रांची: रांची में रेमेडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में सीआईडी ने दवा कारोबारी राकेश रंजन के साथ-साथ निजी अस्पताल के प्रबंधक मुकेश सिन्हा को पीआर बांड पर छोड़ दिया है. वहीं कालाबाजारी के मुख्य आरोपी राजीव सिंह के कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद दोबारा पूछताछ की जाएगी.
कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार राजीव सिंह ने राकेश रंजन और मुकेश सिन्हा से रेमेडेसिविर लेने की बात कबूली थी. जांच में इस बात की पुष्टि भी हुई है कि राजीव सिंह ने दबाव डालकर राकेश रंजन से रेमेडेसिविर ली थी. ये रेमेडेसिविर राकेश रंजन ने खुद के परिजनों के लिए खरीदी थी, लेकिन इस्तेमाल नहीं होने पर राजीव सिंह को दिया था. हालांकि, स्टिंग के बाद बरामद रेमडेसिविर का बैच मुकेश रंजन या राकेश रंजन को दिए गए रेमडेसिविर से मैच नहीं कर रहा है. ऐसे में स्पष्ट है कि जब्त रेमडेसिविर का स्रोत दूसरा है.
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रेमडेसिविर कालाबाजारी के दूसरे स्रोत तलाश रही सीआईडी
राजीव सिंह के द्वारा स्टिंग के दौरान दिए गए रेमडेसिविर का स्रोत सीआईडी तलाश रही है. सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, राकेश रंजन के पास से लिए गए रेमडेसिविर को राजीव सिंह ने श्यामल चक्रवती नाम के ठेकेदार को दे दिया था. इस खेप को श्यामल चक्रवती ने दिल्ली भिजवा दिया था, जिसका इस्तेमाल भी हो चुका है. सीआईडी ने इस मामले में श्यामल चक्रवती का बयान भी दर्ज कराया है. अब सीआईडी रेमडेसिविर के दूसरे स्रोत की पड़ताल कर रही है.
दूसरी बार भी रिमांड पर लिया जा सकता है आरोपी
मामले में गिरफ्तार राजीव सिंह को सीआईडी ने रिमांड पर लिया था. दो दिन की रिमांड की समाप्ति के बाद राजीव सिंह जेल भेजने के पूर्व कोरोना जांच में पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद उसे खेलगांव के आइसोलेशन सेंटर भेज दिया गया था. राजीव सिंह के कोराना से ठीक होने के बाद सीआईडी फिर से उसे रिमांड पर लेगी. रिमांड पर लिए जाने के बाद राजीव से रेमडेसिविर के दूसरे स्रोत के बारे में पूछताछ होगी. सीआईडी को फिलहाल दूसरे स्रोत के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है.