रांची: सावन का महीना अंतिम पड़ाव पर है. 12 अगस्त को रक्षा बंधन के साथ सावन की विदाई हो जाएगी. पूरे सावन माह बादल लुकाछिपी खेलते रहे. लेकिन 9 अगस्त से सावन के बादल ने एक उम्मीद जगाई है. रांची समेत आसपास के कई जिलों में मंगलवार दिन भर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होती रही.
मौसम केंद्र के मुताबिक 10 अगस्त को कई जिलों में भारी बारिश का अनुमान (Rain Forecast in Jharkhand) है. इसका असर भी दिख रहा है. सुबह से ही रांची में झमाझम बारिश हो रही है. इसका जनजीवन पर भी असर पड़ा है. इस बीच किसानों की उम्मीद जगी है. दरअसल, अभी तक झारखंड में औसत से 47 फीसदी कम बारिश हुई है. पूरे राज्य में सूखाड़ की स्थिति है. पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला को छोड़कर ज्यादातर जिलों में बिचड़े सूखने लगे हैं. सरकार भी चिंतित है. अगर 15 अगस्त तक अच्छी बारिश नहीं हुई तो धान की फसल बुरी तरह प्रभावित होगी. इन आशंकाओं के बीच जाते-जाते सावन के बादलों ने एक उम्मीद जगायी है.
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि आज राज्य के दक्षिणी और मध्य भाग मसलन, खूंटी, रांची, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और रामगढ़ में भारी बारिश के आसार हैं. इस दौरान 30 से 40 किमी की रफ्तार से तेज हवा के चलने और वज्रपात की आशंका (Chance of Thunderstorm) है. हालाकि 11 और 12 अगस्त तो ज्यादातर इलाकों में मध्यम दर्जे की बारिश के आसार (Rain Forecast in Jharkhand) हैं. लेकिन 13 अगस्त और 14 अगस्त को मध्य, दक्षिणी और पश्चिमी झारखंड में भारी बारिश का अनुमान है. शेष अन्य भागों में मध्यम दर्जे की बारिश होगी. छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में निम्न दबाव के कारण साइक्लोनिक सर्कुलेश बना है.
पिछले 24 घंटे में खूंटी के अड़की इलाके में सबसे ज्यादा 36.2 मिमी और रांची में 29.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में लगातार बारिश की वजह से धन रोपनी के काम में तेजी आ सकती है.