रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलामू में बालू की समस्या को लेकर कहा कि केंद्र की ओर से लगातार राज्य के विकास में बाधा डालने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं. यही वजह है कि राज्य में बालू की निलामी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और एक पखवाड़े में बालू की समस्या का समाधान हो जाएगा. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार GST का पैसा रोके हुए है और अपनी मनमानी राज्य पर थोप रही है. उसी पर मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया है.
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गौरतलब है कि पलामू प्रमंडल में 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने युवाओं को नियुक्ति पत्र/ऑफर लेटर प्रदान करने गए थे. कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी शामिल हुए. कार्यक्रम के बाद मीडिया द्वारा राज्य में बालू की समस्या को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने इसके लिए केंद्र की सरकार से सवाल पूछने को कहा था.
अब राज्य की सत्ताधारी पार्टियां झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड कांग्रेस मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया को स्वाभाविक बताते हुए कहा है कि जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार, राज्य के विकास में बाधक बन रही है, उसके बाद इस तरह के बयान स्वभाविक है. सत्ताधारी दलों ने केंद्र की सरकार पर राज्य के फेडरल स्ट्रक्चर को भी नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा पलामू में मीडियाकर्मियों द्वारा बालू को लेकर पूछे गए सवाल का अटपटा जवाब दिए जाने पर बीजेपी ने तीखी टिप्पणी की है. बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा है कि हर कुछ केंद्र पर टालने की आदत मुख्यमंत्री को हो गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र कहां है वह मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए और इस तरह के अटपटे बयान से बचना चाहिए.