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पुलिस गिरफ्त में हुस्न के जाल में फंसा पैसे की उगाही करने वाला गिरोह, सायबर डीएसपी को ही बना लिया था हथियार

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Published : Jun 10, 2021, 1:24 AM IST

Updated : Jun 10, 2021, 7:02 AM IST

रांची में ऑनलाइन ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें सायबर डीएसपी के वीडियो का इस्तेमाल कर ठगी की जा रही थी. साइबर डीएसपी सुमित कुमार की वर्दी वाली तस्वीर दिखा कर लाखों की ठगी करने वाले 11 साइबर क्रिमिनल राजस्थान के अलवर से पकड़े गए हैं. ये सभी अपराधी व्हाट्सएप पर लड़कियों का इस्तेमाल कर पहले तो भोले भाले लोगों को फांसते थे फिर डीएसपी का वीडियो दिखाकर ब्लैकमेलिंग और फ्रॉड के जरिए लाखों रुपए की ठगी की की जाती थी.

11 cyber criminals caught
गिरफ्त में 11 साइबर अपराधी

रांची: राजधानी के साइबर डीएसपी सुमित कुमार की वर्दी वाली तस्वीर दिखा कर लाखों की ठगी करने वाले 11 साइबर अपराधी राजस्थान के अरवल से पकड़े गए हैं. इस गिरोह में शामिल लड़कियां व्हाट्सएप पर न्यूड होकर पहले तो लोगों को अपने चुंगल में फंसाती थी और फिर साइबर डीएसपी की तस्वीर के जरिए जेल भेजने के नाम पर उनसे लाखों रुपए की वसूली की जाती थी.

ये भी पढ़ें- रांची: दूल्हे की बहन के साथ छेड़खानी के बाद डोरंडा में बवाल, पत्थरबाजी और मारपीट में कई घायल

सायबर डीएसपी के प्रयास से गिरफ्त में अपराधी
व्हाट्सएप पर लड़कियों का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फंसा कर ब्लैकमेल करने वाले 11 साइबर अपराधी रांची के साइबर डीएसपी सुमित कुमार के प्रयास से राजस्थान से पकड़े गए हैं. दबोचे गए अपराधियों को जेल भी भेज दिया गया है. सभी अपराधी राजस्थान के अरवल जिला से पकड़े गए थे. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अपराधियो ने स्वीकार किया है की उन्होंने अब तक 80 लाख रुपए से अधिक की वसूली की है.

कैसे मिली ठगी की जानकारी?
दरअसल रांची के साइबर डीएसपी सुमित कुमार ने लोगों को ठगी का शिकार होने से बचने के लिए सोशल साइट पर वीडियो अपलोड किया था. लेकिन उसी वीडियो को शातिर साइबर अपराधियों ने ठगी और ब्लैकमेल के लिए हथियार बना लिया. गिरोह में शामिल लडकियां पहले लोगों को न्यूड करवाकर उनका वीडियो बनवाते थे, और डीएसपी का वीडियो दिखाकर ब्लैकमेलिंग के जरिए ठगी शुरू कर दिया जाता था. इसकी जानकारी जब चार जून को डीएसपी सुमित प्रसाद को मिली तो उन्होंने संबंधित साइबर अपराधियों का पता लगाया. सभी अपराधियों का लोकेशन राजस्थान के अलवर में मिलने के बाद अरवल थाने से संपर्क किया गया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी 11 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है.

DSP के जाननेवालों ने दी विडियो की जानकारी

डीएसपी सुमित को इसकी जानकारी उनके जानने वालों ने दी. उन्हें बताया कि उनका वीडियो दिखाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. लोगों ने डीएसपी को कुछ वीडियो भी भेजा. इसके बाद डीएसपी ने अलवर थाने की पुलिस से संपर्क किया. बाद में डीएसपी ने संबंधित फ्रॉड की जानकारी अपनी साइबर सुरक्षा पेज पर भी दी है. उन्होंने अनावश्यक वीडियो के सत्यापन के बाद ही उनपर भरोसा करने की अपील की है.

सोशल साइट से चुराई गई थी DSP की वीडियो
डीएसपी सुमित प्रसाद की ओर से साइबर सुरक्षा नाम से सोशल साइट्स चलाई जाती है. जिनमें साइबर फ्रॉड से बचने और सावधानी के लिए जागरुक किए जाते हैं इन्हीं वीडियो को साइबर अपराधियों ने पहले तो चुरा लिया और फिर उसके ऑडियो में छेड़छाड़ कर अपनी आवाज डालकर फ्रॉड शुरू कर दिया. वीडियो के जरिए वे लोग खुद को पुलिस अधिकारी बता रहे थे और न्यूड वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल किया जाने लगा. जेल भेजने की धमकी देकर ऑनलाइन पैसे मांगे गए.


