रांची: असिस्टेंट प्रोफेसर की नई नियुक्ति नियमावली के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है. रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर शिक्षकों ने हेमंत सरकार और शिक्षा विभाग का पुतला दहन कर नई नियमावली को वापस लेने की मांग की है. आंदोलनरत शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि इस नई नियुक्ति नियमावली से झारखंड के युवाओं को काफी नुकसान होगा.
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शिक्षकों ने किया उच्च शिक्षा विभाग के सचिव का पुतला दहन: झारखंड के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले अंक में एक नियमावली के तहत बदलाव किए जाने की बात सामने आने के बाद राज्य के असिस्टेंट प्रोफेसर आक्रोशित हैं. इसे लेकर लगातार आंदोलन हो रहा है. इसी कड़ी में अल्बर्ट एक्का चौक के समीप इन शिक्षकों ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव केके खंडेलवाल का पुतला दहन किया. इस दौरान शिक्षक काफी आक्रोशित दिखे.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, नियमावली में बदलाव करते हुए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति में शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले अंक में बदलाव कर दिया है. इसके तहत देश के टॉप शिक्षण संस्थानों से A+ और A++ ग्रेडिंग प्राप्त यूनिवर्सिटी से PHD करने वाले अभ्यर्थियों को 30 अंक दिए जाने का प्रावधान किया गया है. जबकि टॉप 100 में झारखंड की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है. ऐसे कई विवि है जिनका मूल्यांकन तक नैक से नहीं हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि इसमें दिए गए प्रावधान के कारण राज्य के शिक्षक विश्वविद्यालयों में पीएचडी की डिग्री लेकर घूमेंगे और उनकी नियुक्ति नहीं होगी.
विरोध पर सरकार का जवाब: इधर मामले को तूल पकड़ता देख विभागीय स्तर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से एक सूचना जारी की गई है. झारखंड में लेक्चरर नियुक्ति के मामलों के समाचार के बाद उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक सूरज कुमार ने कहा है कि झारखंड में लेक्चरर नियुक्ति का मामला विचाराधीन है. नियुक्ति प्रक्रिया पर मंथन हो रहा है. सरकार द्वारा इस विषय पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मालूम हो कि विभिन्न माध्यमों से यह प्रकाशित किया गया है कि झारखंड ने नैक ग्रेडिंग के आधार पर लेक्चरर नियुक्ति में प्वाइंट देने का नियम बनाया है. जबकि राज्य सरकार की ओर से अब तक लेक्चरर नियुक्ति के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.