देवघर: स्वास्थ्य मुख्यालय ने विभिन्न जिलों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें और वहां की कमियों को दूर कर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल करें. मुख्यालय के आदेश के बाद देवघर जिला स्वास्थ्य विभाग भी हरकर में आ गया है. विभाग ने देवघर के विभिन्न प्रखंडों में चल रहे निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. जिसमें कई अस्पतालों में कमियां पाई गईं.
देवघर जिले में किए गए औचक निरीक्षण को लेकर सिविल सर्जन युगल चौधरी का कहना है कि निजी अस्पतालों के निरीक्षण के लिए जिला स्तर पर टीम बनाई गई है. जिसमें जिले के एसीएमओ, वरीय कार्यक्रम प्रबंधक, आईएमए के सचिव, झासा के सचिव, डीपीएम शामिल हैं. इन लोगों ने जिले के बड़े-छोटे अस्पतालों का निरीक्षण किया. जिसमें कई अस्पतालों में कमियां पाई गईं. जिस पर संज्ञान लेते हुए ऐसे अस्पतालों के संचालकों को अगले सात दिनों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया है अन्यथा उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित कमेटी ने पिछले दिनों सारवां स्थित सुधा अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर, सारवां के ही सवेरा अस्पताल, बाजला चौक स्थित त्रिदेव अस्पताल, सुभाष चौक स्थित साईं राम अस्पताल, कुंडा मोड़ स्थित जीवनदायिनी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. जिसमें सारवां के सवेरा अस्पताल और देवघर के जीवनदायिनी अस्पताल में कई कमियां पाई गई थी. जिसकी जानकारी सिविल सर्जन को दे दी गई है.
सिविल सर्जन ने ऐसे अस्पताल संचालकों को एक सप्ताह का समय दिया है और जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है. इसके अलावा देवघर के छोटे नर्सिंग होम का भी औचक निरीक्षण किया गया है. जिसमें बायो वेस्ट मैनेजमेंट, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट सर्टिफिकेट, प्रदूषण सर्टिफिकेट, स्टाफ योग्यता सर्टिफिकेट समेत विभिन्न कागजात अपडेट करने को कहा गया है. यदि आगामी सात दिनों के बाद सभी स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो आने वाले समय में इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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