रांचीः झारखंड में आदिवासियों और जल, जंगल, जमीन तथा विस्थापन के विरोध में सक्रिय 84 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की एनआईए द्वारा भीमा कोरेगांव मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं का विरोध सड़कों पर दिखने लगा है. इसी के तहत आज रांची के अल्बर्ट एक्का चौक में विभिन्न आदिवासी और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर कोरेगांव मामले में हुए स्टेन स्वामी पर फर्जी मुकदमा की बात करते हुए स्टेन को रिहा करने की मांग की.
सामाजिक कार्यकर्ताओं और आदिवासी नेताओं ने कहा कि स्टेन लगातार राज्य के आदिवासियों एवं मूलवासियों के हक में आवाज उठाते रहे हैं.
विस्थापन, कॉर्पोरेट द्वारा संसाधनों की लूट और विचाराधीन कैदियों की स्थिति पर उन्होंने मुखर होकर काम किया है, झारखंड की भाजपा सरकार द्वारा सीएनटी, एसपीटी कानून एवं भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में हुए जनविरोधी संगठनों का लगातार मुखरता से विरोध करते आए हैं.
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यहां तक की पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा गांव की जमीन को लैंड बैंक में डालकर कोर्ट के हवाले करने की भी जमकर मुखालफत की थी.इन सभी कार्यों की वजह से इस स्टेन को फर्जी मुकदमा के तहत गिरफ्तार किया गया. इसलिए इस मानव श्रृंखला का उद्देश्य यही है कि निर्दोष स्वामी को जल्द से जल्द रिहा किया जाए.
भीमा कोरेगांव केस में एनआईए ने फादर स्टेन स्वामी को हिरासत में लिया है. एनआईए की टीम स्टेन स्वामी के साथ उनके करीबी सोलोमन डेविड को भी रात में देखभाल के लिए साथ ले गई. स्टेन स्वामी को हिरासत में लेने का झारखंड जनाधिकार महासभा ने विरोध किया है.