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रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह ने दोबारा देश सेवा करने की जताई इच्छा, वरीय अधिकारी को लिखा पत्र - रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह के साथ बातचीत

धनबाद के झाड़ूडीह के रहनेवाले कर्नल जेके सिंह भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद से बेहद चिंतित हैं. कर्नल ने एक बार फिर से सेना में योगदान देने की अपनी इच्छा जताई है. इसके लिए कर्नल ने आर्मी चीफ को पत्र लिखकर उनकी सेवा लेने का आग्रह किया है.

रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह ने दोबारा देश सेवा करने की जताई इच्छा
Retired Colonel JK Singh desire to serve country again
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Published : Jun 24, 2020, 4:54 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 5:52 PM IST

धनबाद: भारत-चीन बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. चीन से हुई झड़प में भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने के बाद हर कोई उन्हें नमन कर रहा है. धनबाद के रहनेवाले सेना से रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह एक बार फिर से सेना में बहाल होकर देश के दुश्मनों से दो-दो हांथ करने को आतुर है. इसके लिए उन्होंने सेना के वरीय अधिकारी को पत्र भी लिखा है.

देखें स्पेशल खबर

सेना में दोबारा योगदान देने इच्छा

धनबाद के झाड़ूडीह के रहनेवाले कर्नल जेके सिंह भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद से बेहद व्याकुल हैं. कर्नल ने एक बार फिर से सेना में योगदान देने की अपनी इच्छा जताई है. इसके लिए कर्नल ने आर्मी चीफ को पत्र लिखकर उनकी सेवा लेने का आग्रह किया है. कर्नल ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि आर्मी और शहीद जवानों पर उन्हें गर्व है. बिहार और झारखंड के कई शहीदों के वह गवाह हैं. इस कठिन समय मे वह वर्दी पहनकर सेना में वॉलिंटियर के तौर पर सेवा देना चाहते हैं. सेना में बेहतरी के लिए उन्हें एक नहीं, बल्कि कई अवार्ड मिल चुके हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-चीन ने किया नेपाल की जमीन पर कब्जा, ओली सरकार ने साधी चुप्पी

शहादत का बदला लेना चाहते हैं कर्नल

बता दें कि कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कामांडर को मौत के घाट उतारने के लिए कर्नल को गैलेंटरी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. फिलहाल कर्नल राज्य में सैफ-टू-बटालियन एसपी के पद पर कार्यरत हैं. कर्नल जेके सिंह की पत्नी नितिका सिंह बताती हैं कि कश्मीर के आवंतीपुर में कार्याकाल के दौरान उनके कैंप पर आतंकी हमला हुआ था. उस वक्त सबसे पहले उन्होंने ही कर्नल को हथियार निकालकर उनके हाथों में दिया था और जल्दी जाने को कहा था. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से वह समय आ गया है, जब उन्हें वो देश की सेवा और शहादत का बदला लेने के लिए भेजना चाहती हैं.

देश सेवा श्रद्धा बरकरार

ऐसी परंपरा रही है कि जरूरत पड़ने पर सेना से रिटायर्ड हुए जवानों को फिर सेवा ली जाती है, लेकिन अब कर्नल को देश की सेवा करने का मौका फिर से मिलता है या नहीं, यह देखने वाली बात है, लेकिन इतना जरूर है कि कभी शहीदों के पार्थिव शरीर को अपने कंधों पर उठाया और दुश्मनों के छक्के छुड़ा चुके कर्नल के दिल में आज भी देश की सच्ची सेवा की मन में आपार श्रद्धा है

धनबाद: भारत-चीन बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. चीन से हुई झड़प में भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने के बाद हर कोई उन्हें नमन कर रहा है. धनबाद के रहनेवाले सेना से रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह एक बार फिर से सेना में बहाल होकर देश के दुश्मनों से दो-दो हांथ करने को आतुर है. इसके लिए उन्होंने सेना के वरीय अधिकारी को पत्र भी लिखा है.

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सेना में दोबारा योगदान देने इच्छा

धनबाद के झाड़ूडीह के रहनेवाले कर्नल जेके सिंह भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद से बेहद व्याकुल हैं. कर्नल ने एक बार फिर से सेना में योगदान देने की अपनी इच्छा जताई है. इसके लिए कर्नल ने आर्मी चीफ को पत्र लिखकर उनकी सेवा लेने का आग्रह किया है. कर्नल ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि आर्मी और शहीद जवानों पर उन्हें गर्व है. बिहार और झारखंड के कई शहीदों के वह गवाह हैं. इस कठिन समय मे वह वर्दी पहनकर सेना में वॉलिंटियर के तौर पर सेवा देना चाहते हैं. सेना में बेहतरी के लिए उन्हें एक नहीं, बल्कि कई अवार्ड मिल चुके हैं.

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शहादत का बदला लेना चाहते हैं कर्नल

बता दें कि कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कामांडर को मौत के घाट उतारने के लिए कर्नल को गैलेंटरी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. फिलहाल कर्नल राज्य में सैफ-टू-बटालियन एसपी के पद पर कार्यरत हैं. कर्नल जेके सिंह की पत्नी नितिका सिंह बताती हैं कि कश्मीर के आवंतीपुर में कार्याकाल के दौरान उनके कैंप पर आतंकी हमला हुआ था. उस वक्त सबसे पहले उन्होंने ही कर्नल को हथियार निकालकर उनके हाथों में दिया था और जल्दी जाने को कहा था. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से वह समय आ गया है, जब उन्हें वो देश की सेवा और शहादत का बदला लेने के लिए भेजना चाहती हैं.

देश सेवा श्रद्धा बरकरार

ऐसी परंपरा रही है कि जरूरत पड़ने पर सेना से रिटायर्ड हुए जवानों को फिर सेवा ली जाती है, लेकिन अब कर्नल को देश की सेवा करने का मौका फिर से मिलता है या नहीं, यह देखने वाली बात है, लेकिन इतना जरूर है कि कभी शहीदों के पार्थिव शरीर को अपने कंधों पर उठाया और दुश्मनों के छक्के छुड़ा चुके कर्नल के दिल में आज भी देश की सच्ची सेवा की मन में आपार श्रद्धा है

Last Updated : Jun 24, 2020, 5:52 PM IST
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