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रांचीः रेलवे के निजीकरण के विरोध में भूख हड़ताल, पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग

रेलवे के निजीकरण के विरोध में रांची रेल मंडल के कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे. कर्मचारी निजीकरण के विरोध और साथ ही साथ पुराने पेंशन को फिर से लागू करने की मांग की.

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Published : Jul 15, 2019, 8:31 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 11:47 PM IST

धरने पर बैठे रेल कर्मी

रांची: रेलवे के निजीकरण के विरोध में डीआरएम कार्यालय के समीप ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के तत्वाधान में रांची रेल मंडल के रेल कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे. वहीं पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग भी इस दौरान इन कर्मचारियों ने उठाई.

पूरी खबर देखें

कर्मचारियों ने मांग नहीं माने जाने पर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान रेलवे के निजीकरण के विरोध में जमकर नारे लगाए गए. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ के केंद्रीय कार्यकारिणी कमेटी के एक निर्णय के तहत रांची रेल मंडल के डीआरएम कार्यालय के समक्ष सभी रनिंग कर्मचारी और लोको पायलट भूख हड़ताल पर हैं.

रेलवे कर्मचारियों ने रेलवे में निजीकरण के खिलाफ, आरएसी 1980 के फार्मूले के अनुसार किलोमीटर माइलेज का निर्धारण पुन: सुनिश्चित करने और एनपीएस को बंद करने की मांग की है. साथ ही ओल्ड पेंशन नीति लागू करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का भी निर्णय किया है.

भूख हड़ताल पर बैठे रेलकर्मियों का कहना है कि रेल मंत्रालय द्वारा एक साजिश के तहत रेलवे को निजी हाथों में बेचा जा रहा है. इसलिए ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि देश के विभिन्न रेल मंडलों के रनिंग स्टाफ रेलवे की बेहतरी के लिए एकसाथ मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे.

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हालांकि रेल सम्मान समारोह के दौरान रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा है कि किसी भी हालत में रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा. कर्मचारी और रेल पदाधिकारी किसी भी असमंजस की स्थिति में न रहे.

रांची: रेलवे के निजीकरण के विरोध में डीआरएम कार्यालय के समीप ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के तत्वाधान में रांची रेल मंडल के रेल कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे. वहीं पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग भी इस दौरान इन कर्मचारियों ने उठाई.

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कर्मचारियों ने मांग नहीं माने जाने पर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान रेलवे के निजीकरण के विरोध में जमकर नारे लगाए गए. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ के केंद्रीय कार्यकारिणी कमेटी के एक निर्णय के तहत रांची रेल मंडल के डीआरएम कार्यालय के समक्ष सभी रनिंग कर्मचारी और लोको पायलट भूख हड़ताल पर हैं.

रेलवे कर्मचारियों ने रेलवे में निजीकरण के खिलाफ, आरएसी 1980 के फार्मूले के अनुसार किलोमीटर माइलेज का निर्धारण पुन: सुनिश्चित करने और एनपीएस को बंद करने की मांग की है. साथ ही ओल्ड पेंशन नीति लागू करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का भी निर्णय किया है.

भूख हड़ताल पर बैठे रेलकर्मियों का कहना है कि रेल मंत्रालय द्वारा एक साजिश के तहत रेलवे को निजी हाथों में बेचा जा रहा है. इसलिए ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि देश के विभिन्न रेल मंडलों के रनिंग स्टाफ रेलवे की बेहतरी के लिए एकसाथ मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे.

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हालांकि रेल सम्मान समारोह के दौरान रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा है कि किसी भी हालत में रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा. कर्मचारी और रेल पदाधिकारी किसी भी असमंजस की स्थिति में न रहे.

Intro:रांची।

रेलवे के निजीकरण के विरोध में डीआरएम कार्यालय के समीप ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के तत्वाधान में रांची रेल मंडल के रेल कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग भी इस दौरान इन कर्मचारियों ने उठाई है. मांगे नहीं माने जाने पर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्माण लिया गया है .इस दौरान रेलवे निजीकरण के विरोध में जमकर नारे लगाए गए.


Body:
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ के केंद्रीय कार्यकारिणी कमेटी के एक निर्णय के तहत रांची रेल मंडल के डीआरएम कार्यालय के समक्ष मंडल के सभी रनिंग कर्मचारी लोको पायलट भूख हड़ताल पर हैं .इन्होंने रेलवे में निजी करण के खिलाफ,आरएसी 1980 के फार्मूले के अनुसार किलोमीटर माइलेज का निर्धारण सुनिश्चित करने, एनपीएस को बंद करें और ओल्ड पेंशन नीति लागू करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय भी लिया है. इनकी मानें तो रेलवे मंत्रालय द्वारा एक साजिश के तहत रेलवे को निजी हाथों में बेच दिया जाएगा और अंदर ही अंदर इस ओर कदम बढ़ाया जा रहा है .इसके संकेत भी मिलने लगे हैं .इसलिए ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है की देशभर के विभिन्न रेल मंडलों के रनिंग स्टॉफ रेलवे के बेहतरी के लिए एक साथ मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगी.

Conclusion:हालांकि रेल सम्मान समारोह के दौरान रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने यह कहा है कि किसी भी हालत में रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा. कर्मचारी और रेल पदाधिकारी किसी भी असमंजस की स्थिति में ना रहे. रेल मंत्रालय केंद्र सरकार का है और रेल केंद्र का ही रहेगा.
Last Updated : Jul 15, 2019, 11:47 PM IST
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