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झारखंड में कारपेट एरिया की जगह सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर होगी फ्लैट की रजिस्ट्री, आखिर क्या है वजह

रांची में झारखंड में अब कारपेट एरिया के बजाय सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री होगी. भू-राजस्व और निबंधन विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है.

झारखंड मंत्रालय
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Published : Sep 2, 2020, 3:20 AM IST

रांची: झारखंड में अब कारपेट एरिया के बजाय सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री होगी. भू-राजस्व और निबंधन विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. इस व्यवस्था के लागू होते ही फ्लैट खरीददार को अब फ्लैट के कारपेट एरिया के अलावा कॉमन एरिया, कम्युनिटी एरिया, जिम और गार्डन में भी मालिकाना हक सुनिश्चित हो जाएगा. साथ ही सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री होने से सरकार को स्टांप और रजिस्ट्री फीस ज्यादा मिलने से राजस्व बढ़ेगा.

भू-राजस्व और निबंधन विभाग के उपनिबंधक महानिरीक्षक शहाब सिद्दीकी ने सभी जिलों के अवर निबंधकों को सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री करने का निर्देश जारी कर दिया है.

ये भी पढ़ें- कोयलांचल में कोबरा के बाद निकला अजगर, ग्रामीणों ने पकड़ किया वन विभाग के हवाले

क्या है सुपर बिल्टअप एरिया

किसी भी अपार्टमेंट में बनाए गए फ्लैट के अंदर के क्षेत्रफल के आधार पर ही फ्लैट की रजिस्ट्री होती है. इसे कारपेट एरिया कहते हैं, जबकि सुपर बिल्टअप एरिया में फ्लैट की बालकनी, कॉमन एरिया, गार्डन, जिम और कम्युनिटी हॉल का हिस्सा भी शामिल होता है. बिल्डर हमेशा कारपेट एरिया को ही आधार बताकर रजिस्ट्री कराते हैं, जबकि कॉमन एरिया, कम्युनिटी हॉल का पैसा अलग से फ्लैट खरीदार से वसूल करता है. इस क्षेत्र पर फ्लैट खरीदार को मालिकाना हक नहीं मिलता, लेकिन अब कॉमन एरिया, कम्युनिटी हॉल व गार्डेन का भी हिस्सा फ्लैट के सुपर बिल्टअप एरिया में शामिल होगा और उसकी भी रजिस्ट्री होगी.

इस व्यवस्था को लागू करने की वजह

दरअसल, जब कोई फ्लैट खरीदने जाता है तो बिल्डर उसे कारपेट एरिया दिखाता है, लेकिन उससे सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर पैसे लेता है. फिर जब उसी फ्लैट की रजिस्ट्री की बात आती है, तो सिर्फ कारपेट एरिया की रजिस्ट्री की जाती है. ऐसा होने से सरकार को राजस्व की क्षति होती है, जबकि खरीददार को कॉमन एरिया, जिम और कम्युनिटी हॉल जैसे एरिया के पैसे अलग से बिल्डर को देने पड़ते हैं.

रांची: झारखंड में अब कारपेट एरिया के बजाय सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री होगी. भू-राजस्व और निबंधन विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. इस व्यवस्था के लागू होते ही फ्लैट खरीददार को अब फ्लैट के कारपेट एरिया के अलावा कॉमन एरिया, कम्युनिटी एरिया, जिम और गार्डन में भी मालिकाना हक सुनिश्चित हो जाएगा. साथ ही सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री होने से सरकार को स्टांप और रजिस्ट्री फीस ज्यादा मिलने से राजस्व बढ़ेगा.

भू-राजस्व और निबंधन विभाग के उपनिबंधक महानिरीक्षक शहाब सिद्दीकी ने सभी जिलों के अवर निबंधकों को सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर रजिस्ट्री करने का निर्देश जारी कर दिया है.

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क्या है सुपर बिल्टअप एरिया

किसी भी अपार्टमेंट में बनाए गए फ्लैट के अंदर के क्षेत्रफल के आधार पर ही फ्लैट की रजिस्ट्री होती है. इसे कारपेट एरिया कहते हैं, जबकि सुपर बिल्टअप एरिया में फ्लैट की बालकनी, कॉमन एरिया, गार्डन, जिम और कम्युनिटी हॉल का हिस्सा भी शामिल होता है. बिल्डर हमेशा कारपेट एरिया को ही आधार बताकर रजिस्ट्री कराते हैं, जबकि कॉमन एरिया, कम्युनिटी हॉल का पैसा अलग से फ्लैट खरीदार से वसूल करता है. इस क्षेत्र पर फ्लैट खरीदार को मालिकाना हक नहीं मिलता, लेकिन अब कॉमन एरिया, कम्युनिटी हॉल व गार्डेन का भी हिस्सा फ्लैट के सुपर बिल्टअप एरिया में शामिल होगा और उसकी भी रजिस्ट्री होगी.

इस व्यवस्था को लागू करने की वजह

दरअसल, जब कोई फ्लैट खरीदने जाता है तो बिल्डर उसे कारपेट एरिया दिखाता है, लेकिन उससे सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर पैसे लेता है. फिर जब उसी फ्लैट की रजिस्ट्री की बात आती है, तो सिर्फ कारपेट एरिया की रजिस्ट्री की जाती है. ऐसा होने से सरकार को राजस्व की क्षति होती है, जबकि खरीददार को कॉमन एरिया, जिम और कम्युनिटी हॉल जैसे एरिया के पैसे अलग से बिल्डर को देने पड़ते हैं.

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