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9 साल बाद राष्ट्रीय लोक अदालत से मिला इंसाफ, जानिए रिश्वतखोरी के खिलाफ मनोज की संघर्ष भरी दास्तां - JE Ranchi

2012 में रिश्वत नहीं देने पर कांके निवासी मनोज कुमार पर बिजली चोरी का केस दर्ज हुआ. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और अब 9 साल बाद उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) से इंसाफ मिला है.

ranchi's manoj fight against bribery
9 साल बाद राष्ट्रीय लोक अदालत से मिला इंसाफ, जानिए रिश्वतखोरी के खिलाफ मनोज की संघर्ष भरी दास्तां
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Published : Jul 10, 2021, 7:55 PM IST

रांची: कहते हैं सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन उसकी हार नहीं होती. कुछ ऐसा ही वाक्या शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान देखने को मिला. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कांके निवासी मनोज कुमार को 9 साल बाद न्याय मिला है.

इसे भी पढ़ें- वैक्सीनेशन सेंटर पर रिश्वत लेते पकड़ा गया कर्मचारी

2012 में रिश्वत नहीं देने पर हुआ था बिजली चोरी का केस

मामला अगस्त 2012 का है, जब बिजली विभाग (Electricity Department) की ओर से मनोज कुमार के कांके स्थित घर पर पड़ोसी की साजिश से बिजली चोरी की छापेमारी कराई गई थी. छापेमारी के बाद बिजली विभाग के जेई ने बतौर रिश्वत बीस हजार की मांग मनोज कुमार से कर दी. मनोज कुमार सिन्हा हार नहीं माने और इसकी शिकायत एसीबी (ACB) को कर दी. एसीबी की ओर से छापेमारी के दौरान मनोज कुमार से दस हजार रिश्वत लेते हुए बिजली विभाग के जेई (JE) विजय कुमार को पकड़ा था.

देखें पूरी खबर



कहानी यहीं नहीं हुई खत्म

जेई विजय कुमार के पकड़े जाने के बाद बिजली विभाग ने मनोज कुमार सिन्हा के परिवार पर दर्ज कांड को वापस नहीं लिया. सिविल कोर्ट (Civil Court) में इस दौरान आरोपी बने मनोज कुमार पर वारंट जारी होने पर बेल लेनी पड़ी. 9 सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद यह मामला लोक अदालत तक पहुंचा. शनिवार को आयोजित लोक अदालत में मनोज कुमार को 30 हजार का भुगतान कर आखिरकार केस का सेटलमेंट हुआ. केस के निपटारे पर खुशी जताते हुए सिन्हा दंपत्ति ने कहा कि कानूनी लड़ाई के साथ-साथ विभाग का चक्कर लगाते लगाते वे परेशान रहे. आखिरकार राष्ट्रीय लोक अदालत से उन्हें न्याय मिली और वे खुश हैं.

राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादित हुए ऐसे कई केस

सिविल कोर्ट रांची कैंपस में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से राष्ट्रीय लोक अदालत के मौके पर कुल 47 बेंचों का गठन किया गया था, जिसमें पारिवारिक विवाद के अंतर्गत 26 मामले निष्पादित हुए हैं. इसमें कई ऐसे भी केस सुलझे, जो पति पत्नी के बीच विवाद के कारण परिवार बिखरने जा रहा था. इसी तरह परिवहन संबंधी करीब दो करोड़ से ज्यादा के मामले सुलझाये गये. जमीन विवाद के कारण बिल्डर और जमीन मालिक महिला के बीच दस वर्षों से चल रहा विवाद राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलझाकर इसे सफल बनाया गया.

जामताड़ा में भी राष्ट्रीय लोक अदालत

जामताड़ा जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार समिति की ओर से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 340 लंबित मामलों का निष्पादन और 53,66,768 राशि की वसूली की गई.

रांची: कहते हैं सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन उसकी हार नहीं होती. कुछ ऐसा ही वाक्या शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान देखने को मिला. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कांके निवासी मनोज कुमार को 9 साल बाद न्याय मिला है.

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2012 में रिश्वत नहीं देने पर हुआ था बिजली चोरी का केस

मामला अगस्त 2012 का है, जब बिजली विभाग (Electricity Department) की ओर से मनोज कुमार के कांके स्थित घर पर पड़ोसी की साजिश से बिजली चोरी की छापेमारी कराई गई थी. छापेमारी के बाद बिजली विभाग के जेई ने बतौर रिश्वत बीस हजार की मांग मनोज कुमार से कर दी. मनोज कुमार सिन्हा हार नहीं माने और इसकी शिकायत एसीबी (ACB) को कर दी. एसीबी की ओर से छापेमारी के दौरान मनोज कुमार से दस हजार रिश्वत लेते हुए बिजली विभाग के जेई (JE) विजय कुमार को पकड़ा था.

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कहानी यहीं नहीं हुई खत्म

जेई विजय कुमार के पकड़े जाने के बाद बिजली विभाग ने मनोज कुमार सिन्हा के परिवार पर दर्ज कांड को वापस नहीं लिया. सिविल कोर्ट (Civil Court) में इस दौरान आरोपी बने मनोज कुमार पर वारंट जारी होने पर बेल लेनी पड़ी. 9 सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद यह मामला लोक अदालत तक पहुंचा. शनिवार को आयोजित लोक अदालत में मनोज कुमार को 30 हजार का भुगतान कर आखिरकार केस का सेटलमेंट हुआ. केस के निपटारे पर खुशी जताते हुए सिन्हा दंपत्ति ने कहा कि कानूनी लड़ाई के साथ-साथ विभाग का चक्कर लगाते लगाते वे परेशान रहे. आखिरकार राष्ट्रीय लोक अदालत से उन्हें न्याय मिली और वे खुश हैं.

राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादित हुए ऐसे कई केस

सिविल कोर्ट रांची कैंपस में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से राष्ट्रीय लोक अदालत के मौके पर कुल 47 बेंचों का गठन किया गया था, जिसमें पारिवारिक विवाद के अंतर्गत 26 मामले निष्पादित हुए हैं. इसमें कई ऐसे भी केस सुलझे, जो पति पत्नी के बीच विवाद के कारण परिवार बिखरने जा रहा था. इसी तरह परिवहन संबंधी करीब दो करोड़ से ज्यादा के मामले सुलझाये गये. जमीन विवाद के कारण बिल्डर और जमीन मालिक महिला के बीच दस वर्षों से चल रहा विवाद राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलझाकर इसे सफल बनाया गया.

जामताड़ा में भी राष्ट्रीय लोक अदालत

जामताड़ा जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार समिति की ओर से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 340 लंबित मामलों का निष्पादन और 53,66,768 राशि की वसूली की गई.

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