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बड़े मामलों की जांच में फेल साबित हो रही है राजधानी की पुलिस, कई चर्चित हत्या के मामले अभी भी हैं अनसुलझे - कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा हत्याकांड

झारखंड की राजधानी रांची की पुलिस बड़े मामलों को सुलझाने में फेल साबित हो रही है. साल 2019 से 2020 तक कई ऐसे हत्या और लूट हुई, जिसकी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. छोटे-मोटे चोरी, लूट और छिनतई, पॉकेटमार और एक दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर अक्सर राजधानी की पुलिस वाहवाही लुटती है, लेकिन बड़े मामलों की तफ्तीश में उनकी सांसें फूलने लगती हैं.

ranchi police is proving to be failing in big cases
रांची पुलिस
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Published : Mar 13, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 4:50 AM IST

रांची: राजधानी रांची में साल 2020 के शुरुआत के तीन महीनों में एक के बाद एक कई अपराधिक घटनाएं घटी. अपराधी जब चाहे जहां मन गोलियां बरसा कर हत्या कर फरार हो जा रहे हैं, लेकिन पुलिस ज्यादातर मामलों की तह तक नहीं पहुंच पा रही है. हर घटना के बाद दावे तो कर रही है कि अपराधी जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएंगे, उनकी पहचान कर ली गई है. लेकिन नतीजा कुछ निकल नहीं पा रहा है. नतीजा मामले फाइलों में दबती जा रही हैं.

देखें पूरी खबर

कई हत्याकांड अभी भी हैं अनसुलझे

साल 2020 के दो हत्याकांड पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. पहला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले फाइनेंस कर्मी मुकेश जालान की हत्या का है, तो दूसरा कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा का. मुकेश जालान और प्रेम सागर दोनों की हत्या बड़े ही निर्मम तरीके से अपराधियों ने गोली मारकर अंजाम दिया था. लेकिन लगभग एक महीना से अधिक बीत जाने के बाद भी दोनों ही हत्याकांड का खुलासा रांची पुलिस नहीं कर पाई है.

2 मार्च 2020 को रांची के वीआईपी इलाके मोरहाबादी में अज्ञात अपराधियों ने कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. 6 फरवरी 2020 को फाइनेंस कर्मी मुकेश जालान की हत्या किशोरगंज स्थित उनके घर के पास गोली मारकर कर दी गई थी. 15 फरवरी 2020 को रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में एक अज्ञात युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और फिर उसके शव को जला दिया गया था. इस मामले में भी पुलिस के हाथ अब तक कुछ भी नहीं लगा है. 8 फरवरी 2020 को रांची के रातू थाना क्षेत्र में 6 वर्षीय मासूम हिमांशु की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन इस मामले में भी अभी तक कोई भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है.

ranchi police is proving to be failing in big cases
कार्यालय

पुलिस के पास बस एक ही जबाब, जल्द होगी गिरफ्तारी

राजधानी रांची में 2020 में जो भी हत्याएं हुई हैं, उनमें से अधिकार मामले जमीन विवाद और आपसी रंजिश से जुड़े हैं. इनमें कई सफेदपोसों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है. इन सभी कांडों को लेकर जब रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता से सवाल पूछा गया तो उन्होंने भी रटा रटाया ही जवाब दिया.

बड़े मामलों के अनुसंधान में फिसड्डी है राजधानी की पुलिस

पिछले 5 सालों में राजधानी रांची में कई बड़े अपराधिक कांडों को अंजाम दिया गया. जिनमें से कई का खुलासा अब तक रांची पुलिस नहीं कर पाई है. छोटे-मोटे चोरी, लूट और छिनतई, पॉकेटमार और एक दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर अक्सर राजधानी की पुलिस वाहवाही लुटती है, लेकिन बड़े मामलों की तफ्तीश में उनकी सांसें फूलने लगती हैं.

