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Ranchi Land Scam: कमिश्नर की रिपोर्ट में ऐसा क्या है खास? जिसकी मांग राज्य सरकार से ईडी कर रही लगातार, पढ़िए पूरी खबर - रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन

छवि रंजन तो ईडी की गिरफ्त में है. प्रवर्तन निदेशालय जमीन घोटाले मामले की परत दर परत खुलासे करते जा रही है. अब इसमें कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट की मांग राज्य सरकार से की जाएगी.

राज्य सरकार से कमीश्नर कुलकर्णी की रिपोर्ट की मांग
Commissioner Madan Kulkarni Report
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Published : May 6, 2023, 7:31 AM IST

Updated : May 6, 2023, 9:12 AM IST

रांची: रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के खिलाफ तत्कालीन कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट की मांग ईडी ने राज्य सरकार से की थी. लेकिन ईडी के पत्राचार के बाद भी राज्य सरकार ने कमिश्नर की रिपोर्ट को ईडी को नहीं सौंपी. तत्कालीन रांची उपायुक्त छवि रंजन ने सेना की जमीन की रजिस्ट्री के साथ-साथ बजरा स्थित जमीन के लगान की रसीद एक दिन में ही काट दिए गए थे. जिसपर कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने सवाल उठाए थे.

ये भी पढ़ें: रांची जमीन घोटाला: IAS छवि रंजन गए जेल, ईडी के रडार पर कई सफेदपोश, जानिए अब किसकी है बारी

कमिश्नर का ही हो गया तबादला: ईडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही राज्य सरकार को रिमाइंडर भी भेजा जाएगा. मामले में तत्कालीन कमिश्नर ने डीसी से इस संबंध में सवाल पूछा था. आखिर एक ही दिन में सेना की जमीन की रजिस्ट्री के साथ बजरा स्थित जमीन के लगान की रसीद कैसे काट दिए गए? उपायुक्त के जवाब से पहले ही राज्य सरकार ने कमिश्नर का तबादला कर दिया था. इसके बाद इस विषय में कोई जांच पड़ताल नहीं हुई. अब देखना है नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट से और कितने खुलासे होते है? साथ ही कमिश्नर के तबादले की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ सकते है. ई़़डी हर एंगल से मामले की जांच में जुटी हुई है.

फर्जीवाड़ा का हुआ था खुलासा: रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि प्रदीप बागची ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष को जमीन बेच दी थी. जमीन की खरीद बिक्री के लिए बागची ने दो होल्डिंग लगाए गए थे, यह दोनों भी जांच में फर्जी पाए गए थे. जिसके बाद नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने इस मामले में बरियातू थाने में केस दर्ज कराया था. इसी केस के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू की. कहा जाए तो यहीं से परत दर परत मामले उजागर होते चले गए.

असली मालिक जयंत करनाड: आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन के असली मालिक की पहचान जयंत करनाड के तौर पर हुई थी. वहीं इस मामले में उपेंद्र कुमार ने एक अन्य प्राथमिकी के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था. जिसमें तत्कालीन नगर आयुक्त मुकेश कुमार, प्रदीप बागची, वैभव मणी त्रिपाठी, जगत बंधु टी स्टेट के दिलीप घोष समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था. हालांकि ये मामला फिलहाल अदालत में लंबित है.

छवि रंजन की गिरफ्तारीः दूसरी तरफ ईडी के रांची जोनल आफिस से मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्राचार किया गया है. ईडी ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को भेज गए पत्र में बताया है कि जमीन घोटाले से जुड़ी मनी लाउंड्रिंग के केस में 1/2023 में छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया है. छवि रंजन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित करने की प्रक्रिया भी कार्मिक विभाग के द्वारा शुरू की जाएगी.

रांची: रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के खिलाफ तत्कालीन कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट की मांग ईडी ने राज्य सरकार से की थी. लेकिन ईडी के पत्राचार के बाद भी राज्य सरकार ने कमिश्नर की रिपोर्ट को ईडी को नहीं सौंपी. तत्कालीन रांची उपायुक्त छवि रंजन ने सेना की जमीन की रजिस्ट्री के साथ-साथ बजरा स्थित जमीन के लगान की रसीद एक दिन में ही काट दिए गए थे. जिसपर कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने सवाल उठाए थे.

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कमिश्नर का ही हो गया तबादला: ईडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही राज्य सरकार को रिमाइंडर भी भेजा जाएगा. मामले में तत्कालीन कमिश्नर ने डीसी से इस संबंध में सवाल पूछा था. आखिर एक ही दिन में सेना की जमीन की रजिस्ट्री के साथ बजरा स्थित जमीन के लगान की रसीद कैसे काट दिए गए? उपायुक्त के जवाब से पहले ही राज्य सरकार ने कमिश्नर का तबादला कर दिया था. इसके बाद इस विषय में कोई जांच पड़ताल नहीं हुई. अब देखना है नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट से और कितने खुलासे होते है? साथ ही कमिश्नर के तबादले की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ सकते है. ई़़डी हर एंगल से मामले की जांच में जुटी हुई है.

फर्जीवाड़ा का हुआ था खुलासा: रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि प्रदीप बागची ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष को जमीन बेच दी थी. जमीन की खरीद बिक्री के लिए बागची ने दो होल्डिंग लगाए गए थे, यह दोनों भी जांच में फर्जी पाए गए थे. जिसके बाद नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने इस मामले में बरियातू थाने में केस दर्ज कराया था. इसी केस के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू की. कहा जाए तो यहीं से परत दर परत मामले उजागर होते चले गए.

असली मालिक जयंत करनाड: आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन के असली मालिक की पहचान जयंत करनाड के तौर पर हुई थी. वहीं इस मामले में उपेंद्र कुमार ने एक अन्य प्राथमिकी के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था. जिसमें तत्कालीन नगर आयुक्त मुकेश कुमार, प्रदीप बागची, वैभव मणी त्रिपाठी, जगत बंधु टी स्टेट के दिलीप घोष समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था. हालांकि ये मामला फिलहाल अदालत में लंबित है.

छवि रंजन की गिरफ्तारीः दूसरी तरफ ईडी के रांची जोनल आफिस से मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्राचार किया गया है. ईडी ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को भेज गए पत्र में बताया है कि जमीन घोटाले से जुड़ी मनी लाउंड्रिंग के केस में 1/2023 में छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया है. छवि रंजन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित करने की प्रक्रिया भी कार्मिक विभाग के द्वारा शुरू की जाएगी.

Last Updated : May 6, 2023, 9:12 AM IST
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