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IIM Ranchi Convocation: 12वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति, युवाओं को दी जॉब क्रिएटर बनने की सलाह

अपनी स्थापना के 13 वर्ष में देश के टॉप 20 आईआईएम में स्थान बनाने में सफल रहा रांची आईआईएम में एमबीए, बिजनेस एनालिटिक्स की बेहतरीन पढ़ाई होती है जो देश के अन्य बिजनेस स्कूल से इसे अलग पहचान बनाता है. 12वें दीक्षांत समारोह मौके पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामना देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.

Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh attended 12th convocation of IIM Ranchi
आईआईएम रांची
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Published : Jul 1, 2023, 10:18 PM IST

रांचीः आईआईएम रांची के दीक्षांत समारोह में 2021-23 बैच के 542 विद्यार्थियों के बीच डिग्रियां बांटी गई. इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के द्वारा छात्रा-छात्रों के बीच डिग्री का वितरण किया गया. इन डिग्रियों में सर्वाधिक 396 विद्यार्थियों को एमबीए प्रोग्राम की डिग्री दी गई. वहीं एमबीए ह्यूमन रिसोर्स के 69, एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स के 34, एग्जीक्यूटिव एमबीए के 37, तीन प्रबंधकीय रिसर्च स्कॉलर को पीएचडी डिग्री और 3 एक्सक्यूटिव पीएचडी से सम्मानित किए गए. अपने स्थापना के 13 वर्ष में आईआईएम रांची के पुंदाग कैंपस में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ जो यादगार रहा.

इसे भी पढ़ें- राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन IIM के दीक्षांत समारोह में हुए शामिल, छात्रों को पढ़ाया दायित्व का पाठ

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने युवाओं से जॉब क्रिएटर बनने की अपील की. आईआईएम रांची के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए हरिवंश ने कहा कि वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती मोरल और वैल्यू को बचाने को लेकर जो दुनिया में सिर्फ एक देश भारत कर सकता है जो युवाओं के जिम्मे हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के उस अपील की सराहना की जिसमें वे युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनने को कहा है.

राज्यसभा के उपसभापति तकनीकी युग में सोच और टेक्नोलॉजी के बीच चल रहे द्वंद से सावधान रहने की सलाह देते हुए तकनीकी के हावी होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आज पाटलिपुत्र और काशी से सभ्यता और संस्कृति की बात नहीं हो रही बल्कि बेंगलुरु और सिल्क वैली से पहचान बन रही है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को अब टेक्नोलॉजी संचालित कर रही है जिससे नौकरी पर भी खतरा है. पुराने पैटर्न समाप्त होते जा रहे हैं और वहीं नौकरियां मिलेंगी जो नये नये खोज के साथ बाजार में दिखेंगी. ऐसे में स्टार्टअप एक बड़ा जॉब क्रिएटर हो सकता है.

एमबीए, बिजनेस एनालिटिक्स में रांची आईआईएण का बड़ा नामः आईआईएम रांची में एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स की बेहतरीन पढ़ाई होती है. जो देश के अन्य आईआईएम से इसे अलग बनाता है. अपने स्थापना के 13 वर्ष में ही देश के टॉप 20 बिजनेस स्कूल में ये मुकाम पाने में सफल रहा. संस्थान के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने स्टूडेंट्स को शुभकामना देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की. इस अवसर पर आईआईएम रांची के चेयरमैन प्रवीण शंकर पांड्या, बोर्ड ऑफ गवर्नर के सदस्य और निदेशक डॉ. दीपक श्रीवास्तव समेत विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक शामिल रहे.

17 लाख का पैकेज पर हो चुका है कैंपस सेलेक्शनः आईआईएम रांची के मुख्य कैंपस स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बन रहा था. उपाधि मिलने के बाद विद्यार्थियों ने यहां पढ़ाई की समुचित व्यवस्था होने की बात कहते हुए बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा कैंपस किए जाने की सराहना की. बता दें कि पिछले साल एमबीए फाइनल ईयर के छात्रों का कैंपस हुआ था, जिसमें 17 लाख अधिकतम पैकेज पर छात्रों का सेलेक्शन हुआ. जिससे इस संस्थान के प्रति विद्यार्थियों का रूझान और अधिक बढ़ा है.

रांचीः आईआईएम रांची के दीक्षांत समारोह में 2021-23 बैच के 542 विद्यार्थियों के बीच डिग्रियां बांटी गई. इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के द्वारा छात्रा-छात्रों के बीच डिग्री का वितरण किया गया. इन डिग्रियों में सर्वाधिक 396 विद्यार्थियों को एमबीए प्रोग्राम की डिग्री दी गई. वहीं एमबीए ह्यूमन रिसोर्स के 69, एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स के 34, एग्जीक्यूटिव एमबीए के 37, तीन प्रबंधकीय रिसर्च स्कॉलर को पीएचडी डिग्री और 3 एक्सक्यूटिव पीएचडी से सम्मानित किए गए. अपने स्थापना के 13 वर्ष में आईआईएम रांची के पुंदाग कैंपस में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ जो यादगार रहा.

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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने युवाओं से जॉब क्रिएटर बनने की अपील की. आईआईएम रांची के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए हरिवंश ने कहा कि वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती मोरल और वैल्यू को बचाने को लेकर जो दुनिया में सिर्फ एक देश भारत कर सकता है जो युवाओं के जिम्मे हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के उस अपील की सराहना की जिसमें वे युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनने को कहा है.

राज्यसभा के उपसभापति तकनीकी युग में सोच और टेक्नोलॉजी के बीच चल रहे द्वंद से सावधान रहने की सलाह देते हुए तकनीकी के हावी होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आज पाटलिपुत्र और काशी से सभ्यता और संस्कृति की बात नहीं हो रही बल्कि बेंगलुरु और सिल्क वैली से पहचान बन रही है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को अब टेक्नोलॉजी संचालित कर रही है जिससे नौकरी पर भी खतरा है. पुराने पैटर्न समाप्त होते जा रहे हैं और वहीं नौकरियां मिलेंगी जो नये नये खोज के साथ बाजार में दिखेंगी. ऐसे में स्टार्टअप एक बड़ा जॉब क्रिएटर हो सकता है.

एमबीए, बिजनेस एनालिटिक्स में रांची आईआईएण का बड़ा नामः आईआईएम रांची में एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स की बेहतरीन पढ़ाई होती है. जो देश के अन्य आईआईएम से इसे अलग बनाता है. अपने स्थापना के 13 वर्ष में ही देश के टॉप 20 बिजनेस स्कूल में ये मुकाम पाने में सफल रहा. संस्थान के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने स्टूडेंट्स को शुभकामना देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की. इस अवसर पर आईआईएम रांची के चेयरमैन प्रवीण शंकर पांड्या, बोर्ड ऑफ गवर्नर के सदस्य और निदेशक डॉ. दीपक श्रीवास्तव समेत विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक शामिल रहे.

17 लाख का पैकेज पर हो चुका है कैंपस सेलेक्शनः आईआईएम रांची के मुख्य कैंपस स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बन रहा था. उपाधि मिलने के बाद विद्यार्थियों ने यहां पढ़ाई की समुचित व्यवस्था होने की बात कहते हुए बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा कैंपस किए जाने की सराहना की. बता दें कि पिछले साल एमबीए फाइनल ईयर के छात्रों का कैंपस हुआ था, जिसमें 17 लाख अधिकतम पैकेज पर छात्रों का सेलेक्शन हुआ. जिससे इस संस्थान के प्रति विद्यार्थियों का रूझान और अधिक बढ़ा है.

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