रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में अतिक्रमण एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है. प्रबंधन के साथ-साथ अतिक्रमण कर रहे लोग भी इससे परेशान होते नजर आ रहे हैं. बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए रिम्स प्रबंधन की तरफ से पिछले कुछ दिनों से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सख्ती भी बरती जा रही है. जिसको लेकर रिम्स के सड़क किनारे ठेले खोमचे लगाने वाले लोग आए दिन प्रबंधन के खिलाफ विरोध दर्ज कराते देखे जाते हैं.
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पिछले दिनों भी रिम्स प्रबंधन के खिलाफ ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों ने प्रदर्शन किया. लोगों ने कहा कि प्रबंधन यदि चाहे तो रिम्स परिसर में सभी ठेले खोमचे लगाने वाले गरीब लोगों को जगह दे सकती है लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के कारण गरीब लोग सड़क किनारे ठेले खोमचे लगाते हैं. ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों ने कहा कि जो भी लोग रिम्स परिसर में ठेले खोमचे लगाते हैं वह आस-पास के स्थानीय लोग हैं. रिम्स के आसपास रहने वाले लोग ठेले खोमचे लगाकर अपना रोजगार करते हैं और घर परिवार चलाने का काम करते हैं. प्रबंधन स्थानीय लोगों के साथ बदसलूकी कर उन्हें हटाने का काम करती है. रिम्स प्रबंधन को पहले स्थानीय लोग और ठेले खोमचे वाले से बातचीत करनी चाहिए ताकि कोई निष्कर्ष निकल सके ना कि उनके ऊपर अपने सुरक्षाबलों से लाठी चलवा कर बर्बरतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए.
वहीं हमने जब लोगों से पूछा कि आखिर वह क्या चाहते हैं, क्योंकि रिम्स एक संवेदनशील जगह है यहां पर ठेला खोमचा लगाने से यदि मरीजों को परेशानी होती है तो निश्चित रूप से प्रबंधन की कार्रवाई जायज है. इस सवाल पर लोगों ने जवाब देते हुए कहा कि रिम्स प्रबंधन यदि चाहती है कि ट्रामा सेंटर या मुख्य गेट के आसपास ठेले खोमचे ना लगे तो उस सभी ठेले खोमचे वाले को मुख्य गेट के पास बने खाली मैदान में स्थान मुहैया करा दे ताकि ठेले खोमचे वाले लोग वहां पर आसानी से अपना व्यापार कर सके.
लोगों ने कहा कि कुछ वर्ष पहले सभी ठेले खोमचे वाले मुख्य द्वार के पास बने मैदान में ही अपना ठेला लगाते थे. जिससे ठेले खोमचे वाले को राहत होती थी. पिछले कुछ दिनों से उस जगह पर एंबुलेंस चालकों को एंबुलेंस पार्क करने की अनुमति दे दी गई है. जिस वजह से सभी ठेले खोमचे वाले सड़क किनारे दुकान लगाने को मजबूर हो गए हैं.
वहीं हमने जब पूछा कि रिम्स प्रबंधन की तरफ से ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों को एक जगह भी मुहैया कराई गई है तो फिर सभी ठेले वाले उस जगह पर अपना ठेला क्यों नहीं लगाते. इस सवाल पर ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों ने जवाब देते हुए कहा कि जो जगह निगम और प्रबंधन की तरफ से मुहैया कराई गई है उस जगह पर मरीजों और परिजनों का पहुंचना मुश्किल है, जिससे व्यापार करने वाले ठेले खोमचे वालों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है.
पूरे मामले पर हमने जब रिम्स प्रबंधन के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के आसपास जिस तरह से ठेले खोमचे वाले अतिक्रमण कर रहे हैं. इससे एंबुलेंस और डॉक्टरों को अपनी गाड़ी ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लगातार मिल रही शिकायत के बाद रिम्स प्रबंधन ने करवाई शुरू की है. उन्होंने बताया कि कई बार नगर निगम को भी सूचित किया गया है लेकिन निगम की तरफ से संज्ञान नहीं लिया जाता है.
ऐसे में प्रबंधन की तरफ से अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए सख्ती बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों को लगता है कि प्रबंधन से बात कर कुछ रास्ता निकल सकता है तो प्रबंधन इसके लिए तैयार है लेकिन ट्रॉमा सेंटर और अस्पताल के महत्वपूर्ण जगहों पर अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ प्रबंधन अतिक्रमण हटाओ अभियान को मजबूत करने में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोग और ठेले खोमचे वाले इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ दिख रहे हैं. अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि रिम्स में अपनी दुकान चला रहे सैकड़ों ठेले खोमचे वाले को प्रबंधन की तरफ से कहां जगह मिलती है और इनको लेकर क्या कुछ निर्णय लिए जाते हैं.