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केंद्र और राज्य सरकार से निजी स्कूलों को बचाने की गुहार, पासवा ने आवश्यक पहल का किया आग्रह

रांची में पासवा (PSCWA) की झारखंड इकाई की ओर से रविवार को एक राज्यस्तरीय वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया. कृषि मंत्री ने कहा कि स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार और देश के वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. इसके अलावा कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भी शत-प्रतिशत टीकाकरण हो जाने पर आवश्यक छूट प्रदान की जा सकती है.

Agriculture Minister Badal Patralekh
राज्यस्तरीय वर्चुअल सम्मेलन का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया
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Published : Jun 20, 2021, 4:51 PM IST

रांचीः प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, पासवा (Private Schools and Children Welfare Association, PSCWA) की झारखंड इकाई की ओर से रविवार को आयोजित किया गया. इस एक दिवसीय राज्यस्तरीय वर्चुअल सम्मेलन का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया.

ये भी पढ़ेंः-मंदिर की लाउडस्पीकर से निकली वर्णमाला की वाणी, जानिए पूरी खबर

इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से स्कूल-कॉलेज सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे हालात में सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर भी सरकार चिंतित है और वो लगातार इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के साथ चर्चा करते रहते हैं.

विद्यार्थियों के वैक्सीन हो जाने पर दी जा सकती छूट

कृषि मंत्री ने कहा कि स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन को लेकर भी केंद्र सरकार और देश के वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. इसके अलावा कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भी शत-प्रतिशत टीकाकरण हो जाने पर आवश्यक छूट प्रदान की जा सकती है.

सरकार बुद्धिजीवी वर्ग की समस्याओं को लेकर चिंतित

कोरोना काल में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को असुविधा हुई है. यह बात सरकार के संज्ञान में है. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन की ओर से ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान किया जा रहा है. इसके लिए सरकार उनके प्रति आभार व्यक्त करती है. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार बुद्धिजीवी वर्ग की समस्याओं को लेकर चिंतित है और उनकी सभी मांगों पर संवेदनशीलता के साथ विचार कर रही है.

सम्मेलन में समस्या से अवगत होने का मिला था मौका

पासवा (PSCWA) की रांची में पिछले दिनों हुए पहले सम्मेलन में भी हिस्सा लेकर निजी स्कूल संचालकों की समस्या से अवगत होने का मौका मिला था और सरकार सभी बच्चों के भविष्य के अलावा इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रयासरत है.

इसे भी पढ़ें- निजी स्कूलों का खस्ताहाल...महामारी में दाने-दाने को मोहताज हो रहे प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक, अब सरकार से मदद की आस

पैसे के अभाव में कई शिक्षक की हुई मौत

इस मौके पर पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्मायल अहमद ने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले डेढ़ सालों से निजी स्कूल बंद रहने के कारण इन शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले कई शिक्षक पैसे के अभाव में गुजर गए, कई निजी स्कूल बंद हो गए. केंद्र और राज्य सरकार की अब यह जिम्मेदारी बनती है कि इन स्कूलों को बचाए. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी आग्रह है कि इस दिशा में राज्य सरकार आवश्यक पहल करें.

कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने के लिए धन्यावाद

पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि निजी स्कूलों, छात्रों और अभिभावकों को आपसी तालमेल के साथ पठन-पाठन को आगे बढ़ाना है. महामारी में कई निजी स्कूलों बंदी के कगार पर हैं. निजी स्कूलों के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है जो उचित नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र में आज भी उम्मीद की रौशनी निजी स्कूलों में है. उन्होंने सभी जिला अध्यक्षों को कोरोना काल में भी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया है.

रांचीः प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, पासवा (Private Schools and Children Welfare Association, PSCWA) की झारखंड इकाई की ओर से रविवार को आयोजित किया गया. इस एक दिवसीय राज्यस्तरीय वर्चुअल सम्मेलन का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया.

ये भी पढ़ेंः-मंदिर की लाउडस्पीकर से निकली वर्णमाला की वाणी, जानिए पूरी खबर

इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से स्कूल-कॉलेज सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे हालात में सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर भी सरकार चिंतित है और वो लगातार इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के साथ चर्चा करते रहते हैं.

विद्यार्थियों के वैक्सीन हो जाने पर दी जा सकती छूट

कृषि मंत्री ने कहा कि स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन को लेकर भी केंद्र सरकार और देश के वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. इसके अलावा कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भी शत-प्रतिशत टीकाकरण हो जाने पर आवश्यक छूट प्रदान की जा सकती है.

सरकार बुद्धिजीवी वर्ग की समस्याओं को लेकर चिंतित

कोरोना काल में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को असुविधा हुई है. यह बात सरकार के संज्ञान में है. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन की ओर से ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान किया जा रहा है. इसके लिए सरकार उनके प्रति आभार व्यक्त करती है. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार बुद्धिजीवी वर्ग की समस्याओं को लेकर चिंतित है और उनकी सभी मांगों पर संवेदनशीलता के साथ विचार कर रही है.

सम्मेलन में समस्या से अवगत होने का मिला था मौका

पासवा (PSCWA) की रांची में पिछले दिनों हुए पहले सम्मेलन में भी हिस्सा लेकर निजी स्कूल संचालकों की समस्या से अवगत होने का मौका मिला था और सरकार सभी बच्चों के भविष्य के अलावा इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रयासरत है.

इसे भी पढ़ें- निजी स्कूलों का खस्ताहाल...महामारी में दाने-दाने को मोहताज हो रहे प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक, अब सरकार से मदद की आस

पैसे के अभाव में कई शिक्षक की हुई मौत

इस मौके पर पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्मायल अहमद ने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले डेढ़ सालों से निजी स्कूल बंद रहने के कारण इन शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले कई शिक्षक पैसे के अभाव में गुजर गए, कई निजी स्कूल बंद हो गए. केंद्र और राज्य सरकार की अब यह जिम्मेदारी बनती है कि इन स्कूलों को बचाए. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी आग्रह है कि इस दिशा में राज्य सरकार आवश्यक पहल करें.

कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने के लिए धन्यावाद

पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि निजी स्कूलों, छात्रों और अभिभावकों को आपसी तालमेल के साथ पठन-पाठन को आगे बढ़ाना है. महामारी में कई निजी स्कूलों बंदी के कगार पर हैं. निजी स्कूलों के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है जो उचित नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र में आज भी उम्मीद की रौशनी निजी स्कूलों में है. उन्होंने सभी जिला अध्यक्षों को कोरोना काल में भी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया है.

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