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किसान तुलसी महतो को मिला इनोवेटिव फार्मर्स अवॉर्ड, बकरी पालन के क्षेत्र में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन - तुलसी महतो ने बकरी पालन में बेहतर प्रदर्शन किया

हैदराबाद में जोनवार इनोवेटिव फार्मर अवॉर्ड-2020 की घोषणा की गई है. बकरी पालन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए झारखंड के प्रगतिशील किसान तुलसी महतो को इनोवेटिव फार्मर अवार्ड- 2020 से नवाजा गया. तुलसी महतो रांची जिले के नगड़ी प्रखंड के चिपड़ा गांव के किसान हैं. उन्होंने उपपरियोजना अन्वेंशक डॉ सुशील प्रसाद के मार्गदर्शन में उन्नत बकरी पालन तकनीकों को अपनाया है.

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तुलसी महतो को इनोवेटिव फार्मर्स अवॉर्ड
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Published : Sep 1, 2020, 8:53 PM IST

रांची: राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी (नार्म), हैदराबाद ने स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर जोनवार इनोवेटिव फार्मर अवॉर्ड -2020 की घोषणा की. वेबिनार से आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईसीएआर महानिदेशक डॉ आरएस परोदा ने पूर्वी क्षेत्र (बिहार और झारखंड जोन) से बकरी पालन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए झारखंड के प्रगतिशील किसान तुलसी महतो को इनोवेटिव फार्मर अवार्ड- 2020 से नवाजा.



तुलसी महतो रांची जिले के नगड़ी प्रखंड के चिपड़ा गांव के किसान हैं. उन्होंने उपपरियोजना अन्वेंशक डॉ सुशील प्रसाद के मार्गदर्शन में उन्नत बकरी पालन तकनीकों को अपनाया है. तुलसी ने बताया कि स्थानीय देसी बकरी नस्ल का परंपरागत तरीके से पालन से बढ़िया लाभ नहीं मिल पाता था. उन्हें साल में एक बकरी से करीब 7-8 किलो वजन वाली एक–दो बकरी मात्र ही मिलता था. परियोजना के तहत वर्ष 2016 में तुलसी महतो को ब्लैक बंगाल नस्ल की दो बकरी और ट्रेनिंग दिया गया. उन्होंने बकरी पालन में बकरी के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया. वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में बकरी में प्रचलित पीपीआर बीमारी के प्रकोप से बचाव के लिए टीकाकरण और परजीवी रोग से बचाव के लिए प्रत्येक दो महीनों में कृमी नाशक दवाओं का उपयोग किया. बकरियों को जंगल में चराने के आलावा प्रतिदिन 200-300 ग्राम दाना देना शुरू किया.


बकरियों से तुलसी महतो को हुआ फायदा
तुलसी महतो ने बकरी का बच्चा पैदा होने के उचित समय, गाभीन बकरी की विशेष देखभाल और स्वच्छ पीने के पानी का ख्याल रखा. तीन सालों से अधिक समय में दो बकरियों ने कुल 14 बकरियों को जन्म दिया. वैज्ञानिक तकनीक से रखरखाव में बकरी की मृत्यु दर में 5 प्रतिशत कमी आई. प्रत्येक व्यस्क बकरी का वजन साढ़े दस किलो से पंद्रह किलो के बीच है. 14 बकरियों में से 8 बकरियों को औसतन दस हजार प्रति बकरी की दर से स्थानीय बाजार में बेचा और अभी 6 बकरी बिक्री के लिए तैयार है. बकरी की ब्लैक बंगाल नस्ल से बढ़िया मांस की वजह से बाजार मूल्य बढ़िया मिल जाता है.

इसे भी पढे़ं:- रांचीः बसों का परिचालन शुरू, एक पैसेंजर को चुकाना पड़ रहा 2 सीट का किराया


स्वीट कॉर्न की खेती भी करता है तुलसी
आईसीएआर–फार्मर्स फर्स्ट प्रोग्राम फार्मर्स परियोजना रांची केंद्र के परियोजना अन्वेंशक डॉ निभा बाड़ा ने बताया कि फार्मर्स फर्स्ट प्रोग्राम फार्मर्स परियोजना के तहत रांची जिले के नगड़ी प्रखंड के चिपड़ा और कुदलौंग गांव को साल 2016 में मॉडल विलेज के रूप में चयनित किया गया था, इन दोनों गांवों में चरणबद्ध तरीके से करीब एक हजार किसानों को लाभकारी कृषि तकनीकों के विभिन्न अवयवों के हस्तक्षेप से जोड़ा गया है, तकनीकों के प्रसार कार्यक्रमों से किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिली है, तुलसी महतो को परियोजना के अधीन बकरी पालन के आलावा स्वीट कॉर्न (शूगर-75) कि खेती से भी जोड़ा गया है.


