रांची: समाजसेवी मून खातून पिछले 46 वर्षों से गरीब और अनाथ बच्चों की सेवा कर रही है. अब तक वह लगभग 27 बच्चों को बेहतर जिंदगी देने में मदद कर चुकी है. इस सफर में वह खुद यतीम हो चुकी है और उसकी माली हालात चरमा गई है. मून खातून ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.
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सरकार से की ये मांग : मून खातून एक ही कमरे में अनाथ बच्चों के साथ गुजर बसर कर रही है. मून खातून ने ईटीवी को बताया कि जिस तरह से उनकी उम्र बढ़ रही है, ऐसे में उन्हें जीवन यापन करने में परेशानी आ रही है. घर भी छोटा है, जिसमें सभी बच्चों को एक साथ ले कर रहेने दिक्कत हो आ रही है. मून खातून बताती है कि कुछ वर्ष पहले अतिक्रमण में उनका घर टूट गया था. उसके बाद वह रांची के कर्बाला चौक पर आजाद बस्ती के एक गली में जैसे-तैसे रह रही है. मून खातून ने सरकार से आर्थिक मदद और घर की मांग की है.
शरीर नहीं दे रहा साथ: मून खातून ने बताया कि जब तक शरीर साथ दे रहा था तब तक कोई दिक्कत नहीं थी. मेहनत करके काम करती थी. बच्चों का भरण पोषण कर लेती थी. उन्होंने कहा कि अब उम्र 70 वर्ष से ज्यादा हो गई है. शरीर काम नहीं करता है. फिर भी अनाथ बच्चों के पेट की खातिर मेहनत करनी पड़ती है.
ठोंगा बनाकर पाल रही पेट: कागज से ठोंगा बनाकर मून खातून बच्चों का पेट पाल रही है. खुद के और बच्चों का भरण पोषण भी इसी से कर रही हैं. ऐसे में बताया कि आर्थिक तंगी बच्चों की सेवा में आड़े आ रही है. उम्र हो जाने के कारण अब बाहर जाकर बहुत मेहनत नहीं कर सकती है. बता दें कि मून खातून के पति मिलिट्री में काम करते थे. जिनकी मृत्यु 24 वर्ष पहले हो गई थी. कहा कि उनके पति ने एक अनाथ और लावारिस नवजात को लाकर उनकी गोद में रखा था, तभी से बच्चों की सेवा में पूरी लगन के साथ जुटी हुई है.
कई संस्थाए कर चुकी सम्मानित: मून की सामाजिक भागीदारी के कारण कई संस्थाए उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं. हालांकि किसी भी संस्था से उन्हें आर्थिक मदद नहीं मिली है. मून खातून के पड़ोसी भी उनके कार्य से प्रभावित हैं. पड़ोसियों का भी मानना है कि समाज में ऐसे कार्य करने वालों को सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए.