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माननीय जानते हैं पर मानते नहीं, मेयर कैसे कराएंगी बैठक में अधिकतम 50 के नियम का पालन

रांची शहर की मेयर आशा लकड़ा ने 8 जुलाई को रांची नगर निगम परिषद की फिजिकल बैठक बुलाई है. इस बैठक में कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन होने का खतरा मंडरा रहा है

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Published : Jul 7, 2021, 1:05 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 1:20 PM IST

Ranchi mayor Asha Lakra meeting of corporation council on July 8, fear of violation of Corona guidelines
मेयर कैसे कराएंगी बैठक में अधिकतम 50 के नियम का पालन

रांचीः कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, भीड़-भाड़ में इसके बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे ज्यादातर कार्यक्रम वर्चुअल ही आयोजित किए जा रहे हैं. लेकिन रांची शहर की मेयर आशा लकड़ा ने 8 जुलाई को रांची नगर निगम (RMC) परिषद की फिजिकल बैठक बुलाई है. इसमें 50 से ज्यादा लोगों के जुटने की संभावना है, क्योंकि निगम परिषद में 53 सदस्य हैं. बैठक में अफसरों और कर्मचारियों की संख्या जोड़ दें तो यह संख्या और भी बढ़ जाएगी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैठक में कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी कार्यक्रम में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने के नियम का पालन कैसे होगा.

ये भी पढ़ें-RMC की मेयर और नगर आयुक्त के बीच विवाद नहीं हो रहा खत्म, कई कार्य हो रहे प्रभावित

डीसी की सलाह दरकिनार

दरअसल, मेयर ने पहले 7 जुलाई को निगम परिषद की आपात फिजिकल बैठक बुलाई थी. फिजिकल बैठक के लिए मेयर ने डीसी और एसडीओ से बात की थी तो उन्होंने स्पष्ट किया था कि 50 से अधिक लोगों के बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. डीसी ने बताया था कि कोरोना संक्रमण न फैले इसे ध्यान में रखते हुए किसी भी आयोजन में कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक 50 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने साफ कह दिया था कि झारखंड सरकार के मुख्य सचिव की ओर से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जारी गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा. इस पर मेयर ने 7 जुलाई की निगम परिषद की आपात बैठक को स्थगित कर दिया. लेकिन इसके बाद भी 8 जुलाई को 11 बजे से बैठक का समय तय कर दिया.

कोविड प्रोटोकॉल टूटने की आशंका, बैठक पर विवाद का खतरा

नगर परिषद की फिजिकल बैठक तय समय पर होती है तो इसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल टूटने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि रांची शहर में 53 वार्ड पार्षद हैं. बैठक मेयर की अध्यक्षता में होगी, जिसमें नगर निगम के कई पदाधिकारी भी शामिल होंगे. अगर सभी पार्षद ही बैठक में शामिल हो गए तो कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी कार्यक्रम में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने की शर्त टूट जाएगी, जबकि अफसरों-कर्मचारियों की संख्या इसमें शामिल कर लें तो यह संख्या और बढ़ जाएगी. वहीं कोविड-19 गाइ़डलाइन का पालन न होने से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का भी उल्लंघन होगा, जिससे बैठक विवादित हो सकती है.

जनप्रतिनिधि ही नियम तोड़ेंगे! तो कैसे देंगे आम जनता को सीख
इधर, यदि जनप्रतिनिधि ही कोविड गाइडलाइन समेत अन्य कानून तोड़ेंगे तो आम जनता को कानूनों का पालन कराने की नसीहत कैसे देंगे. इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल शहर के लोगों का ध्यान आठ जुलाई के परिषद की बैठक पर है. लोगों में चर्चा है कि मेयर कैसे फिजिकल बैठक में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराती हैं.

रांचीः कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, भीड़-भाड़ में इसके बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे ज्यादातर कार्यक्रम वर्चुअल ही आयोजित किए जा रहे हैं. लेकिन रांची शहर की मेयर आशा लकड़ा ने 8 जुलाई को रांची नगर निगम (RMC) परिषद की फिजिकल बैठक बुलाई है. इसमें 50 से ज्यादा लोगों के जुटने की संभावना है, क्योंकि निगम परिषद में 53 सदस्य हैं. बैठक में अफसरों और कर्मचारियों की संख्या जोड़ दें तो यह संख्या और भी बढ़ जाएगी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैठक में कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी कार्यक्रम में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने के नियम का पालन कैसे होगा.

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डीसी की सलाह दरकिनार

दरअसल, मेयर ने पहले 7 जुलाई को निगम परिषद की आपात फिजिकल बैठक बुलाई थी. फिजिकल बैठक के लिए मेयर ने डीसी और एसडीओ से बात की थी तो उन्होंने स्पष्ट किया था कि 50 से अधिक लोगों के बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. डीसी ने बताया था कि कोरोना संक्रमण न फैले इसे ध्यान में रखते हुए किसी भी आयोजन में कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक 50 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने साफ कह दिया था कि झारखंड सरकार के मुख्य सचिव की ओर से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जारी गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा. इस पर मेयर ने 7 जुलाई की निगम परिषद की आपात बैठक को स्थगित कर दिया. लेकिन इसके बाद भी 8 जुलाई को 11 बजे से बैठक का समय तय कर दिया.

कोविड प्रोटोकॉल टूटने की आशंका, बैठक पर विवाद का खतरा

नगर परिषद की फिजिकल बैठक तय समय पर होती है तो इसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल टूटने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि रांची शहर में 53 वार्ड पार्षद हैं. बैठक मेयर की अध्यक्षता में होगी, जिसमें नगर निगम के कई पदाधिकारी भी शामिल होंगे. अगर सभी पार्षद ही बैठक में शामिल हो गए तो कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी कार्यक्रम में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने की शर्त टूट जाएगी, जबकि अफसरों-कर्मचारियों की संख्या इसमें शामिल कर लें तो यह संख्या और बढ़ जाएगी. वहीं कोविड-19 गाइ़डलाइन का पालन न होने से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का भी उल्लंघन होगा, जिससे बैठक विवादित हो सकती है.

जनप्रतिनिधि ही नियम तोड़ेंगे! तो कैसे देंगे आम जनता को सीख
इधर, यदि जनप्रतिनिधि ही कोविड गाइडलाइन समेत अन्य कानून तोड़ेंगे तो आम जनता को कानूनों का पालन कराने की नसीहत कैसे देंगे. इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल शहर के लोगों का ध्यान आठ जुलाई के परिषद की बैठक पर है. लोगों में चर्चा है कि मेयर कैसे फिजिकल बैठक में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराती हैं.

Last Updated : Jul 7, 2021, 1:20 PM IST
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