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रेडियो खांची ने किया 9 जनजातीय भाषाओं का संग्रह, ऑडियो मैगजीन भी तैयार

रांची विश्वविद्यालय का कम्युनिटी रेडियो, रेडियो खांची 90.4 एफएम में ऑडियो मैगजीन ने 9 भाषाओं का संग्रह किया है. कोरोना काल जैसे विकट परिस्थिति में भी यह रेडियो ऑनलाइन पठन-पाठन की दिशा में अपने आप को साबित किया है. विद्यार्थियों तक हर वह सुविधा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, जो रेडियो खांची के दायरे में है.

radio khanchi has collected 9 tribal languages in ranchi
रेडियो खांची
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Published : Dec 1, 2020, 2:03 PM IST

रांचीः रांची विश्वविद्यालय का कम्युनिटी रेडियो, रेडियो खांची 90.4 एफएम ने एक बेहतरीन संग्रह किया है. दरअसल, रेडियो खांची की ओर से एक मैगजीन तैयार किया गया है. यह ऑडियो मैगजीन 9 भाषाओं का है. झारखंड में बोले जाने वाली 9 जनजातीय भाषाओं के संकलन इस रेडियो के जरिए संग्रहित किया गया है.

देखें पूरी खबर

विद्यार्थियों तक सभी सुविधा प्रदान करने की कोशिश
पिछले कुछ महीनों में रांची विश्वविद्यालय का रेडियो खांची विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. कोरोना काल जैसे विकट परिस्थिति में भी यह रेडियो ऑनलाइन पठन-पाठन की दिशा में अपने आप को साबित किया है. विद्यार्थियों तक हर वह सुविधा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है जो रेडियो खांची के दायरे में है. अपने फ्रीक्वेंसी के माध्यम से विद्यार्थियों के कानों तक पठन-पाठन के अलावा विश्वविद्यालय से संबंधित तमाम गतिविधियों की जानकारी रेडियो खांची पहुंचा रही है.

इसे भी पढ़ें- देवघर में 17 साइबर अपराधी गिरफ्तार, नगद-मोबाइस समेत 30 सिमकार्ड बरामद

9 जनजातीय भाषाओं का संग्रह
वहीं, अब इस रेडियो खांची के पास राज्य के 9 जनजातीय भाषाओं का एक अद्भुत खजाना तैयार हो गया है. जिसे जनजातीय भाषा विभाग के अलावा भाषा विशेषज्ञों की मदद से 300 विशिष्ट लेक्चर संग्रहित किया गया है और यह रेडियो मैगजीन के रूप में बनाया गया है. इस रेडियो मैगजीन में जनजातीय संस्कृति, कला, खानपान, सभ्यता ,साहित्य संगीत के साथ-साथ जनजातीय समाज से जुड़े कई गतिविधियों की जानकारी संग्रहित किए गए हैं. आने वाले समय में वृहद रूप से एक बड़े मैगजीन संग्रहित करने का प्लान है, जिसकी तैयारी भी पूरी हो चुकी है. उस मैगजीन के ऑडियो रेडियो खांची 90.4 एफएम में प्रसारित किया जा रहा है.

जनजातीय भाषा में शोध करने वाले विद्यार्थियों को मिल रहा है फायदा
वहीं, इससे विद्यार्थियों को फायदा मिल रहा है. विद्यार्थी इसके जरिए ऑडियो सुन अपनी जानकारी बढ़ा रहे है. जो विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेस नहीं कर पा रहे हैं. वह विद्यार्थी भी विशेषज्ञ लेक्चरर की मदद से रेडियो के जरिए इससे लाभ ले रहे हैं. वहीं जो विद्यार्थी जनजातीय भाषाओं को लेकर शोध करते हैं. उनके लिए भी यह फायदेमंद साबित हो रहा है. क्योंकि उन्होंने इस मैगजीन की मदद से जनजातीय सभ्यता और समाज से जुड़े तमाम जानकारियां उपलब्ध हो रही है. धीरे-धीरे इस रेडियो मैगजीन को और सशक्त बनाया जा रहा है. इसके लिए रेडियो खांची की टीम लगातार प्रयासरत है.

रांचीः रांची विश्वविद्यालय का कम्युनिटी रेडियो, रेडियो खांची 90.4 एफएम ने एक बेहतरीन संग्रह किया है. दरअसल, रेडियो खांची की ओर से एक मैगजीन तैयार किया गया है. यह ऑडियो मैगजीन 9 भाषाओं का है. झारखंड में बोले जाने वाली 9 जनजातीय भाषाओं के संकलन इस रेडियो के जरिए संग्रहित किया गया है.

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विद्यार्थियों तक सभी सुविधा प्रदान करने की कोशिश
पिछले कुछ महीनों में रांची विश्वविद्यालय का रेडियो खांची विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. कोरोना काल जैसे विकट परिस्थिति में भी यह रेडियो ऑनलाइन पठन-पाठन की दिशा में अपने आप को साबित किया है. विद्यार्थियों तक हर वह सुविधा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है जो रेडियो खांची के दायरे में है. अपने फ्रीक्वेंसी के माध्यम से विद्यार्थियों के कानों तक पठन-पाठन के अलावा विश्वविद्यालय से संबंधित तमाम गतिविधियों की जानकारी रेडियो खांची पहुंचा रही है.

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9 जनजातीय भाषाओं का संग्रह
वहीं, अब इस रेडियो खांची के पास राज्य के 9 जनजातीय भाषाओं का एक अद्भुत खजाना तैयार हो गया है. जिसे जनजातीय भाषा विभाग के अलावा भाषा विशेषज्ञों की मदद से 300 विशिष्ट लेक्चर संग्रहित किया गया है और यह रेडियो मैगजीन के रूप में बनाया गया है. इस रेडियो मैगजीन में जनजातीय संस्कृति, कला, खानपान, सभ्यता ,साहित्य संगीत के साथ-साथ जनजातीय समाज से जुड़े कई गतिविधियों की जानकारी संग्रहित किए गए हैं. आने वाले समय में वृहद रूप से एक बड़े मैगजीन संग्रहित करने का प्लान है, जिसकी तैयारी भी पूरी हो चुकी है. उस मैगजीन के ऑडियो रेडियो खांची 90.4 एफएम में प्रसारित किया जा रहा है.

जनजातीय भाषा में शोध करने वाले विद्यार्थियों को मिल रहा है फायदा
वहीं, इससे विद्यार्थियों को फायदा मिल रहा है. विद्यार्थी इसके जरिए ऑडियो सुन अपनी जानकारी बढ़ा रहे है. जो विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेस नहीं कर पा रहे हैं. वह विद्यार्थी भी विशेषज्ञ लेक्चरर की मदद से रेडियो के जरिए इससे लाभ ले रहे हैं. वहीं जो विद्यार्थी जनजातीय भाषाओं को लेकर शोध करते हैं. उनके लिए भी यह फायदेमंद साबित हो रहा है. क्योंकि उन्होंने इस मैगजीन की मदद से जनजातीय सभ्यता और समाज से जुड़े तमाम जानकारियां उपलब्ध हो रही है. धीरे-धीरे इस रेडियो मैगजीन को और सशक्त बनाया जा रहा है. इसके लिए रेडियो खांची की टीम लगातार प्रयासरत है.

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