रांची: भारत सरकार द्वारा हिट एंड रन के नए कानून लाने के बाद वाहन चालकों के द्वारा पूरे देश में विरोध के स्वर सुनने को मिल रहे हैं. राजधानी रांची सहित पूरे झारखंड में भी चालकों का संगठन इसका विरोध कर रहा है. मंगलवार को राजधानी रांची में आने वाले सभी यात्री बसों के चालकों को लोगों ने फूल देकर स्वागत किया. फूल देकर स्वागत करने वाले लोगों ने कहा कि एक तरफ सख्त कानून के खिलाफ चालक विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर यात्रियों को दिक्कत ना हो इसलिए कुछ बसों का परिचालन भी किया जा रहा है. इसीलिए ऐसे चालकों को फूल देकर स्वागत किया गया है.
वहीं मंगलवार को चालकों के विरोध की वजह से राजधानी के सभी बस स्टैंड से विभिन्न जिलों में जाने वाली बसों की सेवा बाधित रही. सरकारी बस स्टैंड से जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, कोडरमा जैसे जिलों में जाने वाली गाड़ियां बंद पड़ी रही. खादगढ़ा और आईटीआई बस स्टैंड से भी अन्य राज्यों के लिए चलने वाली गाड़ी बंद रही.
बसों की सेवा बाधित होने से आम लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हजारीबाग के बरही जाने के लिए इंतजार कर रहे यात्री ओमप्रकाश ने कहा कि वह सुबह से ही बसों के इंतजार में दर-दर भटक रहे हैं लेकिन किसी भी स्टैंड से हजारीबाग जाने के लिए उन्हें बस नहीं मिल रही है.
ट्रेन से जाने के लिए उन्हें शाम तक का इंतजार करना पड़ेगा, ऐसे में बस ही एकमात्र साधन है लेकिन बस चालकों की हड़ताल उन्हें अपने मंजिल तक पहुंचने में रोक रही है. वहीं रांची से कोडरमा के लिए जा रहे एक दंपती ने कहा कि सरकार को चालकों की मांग पर विचार करना चाहिए, नहीं तो चालकों की हड़ताल आम लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर देगी.
बस चालकों की हड़ताल होने की वजह से छोटे वाहनों के चालक अपनी मोनोपोली कर रहे हैं. कई बस स्टैंड से लोगों को आसपास जिले में जाने के लिए दोगुना से ज्यादा भाड़ा चार्ज कर रहे हैं. बस सेवा प्रभावित होने से खादगढ़ा बस स्टैंड पर मौजूद बस चालकों ने भी कहा कि वह भी यही चाहते हैं कि गाड़ियों का चक्का जाम ना हो, लोगों को बसों के लिए भटकना न पड़े लेकिन सरकार ने जिस तरह का नया कानून लाया है, ऐसे में हम सभी ड्राइवर मजबूरन स्टेयरिंग छोड़ो आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. सरकार के इस कानून के खिलाफ मंगलवार को राजधानी के कई बस चालक काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करने की बात कर रहे हैं तो वहीं कई बस चालक संगठन आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं.
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