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जल्द कटा लें 01 रुपए का टोकन! झारखंड में सुखाड़ राहत के लिए रजिस्ट्रेशन की बढ़ी तिथि

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Published : Dec 3, 2022, 2:05 PM IST

झारखंड के सूखाग्रस्त 226 प्रखंड के हर किसान को DBT से 3500 रुपया मिलेगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास अभी भी मौका है, क्योंकि सरकार ने इसमें रजिस्ट्रेशन की तिथि बढ़ा दी है (Drought Relief Registration Continue in Jharkhand). इसके लिए प्रज्ञा केंद्र में जाकर सिर्फ 01 रुपये के टोकन मनी जमाकर सुखाड़ राहत के लिए अभी भी आवेदन कर सकते हैं.

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रांची: राज्य के 22 जिलों के सुखाड़ग्रस्त 226 प्रखंडों के किसान के लिए बेहद अहम सूचना है. कि अगर वह सुखाड़ राहत के लिए 3500 रुपये की सरकारी सहायता पाना चाहते हैं तो उनके लिए अब भी समय है. पहले राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 30 नवंबर तक 01 रुपये के टोकन कटाकर सुखाड़ राहत योजना का लाभ लेने की बात कही थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है (Drought Relief Registration Continue in Jharkhand).

यह भी पढ़ें: झारखंड के सुखाड़ग्रस्त 226 प्रखंड के किसानों को DBT से मिलेंगे 3500 रुपये, तैयारी में जुटा कृषि निदेशालय

राज्य के कृषि निदेशालय उपनिदेशक मुकेश कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक राज्य में साढ़े चार लाख किसानों ने सुखाड़ राहत के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि 22 जिलों के इन 226 सुखाड़ ग्रस्त प्रखंडों के करीब 32 लाख किसान को राहत मिलना है. ऐसे में बड़ी संख्या किसानों की है जिन्होंने अभी तक राहत के लिए आवेदन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि राज्य के प्रज्ञा केंद्रों और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर अन्नदाता सिर्फ 01 रुपये के टोकन मनी जमा कर सुखाड़ राहत के लिए अभी भी आवेदन कर सकते हैं.


राज्य के सुखाड़ग्रस्त इन 226 प्रखंडों के अन्नदाता करें सुखाड़ राहत के लिए आवेदन

राज्य के जिन 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सरकार ने सुखाड़ ग्रस्त घोषित किया है, वो जिले हैं:--

- बोकारो के गिरिडीह कसमार, पेटरवार, गोमिया, बेरमो, नावाडीह.
- चतरा के कान्हा चट्टी, सिमरिया, टंडवा, इटखोरी और मयूरहंज प्रखंड.
- देवघर के सारवां, सारठ, करौ, देवघर, मोहनपुर, सोनाराय ठाढ़ी, मधुपुर, पालोजोरी, मारगोमुंडा और देवीपुर.
- धनबाद के गोविंदपुर, टुंडी, तोपचांची, धनबाद, बलियापुर, निरसा, कलियासोल, एग्यारकुंड, पूर्वी टुंडी और बाघमारा प्रखंड.

- दुमका के जरमुंडी, दुमका, जामा, मसलिया, रानेश्वर, शिकारीपड़ा, सरैयाहाट, रामगढ़, काठीकुंड और गोपीकांदर प्रखंड.
- गढ़वा के मेराल, डंडई, रमना, विशुनपुरा, भवनाथपुर, चिनिया मझिआंव, सगमा, गढ़वा, डंडा रंका, कांडी, धुरकी, बड़कर, नगर उंटारी, रमकंडा, बरडीहा, केतार, खरौंधी और भंडरिया प्रखंड.
- गिरिडीह के गांडेय, बेंगाबाद, जमुआ, धनवार, बगोदर, सरिया, डुमरी, पीरटांड़, गिरिडीह, बिरनी, तीसरी, देवरी एवं गांवा प्रखंड
- गोड्डा, पत्थरगामा, बसंतराय, महागामा, मेहरमा, बारीजोर, सुंदर पहाड़ी, पोड़ैयाहाट और ठाकुरगंगती प्रखंड.


