रांची: मोदी मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) विस्तार में झारखंड की कोडरमा लोकसभा सीट से सांसद अन्नपूर्णा देवी (Annapurna Devi) को जगह मिलने पर भले ही प्रदेश बीजेपी उत्साहित है, लेकिन झारखंड की सत्ताधारी दल जेएमएम और कांग्रेस ने इस मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला बोला है.
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सत्ताधारी दलों का मानना है, कि परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्रिमंडल में फेरबदल हुए हैं, ऐसे में कोरोना महामारी में फेल होने की वजह से अगर स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा लिया गया है, तो प्रधानमंत्री को पहले इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि कोरोना काल में वह फेल हुए हैं, लेकिन बलि का बकरा स्वास्थ्य मंत्री को बनाया गया है.
पीएम मोदी पर साधा निशाना
वहीं झारखंड कांग्रेस के नेताओं का कहना है, कि देश में कोरोना को लेकर मचे कोहराम के लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा सुर्खियों में रहा, स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने कहा, कि जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग की विफलता रही है, ऐसे में डॉ हर्षवर्धन की जगह प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए था, प्रधानमंत्री मानते हैं, कि उनका स्वास्थ्य मंत्रालय फेल रहा, इसलिए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा लिया गया. उन्होंने कहा, कि स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफा से प्रधानमंत्री लोगों की शहादत से खुद को नहीं बचा सकते हैं, इस देश को इस स्थिति में लाने के लिए प्रधानमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार है.
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जेएमएम ने प्रधानमंत्री मोदी से मांगा इस्तीफा
वहीं जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि झारखंड से एक सांसद को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलने से कोई फायदा नहीं है, क्योंकि पहले भी मंत्रिमंडल में 2 लोग हैं, जिसमें से एक प्रवासी पक्षी हैं. वहीं उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल मामले पर कहा, कि परफॉर्मेंस के आधार पर इस्तीफा मांगा गया है और स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा ले लिया गया है, लेकिन इसमें सबसे बड़ा फेल्योर प्रधानमंत्री का रहा है. उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री ने जैसे चुनाव प्रचार किया, वह डिजास्टर मैनेजमेंट के खिलाफ कार्य था, अगर परफॉर्मेंस फेरबदल का पर्याय माना गया, तो उदारता दिखाकर पहले प्रधानमंत्री खुद इस्तीफा देते, उसके बाद गृह मंत्री का भी इस्तीफा लेते.