रांची: राजधानी रांची से 22 किलोमीटर स्थित इटकी यक्ष्मा आरोग्यशाला(Itki Tuberculosis Healthcare) को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां टीबी के साथ सांस संबंधित सभी बीमारियों की इलाज की भी व्यवस्था होगी. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने रविवार को आरोग्यशाला के निरीक्षण (inspection) के दौरान यह जानकारी दी. अपर मुख्य सचिव ने इसके लिए आरोग्यशाला प्रशासन को मैन पावर और संसाधनों से संबंधित एक संक्षिप्त प्रतिवेदन (report) देने का निर्देश दिया.
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अपर मुख्य सचिव ने आरोग्यशाला के अधीन स्वास्थ्य विभाग (health Department) की भूमि का सीमांकन कर नक्शे के साथ दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश सीओ को दिया. इस दौरान अपर मुख्य सचिव के सामने आरोग्यशाला प्रशासन की ओर से आरोग्यशाला को विकसित किए जाने को लेकर एक प्रोजेक्ट प्रपोजल प्रस्तुत भी किया गया.
अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में पहुंचे अधिकारियों के दल ने आरोग्यशाला का करीब चार घंटे तक निरीक्षण किया. इस दौरान आरोग्यशाला के क्रिया- कलापों और स्थिति की जानकारी के अलावा करीब 9 करोड़ की राशि से आरोग्यशाला में जारी उन्नयन कार्य, 150 बेड के निर्माणाधीन कोविड वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट, देश के पूर्वी क्षेत्र के उच्चस्तरीय आईआरएल लैब और कोरोना जांच केंद्र समेत अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.
सीओ को लगी फटकार
अपर मुख्य सचिव ने प्रस्तावित मेडिको सिटी के लिए चिन्हित करीब एक सौ एकड़ भूमि का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान आरोग्यशाला की भूमि से संबंधित पूछे गए एक सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिये जाने पर उन्होंने सीओ रश्मि लकड़ा को आड़े हाथों लिया. वहीं बीडीओ पंकज कुमार की अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण पूछे जाने का निर्देश दिया. इसकी सूचना मिलते ही बीडीओ स्वास्थ्य सचिव के सामने उपस्थित होकर आरोग्यशाला प्रशासन की ओर से सूचना नहीं दिए जाने की बातें कहीं.
निरीक्षण में स्वास्थ्य संयुक्त सचिव दिलेश्वर महतो भवन निर्माण विभाग के मख्य अभियंता संजय कुमार सिंह, मेडिकोसिटी के लिए दिल्ली से आए कंसल्टेंट अमित गोयल, आरोग्यशाला उपाधीक्षक डॉ शकील अहमद, डॉ. रेणु तिर्की समेत कई विभाग के अधिकारी शामिल थे.