रांची: झारखंड में वास्तविक मतदाता की खोज में इन दिनों चुनाव आयोग कर रहा है. इसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता को चिन्हित कर रहे हैं. साथ ही उनके घर के बाहर स्टीकर लगाकर वोटर को चिन्हित करने का काम कर रहे हैं. राज्य में 21 जुलाई से शुरू हुए इस अभियान के तहत बीएलओ अगले एक महीने तक घर घर जाकर मतदाताओं को चिन्हित करने का काम करेंगे.
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18 वर्ष वालों की जानकारी: बीएलओ मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत विजिट के दौरान परिवार के सदस्यों से कुछ जानकारी भी हासिल करेंगी. परिवार के सदस्यों से भविष्य में 18 वर्ष उम्र होने वाले लोगों के बारे में बीएलओ जानकारी ले रही हैं. वहीं मतदाता सूची में दर्ज नाम में किसी तरह की खामी के बारे में भी पूछा जा रहा है. जिससे उसे दूर किया जा सके.
इस वजह से नहीं आते मतदाता: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने तैयार स्टीकर में हमें मतदाता होने का गर्व है लिखा है. इसके अलावा नीचे में दो बार निरीक्षण की तारीख के लिए जगह बनाई गई है. गौरतलब है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान आमतौर पर यह शिकायत आती थी कि बीएलओ बगैर घर-घर सर्वेक्षण कर रिपोर्ट जमा कर देते हैं. जिसके कारण शहरी क्षेत्र में मतदान के दिन वास्तविक मतदाताओं की संख्या काफी कम हो जाती है. मतदान केंद्रों पर मतदाता नहीं आते हैं जिस वजह से मतदान का प्रतिशत काफी कम हो जाता है.
निरीक्षण में जुटे हैं अधिकारी: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के निर्देश पर शुरू किए गए इस अभियान का निरीक्षण जिला निर्वाचन पदाधिकारी से लेकर निचले स्तर के निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी करने में जुटे हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार खुद खूंटी सहित अन्य जिलों का दौरा कर निरीक्षण करने में लगे हैं. इस दौरान बीएलओ के द्वारा लगाए जाने वाले स्टीकर को अधिकारी के द्वारा हस्ताक्षर कर प्रमाणित किया जाता है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस अभियान के बारे में स्पष्ट निर्देश दिया है. कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान प्रत्येक घर में बीएलओ स्टीकर लगाएंगे और इससे जुड़े अभियान का निरीक्षण को अक्टूबर-नवंबर में भी दूसरी बार किया जाएगी. चुनाव आयोग के पदाधिकारी औचक निरीक्षण कर स्टीकर पर विजिट की तारीख के साथ हस्ताक्षर करेंगे. जिससे चुनाव आयोग के हेल्दी रोल, हेल्थी पोल के थीम को साकार किया जा सके