रांचीः राज्य की राजधानी रांची, जहां सरकार बैठती है. उस राजधानी में कैसे जनसरोकार की योजनाओं के लिए आम जनता परेशान है. इस परेशानी की वजह से गरीबों की आंखों से कैसे आंसू छलकता है. इसका नजारा शनिवार को झारखंड कांग्रेस कार्यालय में दिखा, जहां वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की जनसुनवाई आयोजित की गई थी.
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जन सुनवाई में पहुंची 74 वर्षीय आदिवासी महिला शनिचरी उरांव अपना दर्द बयां करते करते हुए फफक-फफककर रोने लगी. उसने कहा कि वृद्धा और विधवा पेंशन के लिए ना जाने कितनी बार कोशिश की. वर्षों से सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाई और बाबुओं से पेंशन देने की गुहार लगाई. लेकिन अब तक पेंशन नहीं मिल रहा है. स्थिति यह है कि दफ्तर का चक्कर काटते काटते थक गए है. वहीं, किशोरगंज की भोनू उरांव कहती हैं कि कोई गरीबों की नहीं सुनता है. मंत्री जी को अपनी फरियाद सुनाई है. उम्मीद है कि शीघ्र वृद्धा पेंशन मिलने लगेगा.
जनसुनवाई के बाद रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार जनहित की योजना बनाने में पीछे नहीं है. लेकिन अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाते हैं. इससे जनहित की योजना निर्धारित समय पर नहीं उतरती है और लोग परेशान होने के मजबूर होते हैं. उन्होंने कहा कि दो वृद्ध महिला की शिकायत मिलते ही रांची सदर एसडीओ को वृद्धा पेंशन का लाभ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामला जमीन विवाद के थे. इसके अलावा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, नौकरी रोजगार, सड़क, बिजली जैसी समस्याओं से संबंधित थे.
कांग्रेस भवन में शनिवार को आयोजित जनसुनवाई के दौरान 42 फरियादियों ने अपनी शिकायत वित्त मंत्री से की और समाधान की गुहार लगाई. जनसुनवाई के दौरान ज्यादातर मामलों में मंत्री ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को फोन पर समस्या के समाधान करने का निर्देश दिया और एक सप्ताह में अपडेट स्टेट्स की मांग की.