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राजीव गांधी खेल रत्न अब हुआ ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्डः कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया, सुप्रियो बोले- छेछड़ई वाली मानसिकता

राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड हो गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की. इसको लेकर झारखंड में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई हैं. झारखंड हॉकी ने इस फैसले का स्वागत किया है तो झारखंड कांग्रेस ने इसको लेकर नफरत की सियासत करने का आरोप लगाया है.

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Published : Aug 6, 2021, 4:19 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 8:57 PM IST

रांचीः राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार के संबंध में भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. खेल जगत के इस सबसे बड़े अवॉर्ड को अब मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड (Major Dhyan Chand Award) के रूप में जाना जाएगा. खुद पीएम मोदी ने मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड की घोषणा की है. इसको लेकर झारखंड में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है. झारखंड हॉकी ने खुशी जताई है तो प्रदेश कांग्रेस ने तीखी निंदा की है.

इसे भी पढ़ें- Major Dhyan Chand के नाम पर मिलेगा राजीव गांधी खेल रत्न, पीएम ने किया एलान

राजीव गांधी खेल रत्न का नाम अब मेजर ध्यानचंद अवार्ड होगा और इस पुरस्कार के संबंध में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. खेल जगत के सबसे बड़े अवॉर्ड को अब मेजर ध्यानचंद अवार्ड के नाम से जाना जाएगा. इसे लेकर झारखंड के खेल प्रेमियों में खुशी है और प्रधानमंत्री के इस निर्णय को सराहा गया है. साथ ही झारखंड हॉकी संघ ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

देखें पूरी खबर

हॉकी झारखंड ने किया स्वागत

केंद्र सरकार का तर्क है कि हॉकी के प्रति लोगों की रुचि अब धीरे-धीरे बढ़ रही है. हॉकी से जुड़े खिलाड़ी अब देशभर से उभर कर सामने आ रहे हैं. पीएम मोदी की ओर से यह भी कहा गया है कि भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं और उन्हीं का ध्यान रखते हुए राजीव गांधी खेल रत्न का नाम अब मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड रखा जा रहा है.

खेल भावना को ध्यान में रखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार अब कहा जाएगा. इस महान खिलाड़ी के नाम से यह अवार्ड रखे जाने से देश और खेल-खिलाड़ी क्षेत्र से जुड़े तमाम लोग गौरवान्वित महसूस करेंगे. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद खेल प्रेमियों और हॉकी संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला काफी सराहनीय है. इस फैसले का स्वागत हर किसी को करना चाहिए.


नाम बदलने पर झारखंड के सियासी दलों की तीखी प्रतिक्रिया

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद अवार्ड करने के केंद्र सरकार के फैसले पर झारखंड कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी राजनीति विद्वेश को जनभावना का नाम दिया है. इससे उनकी मंशा साफ जाहिर है कि वो नफरत की सियासत कर रहे हैं और जनता इसे बखूबी समझ रही है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

उन्होंने मेजर ध्यानचंद को लेकर कहा कि पूरा देश उनका सम्मान करता है, अगर उनको सम्मान देना ही था तो अलग से उनके नाम से दूसरे अवार्ड का ऐलान करती को लोगों को इससे खुशी होती. नफरत की राजनीति का क्या परिणाम होता है ये भी देश जानता है.

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि 7 वर्षो के कार्यकाल में इस सरकार ने सिर्फ और सिर्फ नाम बदलने का काम ही किया है इसके अलावा इस सरकार को कुछ आता जाता नहीं है ऐसा लगता है कि वर्ष 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री खुद अपना नाम बदलकर चुनाव लड़ेंगे

छेछड़ई वाली मानसिकता से देश नहीं चलता- जेएमएम केंद्रीय महासचिव

केंद्र सरकार की ओर से राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किए जाने से प्रदेश के विपक्षी पार्टियों में उबाल है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि इस तरीके का काम है दर्शाता है कि केंद्र की भाजपा सरकार छेछड़ई पर उतर आई है. उन्होंने कहा है कि किसी का नाम बदल देने से उनका कद कम नहीं हो जाता है भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की सरकार ओछी मानसिकता का शिकार है.