- गुमला के पालकोट, चैनपुर, डुमरी, जारी, कामडारा, सिसई, भरनो और विशुनपुर, घाघरा और रायडीह प्रखंड
- हजारीबाग में डाडी, बड़कागांव और केरेडारी, चुरचू, दारू, इचाक, टाटी झरिया, कटकमसधी, कटकमदाग, बरही, चौपारण, बरकट्ठा, चलकुशा, पद्मा और विष्णुगढ़ प्रखंड.
- जामताड़ा के नारायणपुर, कर्माटांड़, जामताड़ा, नाला, कुंडहित और फतेहपुर प्रखंड.
- खूंटी के मुरहू, अड़की, कर्रा, तोरपा और रनिया प्रखंड.
- कोडरमा के जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच और सतगांवा प्रखंड


- लातेहार के महुआटांड़ और गारु प्रखंड में मॉडरेट और हेरहंज, बरियातू, लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, मनिका और बरवाडीह प्रखंड.
- लोहरदगा जिले के सेन्हा, भंडरा, कुड़ू, कैरो, किस्को और पेशरार में प्रखंड
- पाकुड़ जिले के पाकुड़िया, पाकुड़, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, आमरपाड़ा और महेशपुर प्रखंड
- पलामू जिले के मनातू, लेस्लीगंज, पांकी, मेदिनीनगर, तरहसी, विश्रामपुर, नावाबाजार, पांडु, पड़वा, हरिहरगंज, छतरपुर, नवडीहा बाजार, रामगढ़, चैनपुर, उंटारी रोड, पाटन, सतबरवा, हैदरनगर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज और पिपरा प्रखंड
- रामगढ़ के दुलमी, चितरपुर, मांडू, पतरातू और गोला प्रखंड



- रांची के मांडर, बेड़ो, इटकी, ओरमांझी, नामकुम, अनगड़ा, सिल्ली, तमाड़, रातू, नगड़ी, बुढ़मू, खलारी, लापुंग, बुंडू प्रखंड, चान्हो और सोनाहातू प्रखंड
- साहिबगंज के बरहरवा, साहिबगंज, बोरियो, मंडरो, बरहेट, पाटना, राजमहल, उधवा और तालझारी प्रखंड
- सरायकेला खरसावां के कुचाई, चांडिल, ईचागढ़, कुकडु, राजनगर और गम्हरिया प्रखंड
- पश्चिम सिंहभूम के झींकपानी, टोंटो, जगरनाथपुर, नोवामुंडी, मझगांव, कुमारीडूंगी, मंझारी, तान्तनगर, चक्रधरपुर, सोनुवा, गोईलकेला, मनोहरपुर, बंदगांव, हाटगम्हरिया, गुदरी चाईबासा, खूंटपानी और आनंदपुर प्रखंड

राज्य के 22 जिलों के 226 सुखाड़ग्रस्त प्रखंड के किसान सुखाड़ राहत के लिए अपने नजदीक के सीएससी या प्रज्ञा केंद्र पर जाकर 01 रुपये के टोकन कटा कर आवेदन करें. किसान इस वेबसाइट msry.jharkhand.gov.in पर लॉगिन कर भी आवेदन कर सकते हैं. 29 दिसंबर को हेमन्त सोरेन सरकार के तीन साल पूरा होने पर राज्य के सुखाड़ग्रस्त 226 प्रखंडों के 30 लाख किसानों को 3500 रुपये की राहत देने की योजना है.

रांची: राज्य के 22 जिलों के सुखाड़ग्रस्त 226 प्रखंडों के किसान के लिए बेहद अहम सूचना है. कि अगर वह सुखाड़ राहत के लिए 3500 रुपये की सरकारी सहायता पाना चाहते हैं तो उनके लिए अब भी समय है. पहले राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 30 नवंबर तक 01 रुपये के टोकन कटाकर सुखाड़ राहत योजना का लाभ लेने की बात कही थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है (Drought Relief Registration Continue in Jharkhand).

यह भी पढ़ें: झारखंड के सुखाड़ग्रस्त 226 प्रखंड के किसानों को DBT से मिलेंगे 3500 रुपये, तैयारी में जुटा कृषि निदेशालय

राज्य के कृषि निदेशालय उपनिदेशक मुकेश कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक राज्य में साढ़े चार लाख किसानों ने सुखाड़ राहत के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि 22 जिलों के इन 226 सुखाड़ ग्रस्त प्रखंडों के करीब 32 लाख किसान को राहत मिलना है. ऐसे में बड़ी संख्या किसानों की है जिन्होंने अभी तक राहत के लिए आवेदन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि राज्य के प्रज्ञा केंद्रों और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर अन्नदाता सिर्फ 01 रुपये के टोकन मनी जमा कर सुखाड़ राहत के लिए अभी भी आवेदन कर सकते हैं.


राज्य के सुखाड़ग्रस्त इन 226 प्रखंडों के अन्नदाता करें सुखाड़ राहत के लिए आवेदन

राज्य के जिन 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सरकार ने सुखाड़ ग्रस्त घोषित किया है, वो जिले हैं:--

- बोकारो के गिरिडीह कसमार, पेटरवार, गोमिया, बेरमो, नावाडीह.
- चतरा के कान्हा चट्टी, सिमरिया, टंडवा, इटखोरी और मयूरहंज प्रखंड.
- देवघर के सारवां, सारठ, करौ, देवघर, मोहनपुर, सोनाराय ठाढ़ी, मधुपुर, पालोजोरी, मारगोमुंडा और देवीपुर.
- धनबाद के गोविंदपुर, टुंडी, तोपचांची, धनबाद, बलियापुर, निरसा, कलियासोल, एग्यारकुंड, पूर्वी टुंडी और बाघमारा प्रखंड.

