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रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने गिनाई उपलब्धियां, कहा- जल्द कमियों को करेंगे दूर

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Published : Dec 30, 2022, 5:09 PM IST

रिम्स ने निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने अस्पताल की उपलब्धियां गिनायीं (RIMS Director Enumerated Achievements Of Institute) और कमियों को जल्द दूर करने की बात कही. उन्होंने बताया कि रिम्स में मानव संसाधन की घोर कमी के कारण मरीजों को उतनी बेहतर सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं.

RIMS Director Enumerated Achievements Of Institute
RIMS Director Giving Information

रांची: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने वर्ष 2022 की समाप्ति को लेकर शुक्रवार को अस्पताल और संस्थान की उपलब्धियां गिनायीं (RIMS Director Enumerated Achievements Of Institute) और जो भी कमियां हैं उसे दूर करने की बात कही. रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बिना 2171 बेड वाले रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रिम्स और एम्स में बेडों की संख्या लगभग बराबर है. लेकिन एम्स में करीब पांच हजार स्टाफ काम करते हैं, वहीं रिम्स में एम्स के मुकाबले आधा मैन पावर भी नहीं है. ऐसे में रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता.

डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के नाम पर एक भी स्टॉफ नहीं (Lack Of Staff In RIMS)हैं. झारखंड का रहने वाला हूं इसलिए रिम्स का भला चाहता हूं. दिल्ली जाता हूं ताकि वहां की व्यवस्था को समझते हुए यहां बेहतर करने का प्रयास करूं. वहीं रिम्स में स्टॉफ की संख्या को बढ़ाने के लिए विभाग को मानवबल के सृजन से संबधित कागजात भेजा जा चुका है.

ये भी पढे़ं-हाई कोर्ट की टिप्पणी, रिम्स निदेशक से नहीं संभल रही व्यवस्था तो क्यों ना आईएएस को बना दें डायरेक्टर

नहीं होगी रिएजेंट की कमीः इस दौरान रिम्स के निदेशक (RIMS Director) ने बताया कि लगातार हो रही रिएजेंट के कमी को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. इसके लिए रेंटल बेसिस पर 10 वर्षों के लिए पैथोलॉजिकल सेवा प्रारंभ की जानी है. इसके लिए निविदा निकाली जा चुकी है. कंपनी का चयन कर जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा, ताकि गरीब मरीजों को बिना किसी व्यवधान के जांच की सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि 10 साल पुरानी मशीनों को हटाकर उनके स्थान पर रिएजेंट बेसिस पर चयनित कंपनियों की मशीनें लगायी जाएंगी.

जनवरी में शुरू हो जाएगी रिम्स में अमृत फार्मेसीः रिम्स परिसर में मरीजों को सस्ती और जल्दी दवा उपलब्ध कराने के लिए अमृत फॉर्मेसी की शुरुआत की जाएगी. इसकी शुरुआत के लिए एचएलएस कंपनी के साथ अनुबंध कर लिया गया है. पुरानी इमरजेंसी के पास मौजूद केंद्र में अमृत फार्मेसी की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी मरीजों को सस्ती दरों पर जेनरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधी केंद्र की स्थापना भी की गई है.

रिम्स में क्रिटिकल केयर डीएम कोर्स की होगी शुरुआतः इस दौरान निदेशक ने बताया कि जल्द ही डीएम क्रिटिकल केयर कोर्स की शुरुआत रिम्स में की जाएगी. इसके लिए दो रिम्स में सीटों की स्वीकृति मिल चुकी है. इसके अलावा न्यूरोलॉजी में भी डीएम कोर्स की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द ही रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स की शुरुआत की जाएगी.

270 नवनियुक्त नर्सों ने किया योगदानः बता दें कि रिम्स में हाल ही में नवनियुक्त करीब 270 नर्सों ने योगदान किया है. जिसके बाद रिम्स में नर्सों की संख्या बढ़कर करीब 640 हो गई हैं. उन्होंन बताया कि शेष 100 और नर्सें भी जल्द ही योगदान करेंगी. बता दें कि नर्सों के सृजित पदों की संख्या कुल 845 है. उन्होंने बताया कि जल्द ही नर्सों के अलावा अन्य विभिन्न जरुरी पदों का सृजन कर उनमें बहाली का प्रयास किया जाएगा, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके. गरीब मरीज परेशान नहीं होंगे.

