रांचीः राजधानी रांची में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 150 से ज्यादा मोबाइल और पर्स उड़ाने वाले गिरोह से पांच सदस्यों को रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और वर्दमान जिला के रहने वाले हैं. सभी आरोपियों की गिरफ्तारी रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र से की गई है.
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पांच गिरफ्तार, कई भाग गए रातोंरातः राजधानी रांची में पश्चिम बंगाल के चोर गिरोह सक्रिय हैं. चोरी की वारदातों को अंजाम देकर तुरंत पश्चिम बंगाल भाग जाने की वजह से आरोपी पकड़े नहीं जाते थे, लेकिन इस बार रांची पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को धर दबोचा है. गिरफ्तार चोरों में करीम शेख, सुदामा सिंह, वीरू सिंह, अर्जुन सिंह और एक अन्य शामिल है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने कुछ मोबाइल भी बरामद किया है. फिलहाल गिरोह के दूसरे सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी भी कर रही है.
एक आरोपी पकड़ा गया रंगेहाथः रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान चोर गिरोह के सदस्यों ने काफी उत्पात मचाया था. चैती दुर्गा विसर्जन के दौरान गिरोह का एक आरोपी करीम शेख को लोअर बाजार थाने की पुलिस ने मोबाइल चोरी करते हुए रंगेहाथ दबोच लिया था. करीम से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने यह बताया कि उसके साथ पूरा गिरोह चोरी करने के लिए रांची के विभिन्न इलाकों में सक्रिय है. करीम की निशानदेही पर उसके चार अन्य साथी पकड़े गए, लेकिन गिरोह के बाकी सदस्य रामनवमी की रात ही पश्चिम बंगाल वापस भाग गए थे. इसी वजह से चोरी की किए गए मोबाइल बरामद नहीं हो सके.
10 की संख्या में आए थे चोरः पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि रामनवमी के दौरान राजधानी में पश्चिम बंगाल के दो चोर गिरोह ने उत्पात मचाया था. 10 की संख्या में इस गिरोह के लोग पश्चिम बंगाल के वर्धमान और पुरुलिया से सिर्फ रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान मोबाइल और पर्स चोरी करने के लिए आए थे. अपने मंसूबे में वो कामयाब भी हुए थे. गौरतलब है कि रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पॉकेटमार और चोरों ने जमकर उत्पात मचाया था. इस दौरान रांची के डोरंडा, कोतवाली, लोअर बाजार, डेली मार्केट और चुटिया थाना क्षेत्रों से 150 से ज्यादा लोगों के मोबाइल गायब कर दिए गए थे.
पश्चिम बंगाल पुलिस की ली जाएगी मददः मामले को लेकर रांची पुलिस पश्चिम बंगाल पुलिस की संपर्क में है, ताकि पुरुलिया और वर्धमान में जाकर छुपे गिरोह के दूसरे सदस्यों की गिरफ्तारी हो सके.