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झारखंड कांग्रेस के नियुक्त लोकसभा संयोजक और प्रभारी को लेकर घमासान, जो खुद उम्मीदवारी की रेस में उन्हीं को बना दिया गया इंचार्ज - जगदीश साहू

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी झारखंड कांग्रेस के अंदर ही सवाल उठने लगे हैं. यह सवाल लोकसभावार संयोजक और प्रभारी की नियुक्ति के बाद उठ रहे हैं. कई ऐसे नेताओं को लोकसभा प्रभारी बनाया गया है, जो खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं.

jharkhand congress loksabha in charge
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 15, 2023, 6:53 PM IST

Updated : Sep 15, 2023, 7:04 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची: झारखंड कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. लगभग हर दिन पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अलग-अलग जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक हो रही है. वहीं लोकसभा वार संयोजक और प्रभारी की भी नियुक्ति की गई है. लेकिन नियुक्त संयोजक और प्रभारी को लेकर पार्टी के अंदर ही घमासान मचना शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीट के लिए प्रभारी और संयोजक किए नियुक्त, जानिए किसे दी गई जिम्मेदारी

दरअसल, पिछले मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्य के 14 लोकसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी और संयोजक के नामों की घोषणा की थी. अब इन्हीं 14 लोकसभा क्षेत्रों के संयोजक और प्रभारी में से कम से कम 07 के नाम को लेकर पार्टी के अंदर से ही सवाल उठने लगे हैं. झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव और पुराने कांग्रेस नेता जगदीश साहू कहते हैं कि जो लोग लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं या लड़ने की इच्छा रखते हैं. उन्हें लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी या संयोजक नहीं बनाया जाना चाहिए.

jharkhand congress loksabha in charge
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जगदीश साहू ने कहा कि लोकसभा वार नियुक्त किये गए प्रभारी और संयोजक को कई टास्क दिए गए हैं, जिसमें से एक महत्वपूर्ण काम अपने-अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्र से तीन-तीन मजबूत संभावित उम्मीदवार की सूची भी आलाकमान को देनी है. ऐसे में वह उस सूची से कितना न्याय कर पाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन के लिए जीवन खपा देने वाले लंबे अनुभव वाले नेताओं की कमी नहीं है. अगर उन्हें प्रभारी या संयोजक बनाया जाता, जब वह अपने-अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों के जिताऊ नेताओं की सही सूची से आलाकमान को अवगत कराते.

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पार्टी नेताओं के राजनीतिक अनुभव का लाभ लेना चाहती है-राकेश सिन्हा: इस मामले पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा कहते हैं कि सभी अनुभवी नेताओं को लोकसभा वार प्रभारी और संयोजक बनाया गया है. उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा. ऐसे में 14 में से बाकी के 07 लोकसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के नेताओं को प्रभारी या संयोजक क्यों बनाया गया है? इस सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस महासचिव कहते हैं कि जो प्रभारी या संयोजक बने हैं, वह लोकसभा उम्मीदवार भी बनेंगे यह जरूरी नहीं.

अब पार्टी के अंदर से प्रदेश आलकमान द्वारा लोकसभा वार नियुक्त किये गए इन प्रभारी और संयोजकों पर पार्टी का एक खेमा इस दलील के साथ सवाल खड़ा कर रहा है कि अगर परीक्षार्थी ही अपनी कॉपी जांचने लगे तो उससे ईमानदारी की कितनी उम्मीद की जा सकती है.

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रांची: झारखंड कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. लगभग हर दिन पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अलग-अलग जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक हो रही है. वहीं लोकसभा वार संयोजक और प्रभारी की भी नियुक्ति की गई है. लेकिन नियुक्त संयोजक और प्रभारी को लेकर पार्टी के अंदर ही घमासान मचना शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीट के लिए प्रभारी और संयोजक किए नियुक्त, जानिए किसे दी गई जिम्मेदारी

दरअसल, पिछले मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्य के 14 लोकसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी और संयोजक के नामों की घोषणा की थी. अब इन्हीं 14 लोकसभा क्षेत्रों के संयोजक और प्रभारी में से कम से कम 07 के नाम को लेकर पार्टी के अंदर से ही सवाल उठने लगे हैं. झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव और पुराने कांग्रेस नेता जगदीश साहू कहते हैं कि जो लोग लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं या लड़ने की इच्छा रखते हैं. उन्हें लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी या संयोजक नहीं बनाया जाना चाहिए.

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जगदीश साहू ने कहा कि लोकसभा वार नियुक्त किये गए प्रभारी और संयोजक को कई टास्क दिए गए हैं, जिसमें से एक महत्वपूर्ण काम अपने-अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्र से तीन-तीन मजबूत संभावित उम्मीदवार की सूची भी आलाकमान को देनी है. ऐसे में वह उस सूची से कितना न्याय कर पाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन के लिए जीवन खपा देने वाले लंबे अनुभव वाले नेताओं की कमी नहीं है. अगर उन्हें प्रभारी या संयोजक बनाया जाता, जब वह अपने-अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों के जिताऊ नेताओं की सही सूची से आलाकमान को अवगत कराते.

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पार्टी नेताओं के राजनीतिक अनुभव का लाभ लेना चाहती है-राकेश सिन्हा: इस मामले पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा कहते हैं कि सभी अनुभवी नेताओं को लोकसभा वार प्रभारी और संयोजक बनाया गया है. उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा. ऐसे में 14 में से बाकी के 07 लोकसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के नेताओं को प्रभारी या संयोजक क्यों बनाया गया है? इस सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस महासचिव कहते हैं कि जो प्रभारी या संयोजक बने हैं, वह लोकसभा उम्मीदवार भी बनेंगे यह जरूरी नहीं.

अब पार्टी के अंदर से प्रदेश आलकमान द्वारा लोकसभा वार नियुक्त किये गए इन प्रभारी और संयोजकों पर पार्टी का एक खेमा इस दलील के साथ सवाल खड़ा कर रहा है कि अगर परीक्षार्थी ही अपनी कॉपी जांचने लगे तो उससे ईमानदारी की कितनी उम्मीद की जा सकती है.

Last Updated : Sep 15, 2023, 7:04 PM IST
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