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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस: कोरोना के जंग में इनका है अहम योगदान - अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस इतिहास

12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है, क्योंकि बीमार व्यक्ति को ठीक करने में जितना योगदान डॉक्टरों का होता है, उससे ज्यादा योगदान नर्सों का होता है. ऐसे में इनकी सेवा भावना को देखते हुए फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में नर्स डे हर वर्ष मनाया जाता है.

rims nurses on international nurses day
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
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Published : May 12, 2020, 3:58 PM IST

रांची: देश में कोरोना से लड़ रहे जंग में अगर सबसे आगे कोई खड़ा है तो वह है नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ. झारखंड की बात करें तो अब तक 78 मरीज ठीक हो चुके हैं और इसमें अगर सबसे ज्यादा श्रेय किसी को जाता है तो वह सिर्फ और सिर्फ नर्स ही हैं. संक्रमित मरीज की देखभाल से लेकर उसे ठीक करने की जिम्मेदारी इन्हीं नर्सों के कंधों पर ही है.

देखें पूरी खबर

फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में नर्स डे

12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है, क्योंकि बीमार व्यक्ति को ठीक करने में जितना योगदान डॉक्टरों का होता है उससे ज्यादा योगदान नर्सों का होता है. ऐसे में इनकी सेवा भावना को देखते हुए फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में नर्स डे हर वर्ष मनाया जाता है.

कोविड-19 के संकट में नर्स सबसे बड़े योद्धा

लेकिन इस बार कोविड-19 के संकट आने से पूरा देश कोरोना की जंग लड़ने में लगा है. जिसमें नर्स सबसे बड़े योद्धा के रूप में शामिल हैं. इसीलिए इस साल झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में कार्यरत सभी नर्सों ने नर्स डे के अवसर पर किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं किया क्योंकि सभी नर्स कोविड-19 के मरीजों की इलाज में लगी हुई हैं.

कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं नर्स

रिम्स की हेड नर्स रामरेखा राय बताती हैं कि इस साल नर्स डे नहीं मनाया जा सका क्योंकि इस बार हम लोग कोविड-19 के मरीजों की सेवा में लगे हैं ताकि देश को इस संकट से जल्द से जल्द निकाला जा सके. वहीं, उन्होंने बताया कि जिस प्रकार नर्सिंग की जननी कही जाने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल ने युद्ध के दौरान घायल सैनिकों का दिल से सेवा किया था. उसी प्रकार हम नर्स आज देश में मरीजों की सेवा कर अपने धर्म को निभा रहे हैं.

भगवान से यही दुआ, कोरोना संकट से जल्द छुटकारा मिले

वहीं, कोविड-19 अस्पताल में मरीजों की दिल से सेवा कर रही नीलम कुमारी और लेहाली बाला बताती हैं कि नर्स डे पर हम सभी नर्सेज भगवान से यही दुआ करते हैं कि देश को कोरोना वायरस की इस संकट से जल्द से जल्द छुटकारा मिले ताकि पूरा देश राहत की सांस ले सकें.

जिम्मेदारियों को भूलते हैं तो देश में समस्या होगी पैदा-नर्स प्रीति कुमारी

मरीजों की सेवा में लगी प्रीति कुमारी बताती है कि आज उनका मैरिज एनिवर्सरी भी है, लेकिन वह अपने मैरिज एनिवर्सरी को छोड़ मरीजों की सेवा करने के लिए अस्पताल पहुंची हुई हैं ताकि राज्य में कोरोना के कारण आए इस संकट में अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभा सके वह बताती हैं कि मैरिज एनिवर्सरी अगले वर्ष भी मनाई जा सकती है. लेकिन अगर कोरोना के कारण आए इस संकट में हम अपनी जिम्मेदारियों को भूलते हैं तो देश के लिए बड़ी समस्या पैदा हो सकती है. इसीलिए हम अपने परिवार को भूलकर मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं ताकि जल्द से जल्द कोरोना के संकट को खत्म किया जा सकें.

कुछ नर्सों ने यह भी बताया कि राज्य में जिस तरह से नर्स सबसे आगे आकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है. ऐसे में जरूरी है कि सरकार भी उनकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करें, हालांकि रिम्स की नर्स हेड रामरेखा राय बताती हैं कि सरकार की तरफ से नर्सों को हर संभव सुविधा दी जा रही है. लेकिन कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत कमियां जरूर आ रही है. जिसे हम सभी नर्स बहने नजरअंदाज कर अपनी जिम्मेदारियों को विवेकपूर्ण पूरा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय नर्स डे पर उन सभी नर्सों पर हम भारतवासियों को नाज करना चाहिए, जो आज के इस संकट के दौर में अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेकर इस खतरनाक वायरस से लड़ने का काम कर रही है और संक्रमित मरीजों को ठीक कर उन्हें अपने घर वालों से मिला रही है. देश के सभी ऐसे कोरोना योद्धा नर्सों को ईटीवी भारत की ओर से भी नर्स डे के मौके पर ढेरों शुभकामनाएं.

