रांची: राजधानी रांची नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति से हटाकर अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई (Ranchi Municipal Corporation Mayor Reservation). मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी तब तक के लिए सुनवाई को स्थगित कर दिया गया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगड़ा की अदालत ने मामले की सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह मामला अति महत्वपूर्ण है. इस विषय पर नीतिगत निर्णय लिया गया है, इसलिए सरकार जल्द जवाब दाखिल करे. सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने कहा कि शेड्यूल एरिया में नगर निकाय चुनाव में मेयर या अध्यक्ष या नगर पंचायत अध्यक्ष का पद सिर्फ आदिवासियों के लिए ही आरक्षित हो सकता है, गैर आदिवासियों के लिए यह पद नहीं हो सकता है.
बता दें कि इसे लेकर लक्ष्मीनारायण मुंडा ने याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने कहा है कि पांचवी अनुसूची के तहत अनुसूचित जिले में मेयर या अध्यक्ष का पद एसटी के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है, लेकिन नियमों का उल्लंघन करते हुए इस बार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा एससी के लिए आरक्षित कर दिया गया है.