नाम बदलने को लेकर जेएमएम की तीखी प्रतिक्रिया

धनबाद जज मौत मामले पर बोले सुप्रीयो

धनबाद जज उत्तम आनंद मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से झारखंड सरकार पर तल्ख टिप्पणी की गई है. जिसमें कहा गया है कि युवा जज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह राज्य सरकार की विफलता है. इस पर जब पत्रकारों ने जेएमएम केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता था कि यह मामला सीबीआई के पास जाए, हाईकोर्ट ने भी निर्देशित किया था. अब इस सवाल का जवाब सीबीआई के पास ही है, वो कोर्ट के निर्देश का सम्मान करते हैं. जल्द ही मामले का उद्भेदन होगा और दोषियों पर कार्रवाई भी इस राज्य में होगी.

धनबाद जज मौत मामले पर बोले जेएमएम महासचिव

इसे भी पढ़ें- PM मोदी ने महिला हॉकी टीम और उनके कोच से फोन पर की बात

पीएम मोदी ने किया ऐलान

राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार अब मेजर ध्यान चंद (Major Dhyan Chand) के नाम पर दिया जाएगा. पीएम मोदी ने इस संबंध में ट्वीट किया है. पीएम मोदी ने ओलंपिक (PM Modi Olympics) में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन का जिक्र किया और ट्वीट कर लिखा, 'पुरुष और महिला हॉकी टीम के असाधारण प्रदर्शन ने हमारे पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है.'

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे भारत भर के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार (Khel Ratna Award) का नाम मेजर ध्यान चंद के नाम पर (Major Dhyan Chand) रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त होते रहे हैं. मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं. उन्होंने लिखा कि लोगों की भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यान चंद खेल रत्न (Major Dhyan Chand Khel Ratna) पुरस्कार कहा जाएगा.

खेल रत्न पुरस्कार का का इतिहास
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिए जाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी. यह पुरस्कार किसी खिलाड़ी के पूरे साल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अब तक हॉकी में महज तीन खिलाड़ियों को ही मिला है. हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै को सबसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न दिया गया था. इसके बाद हॉकी खिलाड़ियों को खेल रत्न के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा. साल 2017 में सरदार सिंह को भी राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था. वर्ष 2020 के लिए महिला हॉकी टीम के कप्तान रानी रामपाल को राजीव गांधी खेल रत्न के लिए चुना गया था.

रांचीः राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार के संबंध में भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. खेल जगत के इस सबसे बड़े अवॉर्ड को अब मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड (Major Dhyan Chand Award) के रूप में जाना जाएगा. खुद पीएम मोदी ने मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड की घोषणा की है. इसको लेकर झारखंड में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है. झारखंड हॉकी ने खुशी जताई है तो प्रदेश कांग्रेस ने तीखी निंदा की है.

इसे भी पढ़ें- Major Dhyan Chand के नाम पर मिलेगा राजीव गांधी खेल रत्न, पीएम ने किया एलान

राजीव गांधी खेल रत्न का नाम अब मेजर ध्यानचंद अवार्ड होगा और इस पुरस्कार के संबंध में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. खेल जगत के सबसे बड़े अवॉर्ड को अब मेजर ध्यानचंद अवार्ड के नाम से जाना जाएगा. इसे लेकर झारखंड के खेल प्रेमियों में खुशी है और प्रधानमंत्री के इस निर्णय को सराहा गया है. साथ ही झारखंड हॉकी संघ ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

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हॉकी झारखंड ने किया स्वागत

केंद्र सरकार का तर्क है कि हॉकी के प्रति लोगों की रुचि अब धीरे-धीरे बढ़ रही है. हॉकी से जुड़े खिलाड़ी अब देशभर से उभर कर सामने आ रहे हैं. पीएम मोदी की ओर से यह भी कहा गया है कि भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं और उन्हीं का ध्यान रखते हुए राजीव गांधी खेल रत्न का नाम अब मेजर ध्यान चंद अवॉर्ड रखा जा रहा है.

खेल भावना को ध्यान में रखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार अब कहा जाएगा. इस महान खिलाड़ी के नाम से यह अवार्ड रखे जाने से देश और खेल-खिलाड़ी क्षेत्र से जुड़े तमाम लोग गौरवान्वित महसूस करेंगे. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद खेल प्रेमियों और हॉकी संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला काफी सराहनीय है. इस फैसले का स्वागत हर किसी को करना चाहिए.


