रांचीः कोविड-19 वायरस ने सभी को प्रभावित किया है, क्या अमीर, क्या गरीब, क्या बच्चे, क्या बूढ़े. हालांकि वक्त के साथ जिंदगी पटरी पर लौट रही है लेकिन शिक्षा व्यवस्था कब तक सुचारू हो पाएगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. ऐसे वक्त में सबसे ज्यादा चर्चा मिड डे मील को लेकर हो रही है. क्योंकि गरीब परिवार के बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही थी. बच्चों को शिक्षा के साथ स्कूल में ही एक वक्त का भोजन मिलता था, अब सवाल है कि संक्रमण के इस दौर में गरीब परिवार के उन बच्चों के लिए मिड डे मील की जगह किस तरह की सहायता मिल रही है.
यह सवाल उठा है मानसून सत्र में राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के इस सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि झारखंड में बच्चों को मिड डे मील की जगह खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया जा रहा है. झारखंड के 31,29,548 बच्चों को भत्ता मिल रहा है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कुल 9,52,24,169 बच्चों को भत्ता दिया जा रहा है. इस भत्ते के रूप में खाद्यान्न, दालें, तेल आदि (खाना पकाने की लागत के बराबर) मुहैया कराया जा रहा है.
पोस्ट पेमेंट्स बैंक में झारखंड में सात लाख खाते खुले
वहीं राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए संचार, शिक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) द्वारा 3,55,04,799 खाते खोले गए हैं जिनके माध्यम से 3,76,30,72,97,380 रुपये के 14,06,55, 328 डोरस्टेप डिजिटल लेनदेन हुए हैं. इनमें एक सितम्बर 2019 से अबतक के आधार कार्ड आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के माध्यम से 59,96,67,05,959 रूपये के 2,69,83,310 लेनदेन शामिल हैं.
वहीं झारखंड में इण्डिया पोस्ट पेमेंट बैंक के 6,91,371 खाते खोले गए हैं जिनके माध्यम से 6,76,02,10,894 रुपये के 28,34,215 लेनदेन हुए हैं. इनमें एक सितम्बर 2019 से अबतक के आधार कार्ड आधारित भुगतान प्रणाली के माध्यम से 1,23,59.53,532 रुपये के 6,73,893 लेनदेन शामिल हैं.