पुराने सुरक्षाकर्मी हटाए जाएंगे, 400 होमगार्ड के हाथों में होगी रिम्स की सुरक्षाः निदेशक ने बताया जल्द ही होमगार्ड रिम्स की सुरक्षा का कमान संभालेंगे. उन्होंने बताया कि 2013 से तीन साल के लिए ही एवरेस्ट ह्युमन रिर्सोस कंसल्टेंट कंपनी को कार्यादेश दिया गया था. 2016 में ही कांट्रैक्ट खत्म हो गया था. जिसके बाद 2017 में नए टेंडर प्रक्रिया के तहत मेसर्स विमला इंटरप्राइजेज को एल वन के आधार पर चयनित किया गया था, लेकिन एक दिन काम करा कर ही हटा दिया गया. उसके बाद से कंपनी अवैध रूप से बिना किसी टेंडर के काम कर रही है. अब सरकार के आदेश पर ही रिम्स में 400 होमगार्ड की बहाली की जाएगी. उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड ने रिम्स में सुरक्षा के लिए होमगार्ड उपलब्ध कराने से संबंधित लेटर जारी कर दिया है.

नए भवन के निमार्ण की जल्द होगी शुरुआतः सुरपस्पेशलिटी भवन का विस्तार और मातृ-शिशु रोग अस्पताल के और पुराने अस्पताल के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. इसके लिए झारखंड राज्य भवन निमार्ण निगम लिमिटेड को विस्तृत प्राक्कलन उपलब्ध करा दिया गया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि एकेडमिक और विश्राम गृह का काम पूरा हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री के माध्यम से सीएम से उद्घाटन के लिए समय मांगा गया है. जल्दी ही इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.

कोरोना को लेकर अलर्ट, मल्टी स्टोरी हॉस्पिटल में 330 बेड की व्यवस्थाः डॉ कामेश्वर प्रसाद (RIMS Director) ने बताया कि कोरोना को लेकर भी रिम्स अलर्ट है. इसके मद्देनजर मल्टी स्टोरी हॉस्पिटल 330 बेड के साथ तैयार है. वहीं प्रारंभिक चरण में 100 बेड की व्यवस्था भी कर दी गई है. जबकि 30 वेंटीलेटर कोविड मरीजों के इलाज के लिए तैयार हैं. वहीं अस्पताल में लगे वेंटीलेटर को भी ठीक करने के लिए पत्राचार किया गया है. कोविड जांच के लिए 20 हजार जांच किट भी मंगाया गया है. वहीं जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 768 कंज्यूमेंबल्स उपलब्ध है. कोरोना की पहली लहर के दौरान 100 बेड से व्यवस्था की शुरुआत करते हुए 1000 बेड तक किया गया और अब हम 2200 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के साथ पूरी तरह से तैयार हैं.

न्यूरोसर्जरी विभाग के मरीजों को राहत पहुंचाने का किया कामः वहीं न्यूरोसर्जरी विभाग के मरीजों को भी राहत पहुंचाने का काम किया गया है. विभाग में भर्ती वैसे मरीज जिनकी हालत स्थिर है चार मरीजों को भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के दूसरे तल्ले पर भर्ती किया गया है. यहां आने के बाद मरीज राहत भी महसूस कर रहे हैं. इनकी देखभाल के लिए नर्सों के साथ सीनियर डॉक्टर भी राउंड कर रहे हैं.

निदेशक ने गिनायी उपलब्धियांः किडनी डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए निविदा के माध्यम से एजेंसी चयनित।-ट्रामा सेंटर के लिए 256 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन और रेडियोलॉजी विभाग में 128 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन के साथ अल्ट्रासाउंड मशीन लगायी गई है. वहीं कार्डियोलॉजी विभाग में सिंगल प्लेन, बाइप्लेन, कैथलैब के साथ दो इको मशीन लगायी गई है. कोविड मरीजों के संक्रमण की जांच के लिए बीएसएल टू लैब बनाया गया है.

