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झारखंड की जल कर नीति के खिलाफ मेयर का धरना, राजभवन के सामने प्रदर्शन

झारखंड की जल कर नीति (jharkhand water tax policy) और जल कर वृद्धि के खिलाफ बुधवार को रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा, उपमहापौर और विधायकों ने रांची राजभवन के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान जल कर वृद्धि (water tax rise) वापस लेने की मांग की.

Ranchi Mayor protest in front off rajbhavan against jharkhand water tax policy
रांची की जल कर नीति के खिलाफ मेयर का धरना
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Published : Nov 17, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 6:08 PM IST

रांची: झारखंड में जल कर (jharkhand water tax policy) में वृद्धि का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जल कर में वृद्धि (water tax rise) के खिलाफ रांची नगर निगम मेयर आशा लाकड़ा के नेतृत्व में पार्षदों ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जल कर में वृद्धि वापस लेने की मांग की. इस धरना प्रदर्शन में रांची नगर निगम के उपमहापौर, पार्षद, बीजेपी विधायक नवीन जयसवाल, समरी लाल और रांची के विभिन्न आदिवासी धार्मिक, सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल रहे.

ये भी पढ़ें-झारखंड की जल कर नीति का विरोध, रांची नगर निगम के सामने मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों का धरना

बीपीएल परिवारों को जल कर के दायरे में लाने की आलोचना

धरना-प्रदर्शन के दौरान रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार पर कई सवाल खड़े किए. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जहां एक ओर केंद्र सरकार बीपीएल परिवारों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार बीपीएल परिवारों को भी जल कर के दायरे में ला रही है और उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा मांग रही है. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जल कर में अप्रत्याशित वृद्धि कर आम लोगों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ डाल दिया है.

देखें पूरी खबर
राज्य सरकार पर मेयर का वार

मेयर आशा लकड़ा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार शहरवासियों को निःशुल्क वाटर कनेक्शन के नाम पर गुमराह कर रही है. राज्य सरकार ने सिर्फ उन क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन निःशुल्क दिया है, जहां नए सिरे से पाइपलाइन बिछाई जा रही है. राज्य सरकार की नई अधिसूचना के तहत जिन क्षेत्रों में पुरानी पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है, उन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए भवनों के अलग-अलग प्रकार के तहत 7,000 से लेकर 42,000 रुपये तक का भुगतान करना होगा और व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को 26 स्क्वायर फीट के तहत भुगतान करना होगा.

विधायक नवीन जायसवाल ने भी साधा निशाना

विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार की इस नई अधिसूचना को गैर कानूनी तरीके से लागू किया गया है. पूर्व में रांची नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए नगर आयुक्त से विस्तृत जानकारी मांगी गई थी परंतु वे जानकारी दिए बिना ही निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाए, जिसका सभी पार्षदों ने विरोध किया. इसके बाद नगर आयुक्त ने स्वतः राज्य सरकार की इस अधिसूचना को बैक डेट से लागू कर दिया. इससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने जल कर में वृद्धि कर राजकोष को भरने की तैयारी की है. राज्य सरकार को जनहित की कोई चिंता नहीं है.

रांची: झारखंड में जल कर (jharkhand water tax policy) में वृद्धि का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जल कर में वृद्धि (water tax rise) के खिलाफ रांची नगर निगम मेयर आशा लाकड़ा के नेतृत्व में पार्षदों ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जल कर में वृद्धि वापस लेने की मांग की. इस धरना प्रदर्शन में रांची नगर निगम के उपमहापौर, पार्षद, बीजेपी विधायक नवीन जयसवाल, समरी लाल और रांची के विभिन्न आदिवासी धार्मिक, सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल रहे.

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बीपीएल परिवारों को जल कर के दायरे में लाने की आलोचना

धरना-प्रदर्शन के दौरान रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार पर कई सवाल खड़े किए. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जहां एक ओर केंद्र सरकार बीपीएल परिवारों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार बीपीएल परिवारों को भी जल कर के दायरे में ला रही है और उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा मांग रही है. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जल कर में अप्रत्याशित वृद्धि कर आम लोगों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ डाल दिया है.

देखें पूरी खबर
राज्य सरकार पर मेयर का वार

मेयर आशा लकड़ा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार शहरवासियों को निःशुल्क वाटर कनेक्शन के नाम पर गुमराह कर रही है. राज्य सरकार ने सिर्फ उन क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन निःशुल्क दिया है, जहां नए सिरे से पाइपलाइन बिछाई जा रही है. राज्य सरकार की नई अधिसूचना के तहत जिन क्षेत्रों में पुरानी पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है, उन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए भवनों के अलग-अलग प्रकार के तहत 7,000 से लेकर 42,000 रुपये तक का भुगतान करना होगा और व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को 26 स्क्वायर फीट के तहत भुगतान करना होगा.

विधायक नवीन जायसवाल ने भी साधा निशाना

विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार की इस नई अधिसूचना को गैर कानूनी तरीके से लागू किया गया है. पूर्व में रांची नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए नगर आयुक्त से विस्तृत जानकारी मांगी गई थी परंतु वे जानकारी दिए बिना ही निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाए, जिसका सभी पार्षदों ने विरोध किया. इसके बाद नगर आयुक्त ने स्वतः राज्य सरकार की इस अधिसूचना को बैक डेट से लागू कर दिया. इससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने जल कर में वृद्धि कर राजकोष को भरने की तैयारी की है. राज्य सरकार को जनहित की कोई चिंता नहीं है.

Last Updated : Nov 17, 2021, 6:08 PM IST
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