रांची: रिम्स के बॉयज हॉस्टल नंबर -04 में बुधवाकर को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. पुराने और जर्जर हो चुके रिम्स बॉयज हॉस्टल नंबर चार में बाथरूम के पास छत (सीलिंग) का बड़ा टुकड़ा टूट कर नीचे गिर गया. गनीमत यह रही कि उस वक्त पास में ही खड़े 2020 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स रिचित और अरुण कुमार बाल-बाल बच गए. घटना के बाद आक्रोशित मेडिकल स्टूडेंट्स ने घटना के लिए सारा दोष रिम्स प्रबंधन पर मढ़ते हुए कहा कि पिछले चार महीने में छह बार रिम्स प्रबंधन को हॉस्टल की मरम्मत के लिए लिखा गया है, लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है.
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घटना के बाद रिम्स जेडीए में नाराजगीः वहीं इस संबंध में रिम्स जेडीए के अध्यक्ष डॉ जयदीप कुमार चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि हॉस्टल पूरी तरह जर्जर हो चुका है. ईश्वर की कृपा थी कि सीलिंग दोनों मेडिकल स्टूडेंट्स के ऊपर नहीं गिरा अन्यथा बड़ी घटना हो जाती. घटना के बाद रिम्स छात्र कल्याण के डीन डॉ शिव प्रिय और डॉ जितेंद्र कुमार ने मौके पर पहुंचकर सीलिंग गिरने की पूरी जानकारी ली, लेकिन हॉस्टल 04 के अधीक्षक डॉ लखन मांझी नहीं पहुंचे, जिससे रिम्स जेडीए में नाराजगी है .
दोबारा ऐसी घटना हुई तो रिम्स जेडीए लेगा कठोर फैसलाः हॉस्टल की छत की सीलिंग गिरने की घटना से नाराज रिम्स जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयदेव कुमार चौधरी ने कहा कि बार-बार हॉस्टल की फीस बढ़ायी जाती है, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि सभी बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल जर्जर हो चुके हैं. इसकी मरम्मत के लिए पिछले चार महीने में छह बार पत्र लिखा गया है, बावजूद प्रबंधन चुप्पी साधे बैठा है. डॉ जयदीप ने कहा कि अगर शीघ्र रिम्स प्रबंधन सभी हॉस्टल की मरम्मत नहीं कराता है तो हम सभी आंदोलन करेंगे.
प्रबंधन को देंगे पूरी जानकारीः रिम्स के छात्र कल्याण के डीन डॉक्टर शिव ने ईटीवी भारत के माध्यम से छात्रों को भरोसा दिलाया कि आज की घटना और हॉस्टल की जर्जर स्थिति की पूरी जानकारी प्रबंधन को देंगे. उन्होंने कहा कि अपने स्तर से भी रिम्स बॉयज हॉस्टल की शीघ्र मरम्मत कराने का भी आग्रह करेंगे.