रामगढ़: कोयला तस्करी में लगे तस्करों को पुलिस का कोई डर नहीं है. उन्होंने पुलिस से डील करना सीख लिया है. वे जब पुलिस के सामने से गुजरते हैं तो वे पुलिस पर पैसा फेंकते हैं और पुलिस चुपचाप उन पैसों को उठाती है और उन्हें जाने देती है. ये मामला रामगढ़ और रांची जिले की सीमा का है. जहां हाईवे पर ओरमांझी टीओपी के पास रांची पुलिस पीसीआर वैन को खड़ा कर फेंके हुए पैसे को आराम से उठाती है और अवैध कोयला से लदे बाइक सवारों को पासिंग दे देती है. इससे वे बाइक सवार आसानी से आगे की ओर सरपट बढ़े चले जाते हैं. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है.
रामगढ़ की ओर से रोजाना करीब 200 से 300 बाइकसवार इसी तरह अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध कोयले को ओरमांझी थाना क्षेत्र में ईट भट्ठा और अवैध कोयला डिपो में डंप करते हैं. ये अवैध कोयला डिपो चाय बागान के आसपास संचालित हैं. फिर वहां से कोयला तस्कर ट्रक और ट्रेलर में अवैध कोयले को आसानी से राज्य और दूसरे राज्यों में जाली कागजात लगाकर सप्लाई कर देते हैं. एनएच-33 पर रात भर इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा और रात भर पुलिस भी तमाशबीन बनकर नजराना वसूलती भी दिखेगी.
कहां-कहां खड़ी रहती है पुलिस: रामगढ़ घाटी पार होते ही बाईं ओर टीओपी है. उसके आस-पास ठीक थोड़ी दूर पर एक टोल प्लाजा मिलेगा. वहां एक पीसीआर वैन खड़ी रहती है. वहां से करीब 500 मीटर में एक और पीसीआर वैन खड़ी मिल जाएगी. उससे आगे जाने पर चाय बागान के आसपास एक कमांडर जीप मिलेगा. इसमें भी पुलिस बल के जवान रहते हैं. लेकिन झारखंड पुलिस के जवान अवैध कोयले के परिचालन को रोकने में विश्वास नहीं रखती है. बल्कि सड़क पर जान जोखिम में डालकर चल रहे बाइक सवारों को गिनने में व्यस्त रहती है. यह बाइक तो एक नमूना है. क्योंकि रामगढ़ जिले के विभिन्न स्थानों से वैगनआर, ऑल्टो, सेंट्रो, मारुति वैन जैसी छोटी गाड़ियों में ओरमांझी थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एक से डेढ़ टन अवैध कोयला लेकर ईट भट्ठा और डिपो में रोजाना खपाया जाता है.
प्रतिदिन करीब 200 मोटरसाइकिल अवैध कोयला रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र के अवैध कोयला डिपो और ईट भट्ठा में गिराया जाता है. यह कोयला बोकारो के गोमिया विधानसभा के महुआटांड़ थाना क्षेत्र से करीब 1000 रुपये से 1200 रुपये में 10 बोरा खरीद कर मोटरसाइकिल पर जान हथेली में लेकर ओरमांझी थाना क्षेत्र के अवैध डिपो और ईट भट्टा में गिरते हैं.
रुपए को बटोर कर जेब में रख लेती है पुलिस: सड़क पर खड़ी सभी पीसीआर को मोटरसाइकिल का पहिया रूके नहीं, इसलिए पासिंग के तौर पर 100 रुपये या 200 रुपये का नजराना पीसीआर के पास खड़े पुलिस के जवान के पास फेंकते हुए रांची जिले के ओरमांझी पहुंच जाते हैं. फेंके हुए पैसे को पुलिस तब उठाती है जब यह आश्वस्त हो जाती है कि अब उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. तब झुक कर बाइक सवार द्वारा फेंके हुए रुपए को बटोर कर पुलिस जेब में रख लेती है.
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बाइक सवार कोयला लेकर ओरमांझी में संचालित अवैध कोयला डिपो और ईट भट्ठा में आराम से कारोबार करते हैं. मोटरसाइकिल सवार को 1 फेरे में बचत 600 रुपये से लेकर 800 रुपये तक होता है. एक मोटरसाइकिल रात भर में करीब 3 फेरी लगाता है. इस अवैध कोयले के कारोबार में काम करने वाले अधिकतर लोग बेरोजगार रहते हैं. क्योंकि इसी को वे अपनी जीविका बना चुके हैं. अधिकतर मोटरसाइकिल पर नंबर प्लेट नहीं होता है, जिसके कारण यह तय कर पाना काफी मुश्किल होता है कि यह गाड़ियां चोरी की है या अन्य स्थानों से लाकर चलाई जा रही हैं. अवैध कोयले का संचालन पूरा एक रैकेट करता है, जिसमें ओरमांझी क्षेत्र में अवैध कोयले का काम करने वाले कई कोयला माफिया हैं, जो सेटिंग गेटिंग का दावा कर अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं.