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हल्की बारिश से रबी फसल को नुकसान नहीं, मौसम साफ होने पर फसलों की तुरंत करे कटाई: कृषि वैज्ञानिक

मौसम में बदलाव को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को उपयोगी परामर्श दिया है. उन्होंने हल्की बारिश से रबी फसल की हानि नहीं होने, मौसम साफ होने पर रबी फसल की तुरंत कटाई करने और कटी हुई फसल को छोटे–छोटे बंडल बनाकर सुरक्षित स्थान में रखने को कहा है.

हल्की बारिश से रबी फसल को नहीं नुकसान
Rabi crop is not damaged due to light rain
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Published : Apr 23, 2020, 9:48 AM IST

Updated : May 24, 2020, 8:48 PM IST

रांची: राजधानी में आने वाले 4-5 दिनों में मौसम विभाग ने राज्य में हल्की बारिश, बिजली चमकने, ब्रजपात और ओलावृष्टि का पुर्वानुमान किया है. मौसम में बदलाव को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को उपयोगी परामर्श दिया है.

घर की साफ-सफाई

निदेशक अनुसंधान डॉ डीएन सिंह ने अभी के हल्की बारिश से रबी फसल की हानि नहीं होने, मौसम साफ रहने पर रबी फसल की तुरंत कटाई करने और कटी हुई फसल को छोटे–छोटे बंडल बनाकर सुरक्षित स्थान में रखने को कहा है. उन्होंने फसल के बंडल को खड़ाकर रखने और धूप निकलने पर फसल की तुरंत दौनी करने और फसल दाने को 2-3 दिनों तक धूप में अच्छी तरह सुखाने को कहा है. गेहूं दाना में 10-13 प्रतिशत नमी, दलहनी और तेलहनी फसल में 5-6 प्रतिशत नमी को अनाज भंडारण हेतु उपयुक्त बताया. भंडारण से पहले भंडार घर की अच्छी सफाई और बोरे को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित और सुखाकर ही अनाज भंडारण करने को कहा.

ये भी पढ़ें-Earth Day 2020: लॉकडाउन में स्वस्थ हुआ लौह नगरी का वातावरण, 5 गुना कम हुआ प्रदूषण

खाली पड़े खेतों के लिए हल्की बारिश होती है बढ़िया

डॉ. सिंह ने खेत में लगे गरमा (जायद) फसल की निकाई–गूडाई कर खरपतवार को निकलने और यूरिया का भुरकाव करने की सलाह दी. डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने इस समय गरमा (जायद) फसलों की बुआई नहीं करने और अभी के हल्की बारिश को गरमा फसल के लिए फायदेमंद बताया है. रबी फसल के बाद और पहले से खाली पड़े खेतों के लिए हल्की बारिश बढ़िया को बताया है. उन्होंने खाली पड़े खेतों की 2 बार गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ देने की सलाह दी है. इससे खेत में मृदा जनित रोगों से बचाव होगा और खेतों में मौजूद कीड़ो–मकोड़ों के अंडे, माइक्रो जीवाणु और खरपतवार नष्ट होंगे.

सामान्य वर्षापात की संभावना

इस साल मानसून समय पर होने और सामान्य वर्षापात की संभावना को देखते हुए किसानों को खरीफ फसलों की खेती पर ध्यान केंद्रित करने और मानसून से पहले पशूओं में रोग प्रकोप से बचाव हेतु टीकाकरण की जरूरत बताई. पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ एचसी लाल ने हल्की वर्षा होने से खेतों में लगे गरमा और सब्जी फसलों में कीट और रोग का प्रकोप नहीं बढ़ने की बात कही.

रांची: राजधानी में आने वाले 4-5 दिनों में मौसम विभाग ने राज्य में हल्की बारिश, बिजली चमकने, ब्रजपात और ओलावृष्टि का पुर्वानुमान किया है. मौसम में बदलाव को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को उपयोगी परामर्श दिया है.

घर की साफ-सफाई

निदेशक अनुसंधान डॉ डीएन सिंह ने अभी के हल्की बारिश से रबी फसल की हानि नहीं होने, मौसम साफ रहने पर रबी फसल की तुरंत कटाई करने और कटी हुई फसल को छोटे–छोटे बंडल बनाकर सुरक्षित स्थान में रखने को कहा है. उन्होंने फसल के बंडल को खड़ाकर रखने और धूप निकलने पर फसल की तुरंत दौनी करने और फसल दाने को 2-3 दिनों तक धूप में अच्छी तरह सुखाने को कहा है. गेहूं दाना में 10-13 प्रतिशत नमी, दलहनी और तेलहनी फसल में 5-6 प्रतिशत नमी को अनाज भंडारण हेतु उपयुक्त बताया. भंडारण से पहले भंडार घर की अच्छी सफाई और बोरे को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित और सुखाकर ही अनाज भंडारण करने को कहा.

ये भी पढ़ें-Earth Day 2020: लॉकडाउन में स्वस्थ हुआ लौह नगरी का वातावरण, 5 गुना कम हुआ प्रदूषण

खाली पड़े खेतों के लिए हल्की बारिश होती है बढ़िया

डॉ. सिंह ने खेत में लगे गरमा (जायद) फसल की निकाई–गूडाई कर खरपतवार को निकलने और यूरिया का भुरकाव करने की सलाह दी. डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने इस समय गरमा (जायद) फसलों की बुआई नहीं करने और अभी के हल्की बारिश को गरमा फसल के लिए फायदेमंद बताया है. रबी फसल के बाद और पहले से खाली पड़े खेतों के लिए हल्की बारिश बढ़िया को बताया है. उन्होंने खाली पड़े खेतों की 2 बार गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ देने की सलाह दी है. इससे खेत में मृदा जनित रोगों से बचाव होगा और खेतों में मौजूद कीड़ो–मकोड़ों के अंडे, माइक्रो जीवाणु और खरपतवार नष्ट होंगे.

सामान्य वर्षापात की संभावना

इस साल मानसून समय पर होने और सामान्य वर्षापात की संभावना को देखते हुए किसानों को खरीफ फसलों की खेती पर ध्यान केंद्रित करने और मानसून से पहले पशूओं में रोग प्रकोप से बचाव हेतु टीकाकरण की जरूरत बताई. पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ एचसी लाल ने हल्की वर्षा होने से खेतों में लगे गरमा और सब्जी फसलों में कीट और रोग का प्रकोप नहीं बढ़ने की बात कही.

Last Updated : May 24, 2020, 8:48 PM IST
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