रांची: राजधानी में सोशल मीडिया की आड़ में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्व पुलिस के रडार पर है. यही वजह है कि ईद-उल-अजहा यानी बकरीद को लेकर रांची पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. रांची पुलिस की तरफ से यह अपील की गई है कि बकरीद के अवसर पर किसी भी प्रकार के भ्रामक सूचना, फोटो, वीडियो एवं धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर ना करें. ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
होगी कानूनी कर्रवाई: रांची पुलिस के द्वारा जारी अपील में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को चेतावनी दी गई है. पुलिस के द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भ्रामक सूचना, फोटो, वीडियो और धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सुसंगत धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी. सोशल मीडिया पर बनाए गए ग्रुप के सभी ग्रुप एडमिन को भी इसे लेकर हिदायत दी गई है कि वह ऐसे पोस्ट जारी ना होने दें.
नम्बर जारी: रांची पुलिस की तरफ से साइबर सेल का एक मोबाइल नंबर 8987790674 भी जारी किया गया है. इस नंबर पर जागरूक शहरी किसी भी तरह के भड़काऊ मैसेज और वीडियो पोस्ट करने वाले की सूचना पुलिस को दे सकते हैं. सूचना मिलने पर पुलिस मामले की तहकीकात कर दोषी पाए जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई करेगी. वहीं सूचना देने वाले की पहचान को भी पुलिस गुप्त रखेगी.
10 जून को हिंसा फैलाने में सोशल मीडिया का हुआ था प्रयोग: राजधानी में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद के बाद मेन रोड इलाके में जमकर उपद्रव हुआ था. हिंसक भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई थी कि 10 जून की हिंसा को हवा देने में सोशल मीडिया का अहम योगदान था. यह बातें पुलिस के द्वारा की गई एफआईआर से भी पता चलता है. 10 जून को रांची में हुए हिंसा मामले में पुलिस ने 48 एफआईआर दर्ज किया था जिसमें 20 एफआईआर सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए थे. इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए हिंसा को हवा देने की कोशिश करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. यही वजह है कि बकरीद पर्व को लेकर रांची पुलिस सोशल मीडिया को लेकर बेहद अलर्ट है.