नाम बदलने पर झारखंड के सियासी दलों की तीखी प्रतिक्रिया

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद अवार्ड करने के केंद्र सरकार के फैसले पर झारखंड कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी राजनीति विद्वेश को जनभावना का नाम दिया है. इससे उनकी मंशा साफ जाहिर है कि वो नफरत की सियासत कर रहे हैं और जनता इसे बखूबी समझ रही है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

उन्होंने मेजर ध्यानचंद को लेकर कहा कि पूरा देश उनका सम्मान करता है, अगर उनको सम्मान देना ही था तो अलग से उनके नाम से दूसरे अवार्ड का ऐलान करती को लोगों को इससे खुशी होती. नफरत की राजनीति का क्या परिणाम होता है ये भी देश जानता है.

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि 7 वर्षो के कार्यकाल में इस सरकार ने सिर्फ और सिर्फ नाम बदलने का काम ही किया है इसके अलावा इस सरकार को कुछ आता जाता नहीं है ऐसा लगता है कि वर्ष 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री खुद अपना नाम बदलकर चुनाव लड़ेंगे

छेछड़ई वाली मानसिकता से देश नहीं चलता- जेएमएम केंद्रीय महासचिव

केंद्र सरकार की ओर से राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किए जाने से प्रदेश के विपक्षी पार्टियों में उबाल है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि इस तरीके का काम है दर्शाता है कि केंद्र की भाजपा सरकार छेछड़ई पर उतर आई है. उन्होंने कहा है कि किसी का नाम बदल देने से उनका कद कम नहीं हो जाता है भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की सरकार ओछी मानसिकता का शिकार है.

नाम बदलने को लेकर जेएमएम की तीखी प्रतिक्रिया

धनबाद जज मौत मामले पर बोले सुप्रीयो

धनबाद जज उत्तम आनंद मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से झारखंड सरकार पर तल्ख टिप्पणी की गई है. जिसमें कहा गया है कि युवा जज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह राज्य सरकार की विफलता है. इस पर जब पत्रकारों ने जेएमएम केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता था कि यह मामला सीबीआई के पास जाए, हाईकोर्ट ने भी निर्देशित किया था. अब इस सवाल का जवाब सीबीआई के पास ही है, वो कोर्ट के निर्देश का सम्मान करते हैं. जल्द ही मामले का उद्भेदन होगा और दोषियों पर कार्रवाई भी इस राज्य में होगी.

धनबाद जज मौत मामले पर बोले जेएमएम महासचिव

इसे भी पढ़ें- PM मोदी ने महिला हॉकी टीम और उनके कोच से फोन पर की बात

पीएम मोदी ने किया ऐलान

राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार अब मेजर ध्यान चंद (Major Dhyan Chand) के नाम पर दिया जाएगा. पीएम मोदी ने इस संबंध में ट्वीट किया है. पीएम मोदी ने ओलंपिक (PM Modi Olympics) में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन का जिक्र किया और ट्वीट कर लिखा, 'पुरुष और महिला हॉकी टीम के असाधारण प्रदर्शन ने हमारे पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है.'

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे भारत भर के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार (Khel Ratna Award) का नाम मेजर ध्यान चंद के नाम पर (Major Dhyan Chand) रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त होते रहे हैं. मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं. उन्होंने लिखा कि लोगों की भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यान चंद खेल रत्न (Major Dhyan Chand Khel Ratna) पुरस्कार कहा जाएगा.

खेल रत्न पुरस्कार का का इतिहास
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिए जाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी. यह पुरस्कार किसी खिलाड़ी के पूरे साल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अब तक हॉकी में महज तीन खिलाड़ियों को ही मिला है. हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै को सबसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न दिया गया था. इसके बाद हॉकी खिलाड़ियों को खेल रत्न के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा. साल 2017 में सरदार सिंह को भी राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था. वर्ष 2020 के लिए महिला हॉकी टीम के कप्तान रानी रामपाल को राजीव गांधी खेल रत्न के लिए चुना गया था.

Last Updated : Aug 6, 2021, 8:57 PM IST
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