रांची: देश में कोरोना से लड़ रहे जंग में अगर सबसे आगे कोई खड़ा है तो वह है नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ. झारखंड की बात करें तो अब तक 78 मरीज ठीक हो चुके हैं और इसमें अगर सबसे ज्यादा श्रेय किसी को जाता है तो वह सिर्फ और सिर्फ नर्स ही हैं. संक्रमित मरीज की देखभाल से लेकर उसे ठीक करने की जिम्मेदारी इन्हीं नर्सों के कंधों पर ही है.

देखें पूरी खबर

फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में नर्स डे

12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है, क्योंकि बीमार व्यक्ति को ठीक करने में जितना योगदान डॉक्टरों का होता है उससे ज्यादा योगदान नर्सों का होता है. ऐसे में इनकी सेवा भावना को देखते हुए फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में नर्स डे हर वर्ष मनाया जाता है.

कोविड-19 के संकट में नर्स सबसे बड़े योद्धा

लेकिन इस बार कोविड-19 के संकट आने से पूरा देश कोरोना की जंग लड़ने में लगा है. जिसमें नर्स सबसे बड़े योद्धा के रूप में शामिल हैं. इसीलिए इस साल झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में कार्यरत सभी नर्सों ने नर्स डे के अवसर पर किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं किया क्योंकि सभी नर्स कोविड-19 के मरीजों की इलाज में लगी हुई हैं.

कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं नर्स

रिम्स की हेड नर्स रामरेखा राय बताती हैं कि इस साल नर्स डे नहीं मनाया जा सका क्योंकि इस बार हम लोग कोविड-19 के मरीजों की सेवा में लगे हैं ताकि देश को इस संकट से जल्द से जल्द निकाला जा सके. वहीं, उन्होंने बताया कि जिस प्रकार नर्सिंग की जननी कही जाने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल ने युद्ध के दौरान घायल सैनिकों का दिल से सेवा किया था. उसी प्रकार हम नर्स आज देश में मरीजों की सेवा कर अपने धर्म को निभा रहे हैं.

भगवान से यही दुआ, कोरोना संकट से जल्द छुटकारा मिले

वहीं, कोविड-19 अस्पताल में मरीजों की दिल से सेवा कर रही नीलम कुमारी और लेहाली बाला बताती हैं कि नर्स डे पर हम सभी नर्सेज भगवान से यही दुआ करते हैं कि देश को कोरोना वायरस की इस संकट से जल्द से जल्द छुटकारा मिले ताकि पूरा देश राहत की सांस ले सकें.

जिम्मेदारियों को भूलते हैं तो देश में समस्या होगी पैदा-नर्स प्रीति कुमारी

मरीजों की सेवा में लगी प्रीति कुमारी बताती है कि आज उनका मैरिज एनिवर्सरी भी है, लेकिन वह अपने मैरिज एनिवर्सरी को छोड़ मरीजों की सेवा करने के लिए अस्पताल पहुंची हुई हैं ताकि राज्य में कोरोना के कारण आए इस संकट में अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभा सके वह बताती हैं कि मैरिज एनिवर्सरी अगले वर्ष भी मनाई जा सकती है. लेकिन अगर कोरोना के कारण आए इस संकट में हम अपनी जिम्मेदारियों को भूलते हैं तो देश के लिए बड़ी समस्या पैदा हो सकती है. इसीलिए हम अपने परिवार को भूलकर मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं ताकि जल्द से जल्द कोरोना के संकट को खत्म किया जा सकें.

कुछ नर्सों ने यह भी बताया कि राज्य में जिस तरह से नर्स सबसे आगे आकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है. ऐसे में जरूरी है कि सरकार भी उनकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करें, हालांकि रिम्स की नर्स हेड रामरेखा राय बताती हैं कि सरकार की तरफ से नर्सों को हर संभव सुविधा दी जा रही है. लेकिन कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत कमियां जरूर आ रही है. जिसे हम सभी नर्स बहने नजरअंदाज कर अपनी जिम्मेदारियों को विवेकपूर्ण पूरा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय नर्स डे पर उन सभी नर्सों पर हम भारतवासियों को नाज करना चाहिए, जो आज के इस संकट के दौर में अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेकर इस खतरनाक वायरस से लड़ने का काम कर रही है और संक्रमित मरीजों को ठीक कर उन्हें अपने घर वालों से मिला रही है. देश के सभी ऐसे कोरोना योद्धा नर्सों को ईटीवी भारत की ओर से भी नर्स डे के मौके पर ढेरों शुभकामनाएं.

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