रांची: रात्रि ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को रेलवे से दी जाने वाली रात्रि भत्ता में कटौती हो सकती है. रेलवे ने एक फैसले के तहत यह निर्णय लिया है. रेलवे के इस निर्णय के बाद रांची रेल मंडल के कर्मचारियों में खलबली मची हुई है. कर्मचारी इस फैसले के विरोध में जल्द ही आंदोलन को लेकर रणनीति बनाएगी और रेलवे के खिलाफ बिगुल फूंका जाएगा.
रात्रि भत्ता का भुगतान
रेलवे की ओर से यह निर्णय वर्ष 2017 में ही लिया गया था. इसके बावजूद रेलवे बोर्ड कई कर्मचारियों को रात्रि भत्ता का भुगतान किया है और अब जानकारी मिल रही है कि जिन कर्मचारियों को 2017 से लेकर अब तक रात्रि भत्ता का भुगतान हुआ है. उनसे यह रकम वापस ली जाएगी. पूरे देश के साथ-साथ रांची रेल मंडल के ऐसे 3000 कर्मचारी हैं. जिनसे रात्रि भत्ता के रूप में दिए गए भुगतान वापस हो सकता है. फिलहाल, मामले को लेकर अधिकारियों की ओर से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जानकारी मिल रही है कि रांची रेल मंडल में लगभग साढ़े छह हजार रेल कर्मचारी है. इनमें से लगभग 3000 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 43 हजार 600 रुपये से ऊपर है और ऐसे कर्मचारियों के लिए ही यह नियम लागू किया गया है. हालांकि, रेलवे में प्रावधान यह भी है कि उनके वेतनमान से ही इसकी कटौती की जाएगी. उन्हें रकम वापस नहीं करना पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद रेलवे कर्मचारी सरकार के इस फैसले के खिलाफ गोलबंद होने को लेकर विचार कर रही है. इसे लेकर रेलवे के वरीय पदाधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा.
राष्ट्रीय स्तर पर विरोध की सुगबुगाहट
राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस भी इस फैसले का विरोध कर रही है. वहीं, रांची रेल मंडल दक्षिणी पूर्वी रेलवे मेंस कांग्रेस बोर्ड ने भी मामले को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. गौरतलब है कि लॉकडाउन के वजह से ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है. रेलवे का यह भी तर्क है कि जब रात में ड्यूटी ही नहीं हुई है तब रात्रि भत्ता कैसे दिया जाए. इसके बावजूद मार्च से लेकर अक्टूबर तक के रात्रि भक्ता की मांग भी रेलवे कर्मचारियों की ओर से की जा रही है. रेलवे बोर्ड और कर्मचारियों के बीच इस मुद्दे को लेकर भी विवाद गहरा सकता है, लेकिन मामला फिलहाल रेलवे बोर्ड के पाले में ही है.