रांची: विश्व यक्ष्मा दिवस पर शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में लक्ष्य के अनुरूप काम कार्य करने के लिए रांची जिले को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. इस मेडल को झारखंड के स्टेट टीबी अफसर डॉ रंजीत प्रसाद ने ग्रहण किया. इससे पहले 2022 में वर्ल्ड टीबी डे पर आयोजित कार्यक्रम में लोहरदगा जिले को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कांस्य पदक मिला था. झारखंड में टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पहली बार झारखंड के किसी जिले ने गोल्ड मेडल जीता है. बनारस में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया सहित देशभर के स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे.
2025 तक टीबी मुक्त भारत का है लक्ष्य: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. झारखंड भी उसी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. विश्व यक्ष्मा दिवस पर रांची सहित राज्य के अलग अलग जिलों में कार्यक्रम आयोजित किये गए. 'Yes,We Can End TB' स्लोगन के साथ कहीं जनजागरूकता के लिए प्रभातफेरी निकाली गयी, तो कहीं वर्कशॉप का आयोजन किया गया.
झारखंड में यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 में करीब 57 हजार टीबी रोगियों की पहचान की गई है. झारखंड राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत प्रसाद के अनुसार टीबी जांच बढ़ने की वजह से सूबे में टीबी के अधिक केस पकड़ में आए हैं. उन्होंने कहा कि यह अच्छा है, रोग की पहचान होने पर उसका इलाज हो सकेगा. इससे राज्य को टीबी मुक्त बनाने में मदद मिलेगी.
ये हैं यक्ष्मा यानि टीबी के लक्षण: दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी का रहना, भूख में कमी, दो हफ्ते या उससे अधिक समय से बुखार, रात्रि के समय पसीना आना, वजन घटना, खांसी के साथ बलगम में खून आना, टीबी के लक्षण हैं. अगर इसमें से कोई भी लक्षण हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है, क्योंकि यह टीबी हो सकता है. टीबी पूरी तरह ठीक होनेवाली बीमारी है. बिना गैप किये दवा खाने से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है.