2019 के कई कांड अब भी अनसुलझे

साल 2020 के कई चर्चित हत्या और लूट कांडों की बात अगर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें तो ऐसा नहीं है कि रांची पुलिस 2019 के कांडों को पूरी तरह से सुलझा चुकी है. 2019 के कई चर्चित कांड के आरोपी अभी भी पुलिस की दबिश से कोसों दूर हैं. जिनमें से कुछ चर्चित मामले ऐसे हैं जिसे लेकर राजधानी रांची की पुलिस की बड़ी बदनामी भी हुई थी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस अब तक उन कांडों के पीछे जो अपराधी हैं उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई.

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड

राजधानी रांची में साल 2019 में हुए कई बड़े मामलों का खुलासा अब तक नहीं हुआ है. वहीं, साल 2019 में भी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया, लेकिन उन वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी अब तक गिरफ्त से दूर हैं. साल 2018 के सबसे चर्चित दोहरे हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी अब तक फरार हैं. रांची के एक निजी न्यूज चैनल के दफ्तर में अग्रवाल बंधुओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन हत्या के एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक हत्याकांड के मुख्य दो आरोपी एमके सिंह और लोकेश चौधरी कानून की गिरफ्त से दूर है.

ranchi police is proving to be failing in big cases
रांची पुलिस

7 मार्च 2019 को लोकेश चौधरी ने अपने दफ्तर में रांची के रहने वाले दो भाई महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में लोकेश के साथ उसके दो बॉडीगार्ड और उसका खास सहयोगी एनके सिंह भी शामिल था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोकेश के बॉडीगार्ड को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन लोकेश और एमके सिंह अब तक फरार हैं.


गहना घर लूट कांड
14 अक्टूबर 2019 की दोपहर बेखौफ पांच अपराधियों ने रांची के लालपुर थाना क्षेत्र गहना घर में धावा बोला और लूटपाट का विरोध करने पर दो सगे भाइयों रोहित और राहुल को गोली मार दी गई थी. इस कांड को अंजाम देने में बिहार के अपराधियों की सहभागिता सामने आई थी, लेकिन अब यह कांड भी फाइलों में दब गई है. इस कांड में अभी तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी रांची पुलिस ने नहीं की है.

वहीं, सीसीटीवी फुटेज में सभी अपराधियों के चेहरे साफ-साफ नजर आ रहे थे. साल 2019 में ही हुए जमीन कारोबारी कमलेश दुबे हत्याकांड की गुत्थी भी पुलिस नहीं सुलझा पाई है. यह सभी वैसे केस थे, जिसके अंजाम देने के बाद राजधानी रांची पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी. इसके बावजूद इन कांडों का नहीं सुलझा पाना रांची पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करती है.

रांची: राजधानी रांची में साल 2020 के शुरुआत के तीन महीनों में एक के बाद एक कई अपराधिक घटनाएं घटी. अपराधी जब चाहे जहां मन गोलियां बरसा कर हत्या कर फरार हो जा रहे हैं, लेकिन पुलिस ज्यादातर मामलों की तह तक नहीं पहुंच पा रही है. हर घटना के बाद दावे तो कर रही है कि अपराधी जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएंगे, उनकी पहचान कर ली गई है. लेकिन नतीजा कुछ निकल नहीं पा रहा है. नतीजा मामले फाइलों में दबती जा रही हैं.

देखें पूरी खबर

कई हत्याकांड अभी भी हैं अनसुलझे

साल 2020 के दो हत्याकांड पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. पहला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले फाइनेंस कर्मी मुकेश जालान की हत्या का है, तो दूसरा कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा का. मुकेश जालान और प्रेम सागर दोनों की हत्या बड़े ही निर्मम तरीके से अपराधियों ने गोली मारकर अंजाम दिया था. लेकिन लगभग एक महीना से अधिक बीत जाने के बाद भी दोनों ही हत्याकांड का खुलासा रांची पुलिस नहीं कर पाई है.