- दुमका के जरमुंडी, दुमका, जामा, मसलिया, रानेश्वर, शिकारीपड़ा, सरैयाहाट, रामगढ़, काठीकुंड और गोपीकांदर प्रखंड.
- गढ़वा के मेराल, डंडई, रमना, विशुनपुरा, भवनाथपुर, चिनिया मझिआंव, सगमा, गढ़वा, डंडा रंका, कांडी, धुरकी, बड़कर, नगर उंटारी, रमकंडा, बरडीहा, केतार, खरौंधी और भंडरिया प्रखंड.
- गिरिडीह के गांडेय, बेंगाबाद, जमुआ, धनवार, बगोदर, सरिया, डुमरी, पीरटांड़, गिरिडीह, बिरनी, तीसरी, देवरी एवं गांवा प्रखंड
- गोड्डा, पत्थरगामा, बसंतराय, महागामा, मेहरमा, बारीजोर, सुंदर पहाड़ी, पोड़ैयाहाट और ठाकुरगंगती प्रखंड.


- गुमला के पालकोट, चैनपुर, डुमरी, जारी, कामडारा, सिसई, भरनो और विशुनपुर, घाघरा और रायडीह प्रखंड
- हजारीबाग में डाडी, बड़कागांव और केरेडारी, चुरचू, दारू, इचाक, टाटी झरिया, कटकमसधी, कटकमदाग, बरही, चौपारण, बरकट्ठा, चलकुशा, पद्मा और विष्णुगढ़ प्रखंड.
- जामताड़ा के नारायणपुर, कर्माटांड़, जामताड़ा, नाला, कुंडहित और फतेहपुर प्रखंड.
- खूंटी के मुरहू, अड़की, कर्रा, तोरपा और रनिया प्रखंड.
- कोडरमा के जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच और सतगांवा प्रखंड


- लातेहार के महुआटांड़ और गारु प्रखंड में मॉडरेट और हेरहंज, बरियातू, लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, मनिका और बरवाडीह प्रखंड.
- लोहरदगा जिले के सेन्हा, भंडरा, कुड़ू, कैरो, किस्को और पेशरार में प्रखंड
- पाकुड़ जिले के पाकुड़िया, पाकुड़, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, आमरपाड़ा और महेशपुर प्रखंड
- पलामू जिले के मनातू, लेस्लीगंज, पांकी, मेदिनीनगर, तरहसी, विश्रामपुर, नावाबाजार, पांडु, पड़वा, हरिहरगंज, छतरपुर, नवडीहा बाजार, रामगढ़, चैनपुर, उंटारी रोड, पाटन, सतबरवा, हैदरनगर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज और पिपरा प्रखंड
- रामगढ़ के दुलमी, चितरपुर, मांडू, पतरातू और गोला प्रखंड



- रांची के मांडर, बेड़ो, इटकी, ओरमांझी, नामकुम, अनगड़ा, सिल्ली, तमाड़, रातू, नगड़ी, बुढ़मू, खलारी, लापुंग, बुंडू प्रखंड, चान्हो और सोनाहातू प्रखंड
- साहिबगंज के बरहरवा, साहिबगंज, बोरियो, मंडरो, बरहेट, पाटना, राजमहल, उधवा और तालझारी प्रखंड
- सरायकेला खरसावां के कुचाई, चांडिल, ईचागढ़, कुकडु, राजनगर और गम्हरिया प्रखंड
- पश्चिम सिंहभूम के झींकपानी, टोंटो, जगरनाथपुर, नोवामुंडी, मझगांव, कुमारीडूंगी, मंझारी, तान्तनगर, चक्रधरपुर, सोनुवा, गोईलकेला, मनोहरपुर, बंदगांव, हाटगम्हरिया, गुदरी चाईबासा, खूंटपानी और आनंदपुर प्रखंड

राज्य के 22 जिलों के 226 सुखाड़ग्रस्त प्रखंड के किसान सुखाड़ राहत के लिए अपने नजदीक के सीएससी या प्रज्ञा केंद्र पर जाकर 01 रुपये के टोकन कटा कर आवेदन करें. किसान इस वेबसाइट msry.jharkhand.gov.in पर लॉगिन कर भी आवेदन कर सकते हैं. 29 दिसंबर को हेमन्त सोरेन सरकार के तीन साल पूरा होने पर राज्य के सुखाड़ग्रस्त 226 प्रखंडों के 30 लाख किसानों को 3500 रुपये की राहत देने की योजना है.

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