के नहीं आता है, लेकिन डॉ विवेक कश्यप के इस कदम से रिम्स के सैकड़ों विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे.

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