रांची पुलिस ने जारी किया था अलर्ट
साइबर फ्रॉड में शामिल युवतियां इसे हथियार बनाकर ब्लैकमेलिंग और फ्रॉड का खेल कर रही हैं. रांची में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे है. इसकी जानकारी मिलने के बाद रांची पुलिस ने अलर्ट जारी किया था. लोगों से अपील की गई थी कि वे इस तरह का न्यूड कॉल नहीं उठाएं. अगर कोई व्यक्ति ब्लैकमेलिंग करता है तो इसकी जानकारी जरूर पुलिस को दें

रांची: राजधानी के साइबर डीएसपी सुमित कुमार की वर्दी वाली तस्वीर दिखा कर लाखों की ठगी करने वाले 11 साइबर अपराधी राजस्थान के अरवल से पकड़े गए हैं. इस गिरोह में शामिल लड़कियां व्हाट्सएप पर न्यूड होकर पहले तो लोगों को अपने चुंगल में फंसाती थी और फिर साइबर डीएसपी की तस्वीर के जरिए जेल भेजने के नाम पर उनसे लाखों रुपए की वसूली की जाती थी.

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सायबर डीएसपी के प्रयास से गिरफ्त में अपराधी
व्हाट्सएप पर लड़कियों का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फंसा कर ब्लैकमेल करने वाले 11 साइबर अपराधी रांची के साइबर डीएसपी सुमित कुमार के प्रयास से राजस्थान से पकड़े गए हैं. दबोचे गए अपराधियों को जेल भी भेज दिया गया है. सभी अपराधी राजस्थान के अरवल जिला से पकड़े गए थे. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अपराधियो ने स्वीकार किया है की उन्होंने अब तक 80 लाख रुपए से अधिक की वसूली की है.

कैसे मिली ठगी की जानकारी?
दरअसल रांची के साइबर डीएसपी सुमित कुमार ने लोगों को ठगी का शिकार होने से बचने के लिए सोशल साइट पर वीडियो अपलोड किया था. लेकिन उसी वीडियो को शातिर साइबर अपराधियों ने ठगी और ब्लैकमेल के लिए हथियार बना लिया. गिरोह में शामिल लडकियां पहले लोगों को न्यूड करवाकर उनका वीडियो बनवाते थे, और डीएसपी का वीडियो दिखाकर ब्लैकमेलिंग के जरिए ठगी शुरू कर दिया जाता था. इसकी जानकारी जब चार जून को डीएसपी सुमित प्रसाद को मिली तो उन्होंने संबंधित साइबर अपराधियों का पता लगाया. सभी अपराधियों का लोकेशन राजस्थान के अलवर में मिलने के बाद अरवल थाने से संपर्क किया गया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी 11 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है.

DSP के जाननेवालों ने दी विडियो की जानकारी

डीएसपी सुमित को इसकी जानकारी उनके जानने वालों ने दी. उन्हें बताया कि उनका वीडियो दिखाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. लोगों ने डीएसपी को कुछ वीडियो भी भेजा. इसके बाद डीएसपी ने अलवर थाने की पुलिस से संपर्क किया. बाद में डीएसपी ने संबंधित फ्रॉड की जानकारी अपनी साइबर सुरक्षा पेज पर भी दी है. उन्होंने अनावश्यक वीडियो के सत्यापन के बाद ही उनपर भरोसा करने की अपील की है.

सोशल साइट से चुराई गई थी DSP की वीडियो
डीएसपी सुमित प्रसाद की ओर से साइबर सुरक्षा नाम से सोशल साइट्स चलाई जाती है. जिनमें साइबर फ्रॉड से बचने और सावधानी के लिए जागरुक किए जाते हैं इन्हीं वीडियो को साइबर अपराधियों ने पहले तो चुरा लिया और फिर उसके ऑडियो में छेड़छाड़ कर अपनी आवाज डालकर फ्रॉड शुरू कर दिया. वीडियो के जरिए वे लोग खुद को पुलिस अधिकारी बता रहे थे और न्यूड वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल किया जाने लगा. जेल भेजने की धमकी देकर ऑनलाइन पैसे मांगे गए.


रांची पुलिस ने जारी किया था अलर्ट
साइबर फ्रॉड में शामिल युवतियां इसे हथियार बनाकर ब्लैकमेलिंग और फ्रॉड का खेल कर रही हैं. रांची में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे है. इसकी जानकारी मिलने के बाद रांची पुलिस ने अलर्ट जारी किया था. लोगों से अपील की गई थी कि वे इस तरह का न्यूड कॉल नहीं उठाएं. अगर कोई व्यक्ति ब्लैकमेलिंग करता है तो इसकी जानकारी जरूर पुलिस को दें

Last Updated : Jun 10, 2021, 7:02 AM IST
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