रांची: सिविल कोर्ट के कर्मचारी और अधिवक्ता में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद रांची सिविल कोर्ट में कोरोना संक्रमण को लेकर भय का माहौल बना हुआ है. कोरोना संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा भय इसलिए बना हुआ है.
क्योंकि विभिन्न थानों से संबंधित मामलों को लेकर प्रतिदिन कोर्ट में पुलिसकर्मियों को आना पड़ता है और सिविल कोर्ट कर्मियों का प्रतिदिन थानों के पुलिसकर्मियों से सामना होता है, पुलिसकर्मी अपराधियों को कोर्ट में पेश करते हैं. केस के छानबीन संबंधित कागजात कोर्ट में जमा किए जाते हैं. जिससे महामारी का संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है.
हालांकि, रांची सिविल कोर्ट में जिला बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि 2 सप्ताह तक तमाम अधिवक्ता खुद को न्यायिक कार्यों से दूर रखेंगे. ताकि कोरोना महामारी संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके.
क्या है जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव का कहना
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि महामारी सिविल कोर्ट के पेशकार पर दस्तक देने के बाद अधिवक्ता तक पहुंच गया है और आने वाले दिनों में अगर इस पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो बहुत ही भयावह स्थिति होगी, क्योंकि राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का मामला हाल के दिनों में पुलिसकर्मियों में पाया गया है और पुलिसकर्मी प्रतिदिन कोर्ट में किसी न किसी मामले से संबंधित दस्तावेज को लेकर कोर्ट में पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि जिला बार एसोसिएशन ने 2 सप्ताह के लिए अधिवक्ताओं से अपील किया है कि कोई भी न्यायिक कार्य नहीं किए जाएंगे, लेकिन इसके बावजूद कई अधिवक्ता नहीं मान रहे हैं यह बहुत ही चिंता का बात है.
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ऑनलाइन हो रही सुनवाई
हालांकि, जैसे ही रांची सिविल कोर्ट में कोरोना का संक्रमण फैला तुरंत बाद कोर्ट प्रशासन की ओर से सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं. कोर्ट के कार्य को 2 दिनों के लिए स्थगित कर पूरे कोर्ट परिसर और दस्तावेजों को सेनेटाइज किया गया. कोर्ट में सुनवाई ऑनलाइन हो रही है. ट्रायल बंद हो गए हैं. जमानत, अग्रिम जमानत, फ्रेश फाइलिंग आदि के लिए ड्रॉपबॉक्स बनाया गया है. जिसमें आवेदन डालने के 24 घंटा के बाद ड्रॉपबॉक्स खोला जा रहा है.