मौके पर ये रहे मौजूदः इस दौरान रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बीरूआ, चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉ प्रदीप भट्टाचार्य समेत अन्य मौजूद रहे.

रांची: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने वर्ष 2022 की समाप्ति को लेकर शुक्रवार को अस्पताल और संस्थान की उपलब्धियां गिनायीं (RIMS Director Enumerated Achievements Of Institute) और जो भी कमियां हैं उसे दूर करने की बात कही. रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बिना 2171 बेड वाले रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रिम्स और एम्स में बेडों की संख्या लगभग बराबर है. लेकिन एम्स में करीब पांच हजार स्टाफ काम करते हैं, वहीं रिम्स में एम्स के मुकाबले आधा मैन पावर भी नहीं है. ऐसे में रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता.

डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के नाम पर एक भी स्टॉफ नहीं (Lack Of Staff In RIMS)हैं. झारखंड का रहने वाला हूं इसलिए रिम्स का भला चाहता हूं. दिल्ली जाता हूं ताकि वहां की व्यवस्था को समझते हुए यहां बेहतर करने का प्रयास करूं. वहीं रिम्स में स्टॉफ की संख्या को बढ़ाने के लिए विभाग को मानवबल के सृजन से संबधित कागजात भेजा जा चुका है.

ये भी पढे़ं-हाई कोर्ट की टिप्पणी, रिम्स निदेशक से नहीं संभल रही व्यवस्था तो क्यों ना आईएएस को बना दें डायरेक्टर

नहीं होगी रिएजेंट की कमीः इस दौरान रिम्स के निदेशक (RIMS Director) ने बताया कि लगातार हो रही रिएजेंट के कमी को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. इसके लिए रेंटल बेसिस पर 10 वर्षों के लिए पैथोलॉजिकल सेवा प्रारंभ की जानी है. इसके लिए निविदा निकाली जा चुकी है. कंपनी का चयन कर जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा, ताकि गरीब मरीजों को बिना किसी व्यवधान के जांच की सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि 10 साल पुरानी मशीनों को हटाकर उनके स्थान पर रिएजेंट बेसिस पर चयनित कंपनियों की मशीनें लगायी जाएंगी.

जनवरी में शुरू हो जाएगी रिम्स में अमृत फार्मेसीः रिम्स परिसर में मरीजों को सस्ती और जल्दी दवा उपलब्ध कराने के लिए अमृत फॉर्मेसी की शुरुआत की जाएगी. इसकी शुरुआत के लिए एचएलएस कंपनी के साथ अनुबंध कर लिया गया है. पुरानी इमरजेंसी के पास मौजूद केंद्र में अमृत फार्मेसी की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी मरीजों को सस्ती दरों पर जेनरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधी केंद्र की स्थापना भी की गई है.

रिम्स में क्रिटिकल केयर डीएम कोर्स की होगी शुरुआतः इस दौरान निदेशक ने बताया कि जल्द ही डीएम क्रिटिकल केयर कोर्स की शुरुआत रिम्स में की जाएगी. इसके लिए दो रिम्स में सीटों की स्वीकृति मिल चुकी है. इसके अलावा न्यूरोलॉजी में भी डीएम कोर्स की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द ही रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स की शुरुआत की जाएगी.

270 नवनियुक्त नर्सों ने किया योगदानः बता दें कि रिम्स में हाल ही में नवनियुक्त करीब 270 नर्सों ने योगदान किया है. जिसके बाद रिम्स में नर्सों की संख्या बढ़कर करीब 640 हो गई हैं. उन्होंन बताया कि शेष 100 और नर्सें भी जल्द ही योगदान करेंगी. बता दें कि नर्सों के सृजित पदों की संख्या कुल 845 है. उन्होंने बताया कि जल्द ही नर्सों के अलावा अन्य विभिन्न जरुरी पदों का सृजन कर उनमें बहाली का प्रयास किया जाएगा, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके. गरीब मरीज परेशान नहीं होंगे.

