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72 घंटे का अल्टीमेटम खत्म, नहीं बना 20 सूत्री के गठन का फार्मूला, अब क्या करेगी कांग्रेस - Congress formula on 20 sutri

झारखंड में 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन पर अब तक फैसला नहीं हुआ है. कांग्रेस के 72 घंटे के अंदर फार्मूला तय करने की मांग की समय सीमा भी समाप्त हो गई है. ऐसे में अब 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन का मामला लटकता हुआ दिख रहा है.

Congress formula on 20 sutri
20 सूत्री पर कांग्रेस का फार्मूला
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Published : Aug 4, 2021, 11:40 AM IST

रांची: झारखंड में 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन पर तस्वीरें अब तक साफ नहीं हुई है. सत्ताधारी दल कांग्रेस ने 31 जुलाई को 72 घंटे के अंदर फार्मूला तय करने की मांग रखी थी. लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद अब तक फार्मूला तय नहीं होने से इसके जल्द ही गठन के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. वहीं 20 सूत्री प्रभारी मंत्री की हैसियत से डॉक्टर रामेश्वर उरांव दो दिवसीय सिमडेगा दौरे पर हैं. जहां वे जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. इसके साथ ही कांग्रेस के सदस्यता अभियान को भी गति दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन से झारखंड कांग्रेस की मांग, 72 घंटे में तय करें फॉर्मूला

निगरानी समिति के गठन में देरी

20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर अब तक कोई फार्मूला तय नहीं होने से इसके जल्द गठन होने के दावे पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. इस बारे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि 20 सूत्री, निगरानी समिति का गठन और कांग्रेस की सदस्यता अभियान के लिए वे सिमडेगा जिला कांग्रेस कमेटि के पदाधिकारियों, प्रखंड कांग्रेस कमेटि के अध्यक्ष, विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी समस्याएं सामने आएंगी उसके समाधान को लेकर अधिकारियों से बातचीत की जाएगी. रामेश्वर उरांव के साथ प्रदेश प्रवक्ता सह सदस्यता अभियान प्रभारी आलोक दुबे भी मौजूद रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

राज्य में खाली पड़े कई बोर्ड, निगमों के पदों को भरा जाना है. जिसके लिए सत्ता में शामिल सभी सहयोगी दलों से कार्यकर्ताओं की सूची देने की मांग की गई थी. जिसके बाद से ही इसको लेकर सत्तारूढ़ दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे. 20 सूत्री और निगरानी समिति को लेकर कांग्रेस के अंदर भी विरोध के स्वर सुनाई देने लगे थे. जिसके बाद से लेकर अब तक इसके गठन की कोशिश की जा रही है लेकिन अब तक इसका गठन नहीं हो सका है.

ये भी पढ़ेंः बोर्ड-निगम को लेकर सत्तारूढ़ दलों में घमासान, कांग्रेस-आरजेडी से मांगी गई लिस्ट

किन-किन बोर्ड निगमों के भरे जाएंगे पद?

अब जिन बोर्ड निगम के पदों को भरा जाना है उसे भी जान लिजिए. राज्य सूचना आयोग, लॉ कमीशन, बाल संरक्षण आयोग, राज्य के 22 जिलों में स्थित उपभोक्ता फोरम और राज्य खादी बोर्ड, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, आरआरडीए, विद्युत नियामक आयोग, 20 सूत्री निगरानी समिति, माडा, जेपीएससी में सदस्यों के पद ये सभी वैसे पद हैं जिसे भरने की प्रक्रिया अब तक पेंडिंग है.

रांची: झारखंड में 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन पर तस्वीरें अब तक साफ नहीं हुई है. सत्ताधारी दल कांग्रेस ने 31 जुलाई को 72 घंटे के अंदर फार्मूला तय करने की मांग रखी थी. लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद अब तक फार्मूला तय नहीं होने से इसके जल्द ही गठन के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. वहीं 20 सूत्री प्रभारी मंत्री की हैसियत से डॉक्टर रामेश्वर उरांव दो दिवसीय सिमडेगा दौरे पर हैं. जहां वे जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. इसके साथ ही कांग्रेस के सदस्यता अभियान को भी गति दी जाएगी.

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निगरानी समिति के गठन में देरी

20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर अब तक कोई फार्मूला तय नहीं होने से इसके जल्द गठन होने के दावे पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. इस बारे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि 20 सूत्री, निगरानी समिति का गठन और कांग्रेस की सदस्यता अभियान के लिए वे सिमडेगा जिला कांग्रेस कमेटि के पदाधिकारियों, प्रखंड कांग्रेस कमेटि के अध्यक्ष, विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी समस्याएं सामने आएंगी उसके समाधान को लेकर अधिकारियों से बातचीत की जाएगी. रामेश्वर उरांव के साथ प्रदेश प्रवक्ता सह सदस्यता अभियान प्रभारी आलोक दुबे भी मौजूद रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

राज्य में खाली पड़े कई बोर्ड, निगमों के पदों को भरा जाना है. जिसके लिए सत्ता में शामिल सभी सहयोगी दलों से कार्यकर्ताओं की सूची देने की मांग की गई थी. जिसके बाद से ही इसको लेकर सत्तारूढ़ दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे. 20 सूत्री और निगरानी समिति को लेकर कांग्रेस के अंदर भी विरोध के स्वर सुनाई देने लगे थे. जिसके बाद से लेकर अब तक इसके गठन की कोशिश की जा रही है लेकिन अब तक इसका गठन नहीं हो सका है.

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किन-किन बोर्ड निगमों के भरे जाएंगे पद?

अब जिन बोर्ड निगम के पदों को भरा जाना है उसे भी जान लिजिए. राज्य सूचना आयोग, लॉ कमीशन, बाल संरक्षण आयोग, राज्य के 22 जिलों में स्थित उपभोक्ता फोरम और राज्य खादी बोर्ड, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, आरआरडीए, विद्युत नियामक आयोग, 20 सूत्री निगरानी समिति, माडा, जेपीएससी में सदस्यों के पद ये सभी वैसे पद हैं जिसे भरने की प्रक्रिया अब तक पेंडिंग है.

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