2 मार्च 2020 को रांची के वीआईपी इलाके मोरहाबादी में अज्ञात अपराधियों ने कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. 6 फरवरी 2020 को फाइनेंस कर्मी मुकेश जालान की हत्या किशोरगंज स्थित उनके घर के पास गोली मारकर कर दी गई थी. 15 फरवरी 2020 को रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में एक अज्ञात युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और फिर उसके शव को जला दिया गया था. इस मामले में भी पुलिस के हाथ अब तक कुछ भी नहीं लगा है. 8 फरवरी 2020 को रांची के रातू थाना क्षेत्र में 6 वर्षीय मासूम हिमांशु की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन इस मामले में भी अभी तक कोई भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है.

ranchi police is proving to be failing in big cases
कार्यालय

पुलिस के पास बस एक ही जबाब, जल्द होगी गिरफ्तारी

राजधानी रांची में 2020 में जो भी हत्याएं हुई हैं, उनमें से अधिकार मामले जमीन विवाद और आपसी रंजिश से जुड़े हैं. इनमें कई सफेदपोसों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है. इन सभी कांडों को लेकर जब रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता से सवाल पूछा गया तो उन्होंने भी रटा रटाया ही जवाब दिया.

बड़े मामलों के अनुसंधान में फिसड्डी है राजधानी की पुलिस

पिछले 5 सालों में राजधानी रांची में कई बड़े अपराधिक कांडों को अंजाम दिया गया. जिनमें से कई का खुलासा अब तक रांची पुलिस नहीं कर पाई है. छोटे-मोटे चोरी, लूट और छिनतई, पॉकेटमार और एक दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर अक्सर राजधानी की पुलिस वाहवाही लुटती है, लेकिन बड़े मामलों की तफ्तीश में उनकी सांसें फूलने लगती हैं.

2019 के कई कांड अब भी अनसुलझे

साल 2020 के कई चर्चित हत्या और लूट कांडों की बात अगर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें तो ऐसा नहीं है कि रांची पुलिस 2019 के कांडों को पूरी तरह से सुलझा चुकी है. 2019 के कई चर्चित कांड के आरोपी अभी भी पुलिस की दबिश से कोसों दूर हैं. जिनमें से कुछ चर्चित मामले ऐसे हैं जिसे लेकर राजधानी रांची की पुलिस की बड़ी बदनामी भी हुई थी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस अब तक उन कांडों के पीछे जो अपराधी हैं उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई.

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड

राजधानी रांची में साल 2019 में हुए कई बड़े मामलों का खुलासा अब तक नहीं हुआ है. वहीं, साल 2019 में भी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया, लेकिन उन वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी अब तक गिरफ्त से दूर हैं. साल 2018 के सबसे चर्चित दोहरे हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी अब तक फरार हैं. रांची के एक निजी न्यूज चैनल के दफ्तर में अग्रवाल बंधुओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन हत्या के एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक हत्याकांड के मुख्य दो आरोपी एमके सिंह और लोकेश चौधरी कानून की गिरफ्त से दूर है.

ranchi police is proving to be failing in big cases
रांची पुलिस

7 मार्च 2019 को लोकेश चौधरी ने अपने दफ्तर में रांची के रहने वाले दो भाई महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में लोकेश के साथ उसके दो बॉडीगार्ड और उसका खास सहयोगी एनके सिंह भी शामिल था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोकेश के बॉडीगार्ड को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन लोकेश और एमके सिंह अब तक फरार हैं.


गहना घर लूट कांड
14 अक्टूबर 2019 की दोपहर बेखौफ पांच अपराधियों ने रांची के लालपुर थाना क्षेत्र गहना घर में धावा बोला और लूटपाट का विरोध करने पर दो सगे भाइयों रोहित और राहुल को गोली मार दी गई थी. इस कांड को अंजाम देने में बिहार के अपराधियों की सहभागिता सामने आई थी, लेकिन अब यह कांड भी फाइलों में दब गई है. इस कांड में अभी तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी रांची पुलिस ने नहीं की है.

वहीं, सीसीटीवी फुटेज में सभी अपराधियों के चेहरे साफ-साफ नजर आ रहे थे. साल 2019 में ही हुए जमीन कारोबारी कमलेश दुबे हत्याकांड की गुत्थी भी पुलिस नहीं सुलझा पाई है. यह सभी वैसे केस थे, जिसके अंजाम देने के बाद राजधानी रांची पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी. इसके बावजूद इन कांडों का नहीं सुलझा पाना रांची पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करती है.

Last Updated : Mar 14, 2020, 4:50 AM IST
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