रांची: झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए अलग कक्ष आवंटित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से दायर किए गए शपथ पत्र में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु की विधानसभाओं में भी नमाज के लिए अलग कक्ष निर्धारित है.
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हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान विधानसभा से पूछा था कि नमाज के लिए अलग कक्ष का आवंटन किस आधार पर किया गया है? इस पर विधानसभा ने बताया था कि इस बारे में स्टडी के लिए सात विधायकों की सर्वदलीय कमेटी बनाई गई है, जो पता करेगी कि देश के अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में नमाज पढ़ने के लिए किस तरह की व्यवस्था है.
अब विधानसभा ने हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र में जानकारी दी है कि अब तक कुल छह राज्यों से सूचना प्राप्त हुई है, जिसमें से तीन राज्यों ने कहा है कि उनके यहां विधानसभा में नमाज का कक्ष है. कुछ अन्य राज्यों से नमाज कक्ष के बारे में मंतव्य और सूचना नहीं मिली है. जैसे ही बाकी राज्यों से सूचनाएं मिल जाती हैं, उसके पास झारखंड विधानसभा द्वारा गठित सात सदस्यों वाली सर्वदलीय कमेटी यहां नमाज कक्ष के बारे में निर्णय लेगी.
बता दें कि झारखंड विधानसभा के भवन में अल्पसंख्यकों के लिए नमाज पढ़ने के लिए वर्ष 2021 में कमरा आवंटित किया गया था. इसके लिए बकायदा विधानसभा सचिवालय की ओर से आदेश निकाला गया, जिसके बाद राज्य में काफी विवाद खड़ा हुआ था.
विपक्षी भाजपा सदस्यों के हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही कई दिनों तक बाधित रही. इसे लेकर हाईकोर्ट में अजय कुमार मोदी नामक शख्स की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत है. धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा है, इसलिए राज्य विधानसभा जैसे भवन में किसी धर्म के लिए इस तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए
इनपुट- आईएएनएस