पुराने सुरक्षाकर्मी हटाए जाएंगे, 400 होमगार्ड के हाथों में होगी रिम्स की सुरक्षाः निदेशक ने बताया जल्द ही होमगार्ड रिम्स की सुरक्षा का कमान संभालेंगे. उन्होंने बताया कि 2013 से तीन साल के लिए ही एवरेस्ट ह्युमन रिर्सोस कंसल्टेंट कंपनी को कार्यादेश दिया गया था. 2016 में ही कांट्रैक्ट खत्म हो गया था. जिसके बाद 2017 में नए टेंडर प्रक्रिया के तहत मेसर्स विमला इंटरप्राइजेज को एल वन के आधार पर चयनित किया गया था, लेकिन एक दिन काम करा कर ही हटा दिया गया. उसके बाद से कंपनी अवैध रूप से बिना किसी टेंडर के काम कर रही है. अब सरकार के आदेश पर ही रिम्स में 400 होमगार्ड की बहाली की जाएगी. उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड ने रिम्स में सुरक्षा के लिए होमगार्ड उपलब्ध कराने से संबंधित लेटर जारी कर दिया है.

नए भवन के निमार्ण की जल्द होगी शुरुआतः सुरपस्पेशलिटी भवन का विस्तार और मातृ-शिशु रोग अस्पताल के और पुराने अस्पताल के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. इसके लिए झारखंड राज्य भवन निमार्ण निगम लिमिटेड को विस्तृत प्राक्कलन उपलब्ध करा दिया गया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि एकेडमिक और विश्राम गृह का काम पूरा हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री के माध्यम से सीएम से उद्घाटन के लिए समय मांगा गया है. जल्दी ही इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.

कोरोना को लेकर अलर्ट, मल्टी स्टोरी हॉस्पिटल में 330 बेड की व्यवस्थाः डॉ कामेश्वर प्रसाद (RIMS Director) ने बताया कि कोरोना को लेकर भी रिम्स अलर्ट है. इसके मद्देनजर मल्टी स्टोरी हॉस्पिटल 330 बेड के साथ तैयार है. वहीं प्रारंभिक चरण में 100 बेड की व्यवस्था भी कर दी गई है. जबकि 30 वेंटीलेटर कोविड मरीजों के इलाज के लिए तैयार हैं. वहीं अस्पताल में लगे वेंटीलेटर को भी ठीक करने के लिए पत्राचार किया गया है. कोविड जांच के लिए 20 हजार जांच किट भी मंगाया गया है. वहीं जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 768 कंज्यूमेंबल्स उपलब्ध है. कोरोना की पहली लहर के दौरान 100 बेड से व्यवस्था की शुरुआत करते हुए 1000 बेड तक किया गया और अब हम 2200 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के साथ पूरी तरह से तैयार हैं.

न्यूरोसर्जरी विभाग के मरीजों को राहत पहुंचाने का किया कामः वहीं न्यूरोसर्जरी विभाग के मरीजों को भी राहत पहुंचाने का काम किया गया है. विभाग में भर्ती वैसे मरीज जिनकी हालत स्थिर है चार मरीजों को भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के दूसरे तल्ले पर भर्ती किया गया है. यहां आने के बाद मरीज राहत भी महसूस कर रहे हैं. इनकी देखभाल के लिए नर्सों के साथ सीनियर डॉक्टर भी राउंड कर रहे हैं.

निदेशक ने गिनायी उपलब्धियांः किडनी डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए निविदा के माध्यम से एजेंसी चयनित।-ट्रामा सेंटर के लिए 256 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन और रेडियोलॉजी विभाग में 128 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन के साथ अल्ट्रासाउंड मशीन लगायी गई है. वहीं कार्डियोलॉजी विभाग में सिंगल प्लेन, बाइप्लेन, कैथलैब के साथ दो इको मशीन लगायी गई है. कोविड मरीजों के संक्रमण की जांच के लिए बीएसएल टू लैब बनाया गया है.

मौके पर ये रहे मौजूदः इस दौरान रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बीरूआ, चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉ प्रदीप भट्टाचार्य समेत अन्य मौजूद रहे.

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