रांचीः पुलिस ने एक ऐसे फ्रॉड को गिरफ्तार किया है, जो पहले भी पांच बार जेल जा चुका है. यह महाठग फेक ऑनलाइन पेमेंट कर दुकानदारों को चूना लगाने का काम किया करता था. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अरगोड़ा पुलिस ने मंगलवार की देर रात उसे धुर्वा से गिरफ्तार किया है. मामले में पुलिस ने एक जेवर दुकानदार को भी हिरासत में लिया है.
जेडी ज्वेलर्स को मंगलसूत्र खरीद लगाया चूनाः रांची की अरगोड़ा पुलिस ने अनिल कुमार गुप्ता नाम के एक ठग को गिरफ्तार किया है. अनिल शातिर ठग है और पहले भी ठगी के मामले में पांच बार जेल जा चुका है. लेकिन वह सुधरा नहीं. इस बार ठग अनिल ने रांची के अरगोड़ा स्थित जेडी ज्वेलर्स को चूना लगाया था. जिसके बाद जेवर दुकानदार जनार्दन कुमार सोनी के द्वारा अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. जेवर दुकानदार के अनुसार सोमवार की शाम एक महंगे वाहन में एक व्यक्ति उनके जेवर दुकान पहुंचा, जहा उसने 57 हजार रुपये का एक मंगलसूत्र खरीदा. मंगल सूत्र का पेमेंट ऑनलाइन करने की बात हुई. जिसके बाद, उस व्यक्ति ने जेडी ज्वेलर्स के स्कैनर को स्कैन कर पेमेंट कर दिया. पेमेंट के बाद वह व्यक्ति दुकान से तुरंत निकल गया. इसी बीच जब जेवर दुकानदार ने बैलेंस चेक किया तो पता चला कि मंगल सूत्र के पैसे खाते में आये ही नहीं हैं. जेवर दुकानदार ने जब मंगलसूत्र खरीदने वाले से संपर्क किया तो उसने आनाकानी शुरू कर दी और फिर अपने मोबाइल को बंद कर दिया.
दर्ज हुआ मामला, पुलिस ने दबोचाः ठगी का शिकार होने के बाद जेवर दुकानदार जनार्दन कुमार सोनी सीधे रांची के अरगोड़ा थाना पहुंचे और मामला दर्ज करवाया. जनार्दन कुमार सोनी ने ठगी करने वाले व्यक्ति का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध करवाया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जब आरोपी की खोजबीन शुरू हुई तब पुलिस को यह जानकारी मिली कि आरोपी शातिर ठग अनिल कुमार है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अरगोड़ा पुलिस ने धुर्वा में दबिश दी और आरोपी को धर दबोचा.
मंगलसूत्र खरीदने वाले को भी पुलिस ने दबोचाः गिरफ्तार होने के बाद शातिर ठग अनिल कुमार ने बताया कि उसने ठगी किए गए मंगल सूत्र को एक सोनार को बेच दिया है. ठग के निशानदेही पर मंगलसूत्र खरीदने वाले सोनार को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. अरगोड़ा थानेदार बृज कुमार ने बताया कि फिलहाल मामले में पूछताछ की जा रही है. मामला क्लियर होने पर पूरी जानकारी दी जाएगी.
स्कैन के जरिए ठगीः पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि वह मोबाइल स्कैन के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करने के नाम पर ठगी किया करता था. उसने अपने मोबाइल में स्कैन अलार्म लगा रखा था. जिससे स्कैन करने पर पैसे जाते भी नहीं थे लेकिन डिलीवर्ड होने का साइन मोबाइल में दिखने लगता था. पूछताछ में अभी सामने आया है कि उसके द्वारा और भी कई लोगों से इसी तरह से ठगी की गई है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.