वेबिनार के माध्यम से नार्म, हैदराबाद के कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान तुलसी महतो के साथ बीएयू के डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ जगरनाथ उरांव, डॉ निभा बाड़ा, डॉ रविंद्र कुमार, अलोका बागे, आकाश कुमार, संजय उराँव, आरएन ठाकुर और प्रवीण तरुण एक्का ने भी भाग लिया.

रांची: राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी (नार्म), हैदराबाद ने स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर जोनवार इनोवेटिव फार्मर अवॉर्ड -2020 की घोषणा की. वेबिनार से आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईसीएआर महानिदेशक डॉ आरएस परोदा ने पूर्वी क्षेत्र (बिहार और झारखंड जोन) से बकरी पालन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए झारखंड के प्रगतिशील किसान तुलसी महतो को इनोवेटिव फार्मर अवार्ड- 2020 से नवाजा.



तुलसी महतो रांची जिले के नगड़ी प्रखंड के चिपड़ा गांव के किसान हैं. उन्होंने उपपरियोजना अन्वेंशक डॉ सुशील प्रसाद के मार्गदर्शन में उन्नत बकरी पालन तकनीकों को अपनाया है. तुलसी ने बताया कि स्थानीय देसी बकरी नस्ल का परंपरागत तरीके से पालन से बढ़िया लाभ नहीं मिल पाता था. उन्हें साल में एक बकरी से करीब 7-8 किलो वजन वाली एक–दो बकरी मात्र ही मिलता था. परियोजना के तहत वर्ष 2016 में तुलसी महतो को ब्लैक बंगाल नस्ल की दो बकरी और ट्रेनिंग दिया गया. उन्होंने बकरी पालन में बकरी के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया. वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में बकरी में प्रचलित पीपीआर बीमारी के प्रकोप से बचाव के लिए टीकाकरण और परजीवी रोग से बचाव के लिए प्रत्येक दो महीनों में कृमी नाशक दवाओं का उपयोग किया. बकरियों को जंगल में चराने के आलावा प्रतिदिन 200-300 ग्राम दाना देना शुरू किया.


बकरियों से तुलसी महतो को हुआ फायदा
तुलसी महतो ने बकरी का बच्चा पैदा होने के उचित समय, गाभीन बकरी की विशेष देखभाल और स्वच्छ पीने के पानी का ख्याल रखा. तीन सालों से अधिक समय में दो बकरियों ने कुल 14 बकरियों को जन्म दिया. वैज्ञानिक तकनीक से रखरखाव में बकरी की मृत्यु दर में 5 प्रतिशत कमी आई. प्रत्येक व्यस्क बकरी का वजन साढ़े दस किलो से पंद्रह किलो के बीच है. 14 बकरियों में से 8 बकरियों को औसतन दस हजार प्रति बकरी की दर से स्थानीय बाजार में बेचा और अभी 6 बकरी बिक्री के लिए तैयार है. बकरी की ब्लैक बंगाल नस्ल से बढ़िया मांस की वजह से बाजार मूल्य बढ़िया मिल जाता है.

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स्वीट कॉर्न की खेती भी करता है तुलसी
आईसीएआर–फार्मर्स फर्स्ट प्रोग्राम फार्मर्स परियोजना रांची केंद्र के परियोजना अन्वेंशक डॉ निभा बाड़ा ने बताया कि फार्मर्स फर्स्ट प्रोग्राम फार्मर्स परियोजना के तहत रांची जिले के नगड़ी प्रखंड के चिपड़ा और कुदलौंग गांव को साल 2016 में मॉडल विलेज के रूप में चयनित किया गया था, इन दोनों गांवों में चरणबद्ध तरीके से करीब एक हजार किसानों को लाभकारी कृषि तकनीकों के विभिन्न अवयवों के हस्तक्षेप से जोड़ा गया है, तकनीकों के प्रसार कार्यक्रमों से किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिली है, तुलसी महतो को परियोजना के अधीन बकरी पालन के आलावा स्वीट कॉर्न (शूगर-75) कि खेती से भी जोड़ा गया है.


वेबिनार के माध्यम से नार्म, हैदराबाद के कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान तुलसी महतो के साथ बीएयू के डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ जगरनाथ उरांव, डॉ निभा बाड़ा, डॉ रविंद्र कुमार, अलोका बागे, आकाश कुमार, संजय उराँव, आरएन ठाकुर और प्रवीण तरुण एक्का ने भी भाग लिया.

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