रांची: 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित करने का सरकार का फैसला सवालों के घेरे में हैं. पारा शिक्षकों, पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों और जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने सरकार पर रोजगार को लेकर वादा तोड़ने का आरोप लगाया है. यही नहीं तमाम शिक्षक तो सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ आंदोलन भी चला रहे हैं.
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पारा शिक्षकों से क्या था वादा ?
अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष में रहते हुए ये वादा किया था कि वे अगर सत्ता में आए तो तीन माह के अंदर पारा शिक्षकों को स्थायी कर वेतनमान लागू करेंगे लेकिन 18 माह बीतने के बाद भी इस पर सरकार ने कोई काम नहीं किया है. इसको लेकर पारा शिक्षकों में आक्रोश है और वे वेतनमांग की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर आंदोलन चला रहे हैं.
साल 2021 नियुक्ति वर्ष घोषित
बता दें की हेमंत सोरेन ने एक साल में 5 लाख नौकरी नहीं तो सन्यास के वादे से मुकरने के बाद आलोचना से बचने के लिए 2021 को आनन फानन में नियुक्ति वर्ष घोषित कर दिया, जबकि उसके पास नियोजन नीति का प्रारूप नहीं है. सोमवार को नियुक्ति वर्ष के लगभग छह माह बीत जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं हुई है. इससे तमाम परीक्षाओं के अभ्यर्थियों में आक्रोश है.
पंचायत सचिव के अभ्यर्थी निराश
नियुक्ति की आस में जहां लाखों युवाओं की उम्र खत्म हो रही है. वहीं परीक्षा की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पंचायत सचिव की नियुक्ति नहीं होने से अभ्यर्थी निराश और हताश हैं और खुदकुशी की बात कह रहे हैं.
सरकार से सवाल?
जेपीएससी अभ्यर्थी और सामाजिक कार्यकर्ता सफी इमाम ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से तीखे सवाल किए हैं. ' सफी ने हेमंत सोरेन से कहा कि आप मुख्यमंत्री पद की गरिमा को नहीं बढ़ा सकते तो गिराने का भी आपको कोई हक नहीं हैं. वादा पूरा नहीं कर सकते तो वादा करते क्यों हैं.'